जब अरुण गोविल को भगवान राम का किरदार निभाना पड़ा महंगा, बोले ‘सम्मान मिला, काम नहीं’
रामानंद सागर के निर्देशन में निर्मित धारावाहिक रामायण आज भी दर्शकों को याद है। इस सीरियल में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने बताया है कि भगवान राम का किरदार निभाने के बाद मुझे काफी प्रसिद्धि मिली, लेकिन अफसोस जताया कि उन्हें रामायण के बाद कोई भी कमर्शियल फिल्म नहीं मिली।
कमर्शियल फिल्मों में काम मिलना हो गया बंंद :
अरुण गोविल ने एक इंटरव्यू में कहा कि रामायण के बाद कई अच्छी चीजें हुई तो कुछ बुरी चीजें भी हुई। अच्छी बात यह है कि राम के किरदार से मुझे काफी प्रसिद्धि मिली। मुझे ये रोल दिया गया। मुझे बहुत आदर और सम्मान मिलने लगा, लेकिन मुझे कमर्शियल फिल्मों से पूरी तरह बाहर कर दिया गया। जब मैं काम के लिए निर्माताओं और निर्देशकों के पास गया, तो वे कहते थे कि आपने राम की भूमिका इतनी प्रभावी ढंग से निभाई है कि लोग आपको अन्य भूमिकाओं में नहीं देख सकते। लोग आपमें केवल भगवान राम देखते हैं, उन्हें आपके चेहरे में कोई और नहीं दिखता। इस वजह से मुझे कमर्शियल फिल्में मिलनी बंद हो गई।
अरुण गोविल ने आगे कहा कि उन्होंने कुछ ‘ग्रे’ किरदार करके अपनी छवि बदलने की कोशिश की, मगर जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि ये उनके लिए नहीं है। उन्होंने कहा, ‘एक एक्टर के लिए ये अच्छा नहीं है। इसका नकारात्मक प्रभाव कई सालों तक मुझ पर रहा। उस समय मुझे समझ ही नहीं आता था कि मैं क्या करूंं..?’ फिल्मों में तो काम था नहीं, टीवी पर ही कुछ ग्रे शेड्स के किरदार निभाने की कोशिश की, मगर फिर जल्द ही एहसास हो गया कि ये मेरे लिए नहीं है।
बता दें, फिल्म ‘हुकस बुकस’ एक कश्मीरी पंडित पिता के सिद्धांत, बेटे के जुनून, कश्मीर और क्रिकेट की दिल छू लेने वाली कहानी है। बाप-बेटे की भूमिका में अरुण गोविल और दर्शील सफारी हैं। फिल्म का निर्देशन विनय भारद्वाज और सौमित्र सिंह ने किया है और फिल्म की कहानी रणजीत सिंह मशियाना ने लिखी है।