इस देश और दुनिया में लड़कियों को पैसा कमाने के लिए क्या क्या करना पड़ता है, इसकी सच्चाई आज हम आपको बताना चाहते है। जी हां आपको जान कर दुःख होगा कि उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में कम उम्र की लड़कियों का शारी’रिक शोषण किया जाता है और ये सच्चाई खुद उन लड़कियों में से एक लड़की ने ब्यान की है। बता दे कि न केवल अपना दर्द खदान मजदूर लड़कियों ने सुनाया बल्कि साथ ही ये भी बताया कि किस तरह यहाँ काम के बदले उनके साथ गलत किया जाता है।
लड़कियों को ऐसे करनी पड़ती है कमाई :
इस बारे में चित्रकूट के डफई गांव की रहने वाली एक लड़की का कहना है कि जब खदान पर जा कर काम मांगते है तो उन्हें ये जवाब मिलता है कि पहले शरीर दो तभी काम मिलेगा। ऐसे में मजबूरी की वजह से बहुत सी लड़कियों को काम पर लगना ही पड़ता था। इसके इलावा लड़की ने ये भी बताया कि खदान के क्रशर पर काम करने वाले लोग कहते है कि तुम्हें काम पर नहीं रखेंगे और ऐसे में पेट भरने के लिए काम करना ही पड़ता है।
बता दे कि एक रिपोर्ट के अनुसार इस बात का खुलासा हुआ है कि खदानों में नाबालिग लड़कियों के साथ यौ’न शोषण किया जाता है। जी हां आपको जान कर हैरानी होगी कि थोड़ी सी रोटी कमाने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और उसके साथ ही वहां ठेकेदारों को शरीर भी बेचना पड़ता है। यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो महज दो सौ और तीन सौ रूपये के लिए इन बेटियों के साथ ऐसा जु’ल्म किया जाता है।
माता पिता का पेट भरने के लिए करना पड़ता है ये काम :
यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि जिस लड़की ने ये तकलीफ ब्यान की है, वो पढ़ने लिखने की उम्र में खदानों में पत्थर उठाने का काम करती है और अपने परिवार का बोझ खुद अपने कंधों पर उठा कर चलती है। ऐसे में अगर कोई लड़की काम करने से मना कर दे तो उसे पहाड़ से नीचे फेंकने की धमकी दी जाती है। यहाँ तक कि जिस व्यक्ति द्वारा शारी’रिक शोषण किया जाता है, वह व्यक्ति अपना नाम तक नहीं बताता और लड़की से कहा जाता है कि बिना नाम जाने शरीर दोगी तभी काम मिलेगा।
गौरतलब है कि मजबूर माता पिता भी ये सब कुछ चुपचाप देखते रहते है, क्यूकि पेट करने के लिए उनके पास और कोई साधन नहीं होता। वही इस बारे में लड़की की माँ का कहना है कि काम से आने के बाद जब बेटियां बताती है कि उनके साथ क्या क्या हुआ, तब वो सब कुछ सुन लेती है, लेकिन कुछ कर नहीं पाती। वो इसलिए क्यूकि घर परिवार भी चलाना है और लड़की को अपने पिता का इलाज भी करवाना है।
मेहनत और मजदूरी करने के बाद भी इस शर्त पर दिया जाता है मेहनताना :
बता दे कि चित्रकूट की पहाड़ियों पर करीब पचास क्रशर चलते है और ऐसे में भुखमरी तथा बेरोजगारी की मार झेल रहे समाज के लिए यही कमाई का जरिया है। हमारी गरीबी का फायदा उठा कर बिचौलिए और ठेकेदार बच्चियों का शो’षण करते है। आपको जान कर अफसोस होगा कि खदानों में काम करने वाली ज्यादातर लड़कियों की उम्र दस से अठारह के बीच होती है।
यहाँ तक कि मेहनत और मजदूरी करने के बावजूद भी लड़कियों को तब तक पैसे नहीं दिए जाते, जब तक वो ठेकेदारों और उनके साथियों की बात नहीं मान लेती। तो इस तरह से खदान मजदूर लड़कियों ने सुनाया अपना दर्द और बताया कि किस तरह से समाज के ठेकेदार उनका शोषण करके उनकी मजबूरी का फायदा उठाते है।