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रेगिस्तान का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन है माउंट आबू, प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लेना है तो इन जगहों पर जरूर जाएं, यादगार रहेगा सफर

बता दे कि अगर आप अपने परिवार, दोस्तों या नई शादी के बाद अपने पार्टनर के साथ किसी खूबसूरत जगह पर घूमने के लिए जाना चाहते है तो माउंट अबू से बेहतरीन जगह कोई हो ही नहीं सकती। हालांकि माउंट अबू जाने से पहले माउंट अबू की पूरी जानकारी और यहां घूमने वाली जगहों के बारे में सब कुछ अच्छी तरह से जरूर पढ़ ले। तो चलिए अब आपको इस खूबसूरत जगह की सैर कराते है। गौरतलब है कि माउंट अबू एक हिल स्टेशन है, जो राजस्थान राज्य के सिरोही जिले में स्थित है और यह गुजरात बॉर्डर से काफी नजदीक है।

माउंट अबू की पूरी जानकारी यहां पढ़े :

बहरहाल यह राजस्थान में एक मात्र हिल स्टेशन है और रेगिस्तानी राज्य में होने के बावजूद भी माउंट अबू में नदी, तालाब, झरने तथा सदाबहार जंगल मौजूद है, जो इसे बहुत ज्यादा खूबसूरत बनाते है। यही वजह है कि माउंट अबू को एन ओएसिस इन द डेजर्ट भी कहा जाता है। जो आकर्षक पर्यटक जगहों से भरा हुआ है। हालांकि अगर आप इस जगह पर घूमने का प्लान बना रहे है तो आपको एक हफ्ता तो निकालना ही होगा, क्योंकि यहां हर जगह का नजारा देखने में कम से कम तीन से चार दिन तो लग ही जाते है।

वही अगर हम माउंट अबू के वातावरण की बात करे तो यहां की जलवायु काफी शांत और मन को प्रभावित करने वाली है। इसलिए यहां आ कर लोग काफी रिलेक्स और आनंद का अनुभव करते है। बता दे कि पूरा साल माउंट अबू का मौसम एक जैसा नहीं रहता। जी हां गर्मियों में इसका तापमान 31 से 36 डिग्री तक रहता है और तब यहां का मौसम हल्का गर्म रहता है। जब कि बरसात में इसका तापमान 28 से 34 डिग्री रहता है और तब यहां रुक रुक कर बारिश होती है। जिसके चलते माउंट अबू का मौसम काफी ठंडा रहता है। मगर सर्दियों में इसका तापमान 16 से 22 डिग्री होने के कारण माउंट अबू का मौसम काफी ठंडा तथा सुहावना होता है। अब अगर हम माउंट अबू के दर्शनीय स्थल की बात करे तो वो कुछ इस प्रकार है।

माउंट अबू के दर्शनीय स्थल :

दिलवाड़ा जैन मंदिर : बता दे कि यह मंदिर पांच मंदिरों का समूह है और इसका निर्माण ग्यारहवीं तथा तेरहवीं शताब्दी के बीच गुजरात के सोलंकी शासकों के द्वारा हुआ था। जी हां यह मंदिर राजस्थान के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है और इस मंदिर में आपको काफी कलाकृतियां भी देखने को मिलेगी। बहरहाल यह मंदिर माउंट अबू से 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां घूमने के लिए आपको करीब दो घंटे का समय लग जाएगा। यह मंदिर जैन लोगों के लिए सुबह छह बजे से शाम को छह बजे तक खुला रहता है। जब कि अन्य यात्रियों के लिए यह दोपहर बारह बजे से शाम को छह बजे तक खुला रहता है।

 

नक्की झील : बता दे कि यह माउंट अबू का सबसे प्रमुख प्वाइंट है, जहां रुकने के लिए काफी व्यवस्था है। जी हां यह जगह बोटिंग के लिए फेमस है और अगर आप यहां आएं तो बोटिंग जरूर करे। वैसे आपको बता दे कि नक्की झील पर महात्मा गांधी की अस्थियां भी विसर्जित की गई थी और उसके बाद ही गांधी घाट का निर्माण किया गया था। हालांकि माउंट अबू से इस की दूरी करीब एक किलोमीटर है और यहां घूमने में आपको कम से कम दो से तीन घंटे का समय लग जाएगा।

गुरु शिखर चोटी : बता दे कि यह माउंट अबू की सबसे ऊंची चोटी है, जो अरावली पर्वतमाला के क्षेत्र में स्थित है और समुद्र तल से इस की ऊंचाई लगभग 1722 मीटर है। बहरहाल यहां माउंट अबू वेधशाला और गुरु दत्तात्रेय जी का गुफा मंदिर भी स्थित है। यहां मुख्य मंदिर के इलावा तीन और मंदिर  चामुंडी मंदिर, शिव मंदिर तथा मीरा मंदिर भी है। बता दे कि गुरु शिखर, माउंट अबू से लगभग पंद्रह किलोमीटर दूर है और इसलिए यहां घूमने के लिए आपको बाइक या कार किराए पर लेनी पड़ेगी। बहरहाल गुरु शिखर पहाड़ी की तलहटी पर पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है और यहां से ऊपर मंदिर तक जाने के लिए लगभग तीन सौ सीढियां चढ़नी पड़ती है। वैसे आपको यहां पालकी की सुविधा भी मिल जाएगी, जिसका किराया करीब छह सौ से आठ सौ रूपए है।

अरबुडा देवी मंदिर : बता दे कि यह मंदिर माउंट अबू का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है और अरबुडा देवी का मुख्य मंदिर एक गुफा के भीतर स्थित है तथा यहां तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 365 सीढियां चढ़नी पड़ेंगी। इस मंदिर को आधार देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और यह माउंट अबू से करीब दो किलोमीटर दूर है। यहां मंदिर सुबह पांच बजे से बारह बजे तक और शाम को चार बजे से आठ बजे तक खुला रहता है।

अचलगढ़ किला : बता दे कि यह किला जिस परमार शासकों ने बनवाया था, उसी के भग्नावशेष पर महाराणा कुम्भा ने अचलगढ किला बनवाया था। यह किला माउंट अबू से करीब ग्यारह किलोमीटर दूर है और यह सुबह छह बजे से आठ बजे तक खुला रहता है।

सनसेट प्वाइंट : बता दे कि सनसेट प्वाइंट नक्की झील के निकट ही स्थित है और यहां ऊंचाइयों पर अलग अलग व्यू पॉइंट्स बनाए गए है, जहां से आप सूर्यास्त तथा पहाड़ी श्रृंखलाओं के खूबसूरत दृश्य देख सकते है। यह माउंट अबू से करीब 2.5 किलोमीटर दूर है और यहां प्रवेश करने का शुल्क पचपन रुपए है। जी हां आप यहां सुबह आठ बजे से छह बजे तक जा सकते है।

धुरधिया वॉटरफॉल : बता दे कि यह वॉटरफॉल राजस्थान के सबसे खूबसूरत झरनों में से एक है तथा यह झरना माउंट अबू के काफी करीब है। जी हां मानसून के दिनों में इस की खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ जाती है। बहरहाल ये घने जंगल तथा पहाड़ियों के बीच घिरा हुआ है तो ऐसे में इस जगह पर ट्रेकिंग करना काफी रोमांचित होता है। यह माउंट अबू से करीब सात किलोमीटर दूर है और आप यहां सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक जा सकते है।

हनीमून पॉइंट : बता दे कि माउंट अबू आने के बाद हनीमून पॉइंट जाना कभी न भूले, क्योंकि यहां का नजारा काफी खूबसूरत तथा अनोखा होता है। हालांकि आप यहां टैक्सी या बाइक से भी आ सकते है, लेकिन अगर आपके पास समय है तो आप ट्रेक करके भी आ सकते है। जी हां यहां ट्रेकिंग का मजा ही अलग होता है। यह माउंट अबू से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित है तथा आप यहां सुबह आठ बजे से शाम को छह बजे तक जा सकते है।

ट्रेवर्स टैंक : गौरतलब है कि इसका नाम एक ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल जी. एच. ट्रेवर के ऊपर है और इस जगह को क्रोकोडाइल पार्क भी कहा जाता है। वो इसलिए क्योंकि यहां कृत्रिम झील है, जिसे मगरमच्छों के प्रजनन के लिए बनाया गया था। ऐसे में यहां आपको बहुत सारे मगरमच्छ, चिड़िया और लंगूर आदि भी देखने को मिलेंगे। यह माउंट अबू से पांच किलोमीटर दूर है और आप यहां सुबह नौ बजे से शाम को पांच बजे तक जा सकते है। बहरहाल भारतीय लोगों के लिए इसका प्रवेश शुल्क पचपन रुपए है, लेकिन विदेशियों के लिए इसका शुल्क तीन सौ तीस रुपए है।

वाइल्ड लाइफ अभ्यारण्य : बता दे कि यहां आपको कई तरह के वन्यजीव जैसे जंगली बिल्ली, भालू, भेड़िया, हायना और भारतीय लोमड़ी भी देखने को मिल सकते है। इसके इलावा यहां करीब दो सौ पचास तरह के पक्षियों की प्रजातियां और कई तरह की वनस्पति भी देखने को मिलती है। यह लगभग दो सौ अठासी किलोमीटर तक फैला हुआ है और यह अरावली पर्वत श्रेणी के मध्य स्थित है। जी हां यह सुबह नौ बजे से शाम को साढ़े पांच बजे तक खुला रहता है और भारतीयों के लिए यहां का शुल्क पचास रुपए है। जब कि विदेशियों के लिए तीन सौ रुपए है।

पीस पार्क : गौरतलब है कि अगर आप प्राकृतिक सुंदरता, अध्यात्म और शांति की खोज कर रहे है तो पीस पार्क जरूर जाएं, लेकिन ध्यान रखे कि यहां फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है। यह माउंट अबू से सात किलोमीटर दूर है और यह सुबह साढ़े दस बजे से शाम को पांच बजे तक खुला रहता है। बहरहाल यहां आप फ्री में घूम सकते है।

टोड रॉक : बता दे कि यह कछुए के आकार में है और इसलिए इसे टोड रॉक कहा जाता है। यहां पहुंचने के लिए आपको नक्की झील के पीछे के रास्ते से जाना होगा और यह काफी ऊबड़ खाबड़ रास्ता है तथा यहां जाने के लिए सीढ़ियां भी नहीं है। इसलिए यहां दिन के समय जाना ही सही है तथा यहां जाने का कोई शुल्क भी नहीं है।

लकी सेलेब्रिटी वेक्स म्यूजियम : बता दे कि ये माउंट अबू में घूमने की बेहतरीन जगहों में से एक है तथा यहां दो मंजिला संग्रहालय है। जी हां यहां प्रसिद्ध लोगों की मोम की प्रतिमाएं देखने को मिलती है तथा यहां आप अपने पूरे परिवार के साथ राज नेता और फिल्मी अभिनेताओं के साथ फोटोग्राफी भी कर सकते है। बहरहाल यहां नौ डी एक्शन सिनेमा, हॉरर हाउस, भूल भुल्य्या फूड कोर्ट तथा मिरर मेज़ भी है। यह माउंट अबू से करीब आठ किलोमीटर दूर है तथा यहां मोम संग्रहालय का प्रवेश शुल्क एक सौ पचास रूपए, नौ डी एक्शन सिनेमा का शुल्क दो सौ रुपए, हॉरर हाउस का शुल्क सौ रुपए तथा मिरर मेज का शुल्क सौ रुपए है।

माउंट अबू में एन्जॉय करने के लिए है बहुत सी चीजें :

दर्शनीय स्थलों की यात्रा : बता दे कि माउंट अबू में कई दर्शनीय स्थल है, तो माउंट अबू जाने के बाद उन सभी जगहों की यात्रा जरूर करे।

नौका विहार : बहरहाल माउंट अबू में नक्की झील में बोटिंग जरूर करे और अगर आपको पहाड़ पर चढ़ना पसंद है तो गुरुशिखर चोटी की चढ़ाई जरूर करे।

माउंट अबू वन्यजीव अभ्यारण्य : बता दे कि आप माउंट अबू के वन्यजीव अभ्यारण्य में कई तरह के विदेशी पक्षियों और जानवरों को देखने का लुफ्त उठा सकते है। इसके साथ ही माउंट अबू के सनसेट प्वाइंट पर आप सूर्योदय और सूर्यास्त का आनंद भी ले सकते है।

हाइकिंग : बता दे कि नक्की झील से सनसेट प्वाइंट तक जाने के लिए आप हाइकिंग वाला रास्ता चुन सकते है और हाइकिंग का मजा ले सकते है। इसके इलावा आप हॉट एयर बलून राइडिंग, मगरमच्छ और चिड़ियों को देखना, नक्की झील मार्केट से शॉपिंग करना आदि सब चीजें भी कर सकते है।

माउंट अबू घूमने का सही समय :

गौरतलब है कि माउंट अबू एक ऐसा हिल स्टेशन है, जहां आप साल भर में कभी भी घूम सकते है और यहां आप किसी भी मौसम में आयेंगे तो आपको केवल आनंद की ही अनुभूति होगी। फिर भी माउंट अबू जाने के लिए नवंबर से अप्रैल के बीच का समय सबसे ज्यादा अच्छा है। हालांकि अगर आपको ज्यादा ठंड पसंद नहीं है तो आप मार्च या अप्रैल के महीने में जा कर एन्जॉय कर सकते है।

कैसे पहुंचे मांउट अबू :

यहां गौर करने वाली बात ये है कि माउंट अबू उदयपुर हवाई अड्डा से मात्र एक सौ पचासी किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अबू रोड रेलवे स्टेशन माउंट अबू से मात्र अठाईस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बहरहाल इस रेलवे स्टेशन पर जयपुर, दिल्ली, अहमदाबाद और जोधपुर से सीधे ट्रेन मिल जाती है। ऐसे में अगर आप दिल्ली शहर में रहते है तो कश्मीरी गेट बस अड्डा से माउंट अबू के लिए डायरेक्ट बस ले सकते है और आप भले ही कही भी रहते हो, लेकिन वहां से मांउट अबू पहुंचने के लिए या तो सीधे उदयपुर या जयपुर हवाई अड्डा का टिकट करवा लीजिए।

जी हां उदयपुर हवाई अड्डा से आपको मांउट अबू पहुंचने के लिए आराम से बस या टैक्सी मिल सकती है। बता दे कि अगर रोड के माध्यम से जाना चाहते है तो पहले आपको अबू रोड आना पड़ेगा और अबू रोड आप बस या कार से पहुंच सकते है।

मांउट अबू में ठहरने के लिए है बहुत सारे होटल्स :

बता दे कि माउंट अबू में ठहरने के लिए बहुत से होटल्स है। जैसे कि होटल हिल्टन, होटल टॉपर्स कॉर्नर माउंट अबू, द जयपुर हाउस, होटल मगनजी, होटल नारायण विला, होटल गोल्डन बेरी आदि होटल्स में रुक सकते है।

मांउट अबू जाने में होगा इतना खर्चा :

गौरतलब है कि माउंट अबू जाने से पहले आपको घर से मांउट अबू जाने तक का किराया लगेगा और ये किराया आपके घर तथा माउंट अबू के बीच की दूरी पर निर्भर करता है। इसके बाद माउंट अबू के किसी भी होटल में दो लोगों के लिए एक दिन का दो से तीन हजार रुपए का खर्चा लगेगा। इसके बाद हर रोज दो लोगों के घूमने और खाने में लगभग एक हजार रुपए का खर्चा आएगा।

हालांकि वक्त की कमी होने की वजह से आप दो दिन में भी माउंट अबू की सभी जगहों पर घूम सकते है, लेकिन फिर भी हो सके तो मांउट अबू फुरसत के पल निकाल कर ही जाएं। बहरहाल अब तो आपको मांउट अबू की पूरी जानकारी मिल गई होगी, तो हम उम्मीद करते है कि अब आपको माउंट अबू घूमने में कोई दिक्कत नहीं होगी। दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी, इस बारे में हमें अपनी राय जरूर दीजियेगा।

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