अध्यात्म

तनाव और शांति के लिए रामबाण है मेडिटेशन करना, मेडिटेशन के इन फायदों के बारे में नहीं जानते होंगे आप

ध्यान लगाने या मेडिटेशन करने के बहुत सारे फायदे हैं, इसे प्रक्रिया काे कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। दरअसल, लगातार एक जगह स्थिर रहने या बैठे रहने पर आपका हार्ट रेट कम हो जाता है और कॉर्टिसोल रेट भी कम हो जाता है। इसलिए ध्यान लगाने की आदत आपको डिप्रेशन, दर्द, घबराहट और नींद की परेशानियों से निजात दिला सकती है। यह दिमाग के लिए स्ट्रेचिंग का काम भी करता है।

ध्यान कैसे लगाते हैं? इसकी शुरुआत कैसी करनी है? क्या फर्श पर बैठना चाहिए? क्या ऐप की मदद लेनी चाहिए? कोई मंत्र का जाप करना चाहिए? मेडिटेशन टीचर्स और साइकोलॉजिस्ट कहते हैं कि ध्यान लगाने का हर किसी का अपना तरीका हो सकता है, जो आपको सही लगे उसे अप्लाई करना चाहिए।

Meditation

विकास के लिए :

जब ठहराव का अनुभव होता हैं और बढ़ना चाहते हैं, तो मेडिटेशन हमारी सफलता और सीखने में तेजी लाने में मदद करती है। मेडिटेशन का मूल उद्देश्य विकास सकारात्मकता उत्पादकता और प्रगति है। मेडिटेशन मस्तिष्क पर एक शक्तिशाली प्रभाव डालता है क्योंकि यह हमें खुद से बात करने में मदद करता है।

मेडिटेशन स्वयं से एक मजबूत संबंध स्थापित करता है। आत्म-चर्चा की इस प्रक्रिया के माध्यम से व्यवहार, जीवन शैली, विचारों और आदतों के संदर्भ में अपने लिए परिवर्तन ला सकते हैं। स्वास ध्यान, स्थिर ध्यान और त्राटक ध्यान जैसी मेडिटेशन तकनीकें मस्तिष्क का पूर्ण उपयोग करती हैं और मस्तिष्क रसायन विज्ञान में परिवर्तन लाती हैं जिससे जीवन जीने के तरीके में बदलाव आता है।

मेडिटेशन योग के उन उपकरणों में से एक है जो मन को शांत करता है और इसमें एक शक्तिशाली उपचार क्षमता होती है। मेडिटेशन विचार प्रक्रियाओं को ढालने का अभ्यास है ताकि यह केवल अच्छाई की ओर ले जाए। विचारों को उत्पादकता और विकास की ओर ले जाने से जीवन शक्ति और ऊर्जा मजबूत होती है।

नर्वस सिस्‍टम पर मेडिटेशन का प्रभाव :

मेडिटेशन को हार्मोन और न्यूरोट्रांसमीटर जैसे डिहाइड्रोएपि- एंड्रोस्ट्रोन, कोर्टिसोल, सेरोटोनिन, मेलाटोनिन और एपिनेफ्रीन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करने के लिए माना जाता है। मेडिटेशन की प्रक्रिया शरीर में एक ठहराव लाती हैं। इससे हृदय गति में सुधार होता है, चयापचय में कमी आती है, रक्तचाप कम होता है, श्वास में सुधार होता है और मस्तिष्क तरंगें होती हैं।

मेडिटेशन के लिए जरूरी है प्रैक्टिस :

  • न्यूयॉर्क सिटी में मेडिटेशन स्टूडियो के सीईओ एली बरोस ग्लक कहते हैं कि जब लोग शुरुआत करते हैं तो यह सभी के लिए मुश्किल होता है। जैसा कि आप जिम या म्यूजिक क्लास के पहले सेशन के बाद आप न तो 10 पाउंड वजन कम कर सकते और न ही मोजार्ट बजा सकते।
  • वक्त और जगह तय कर अपने लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करें। मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के लजार लैब मेडिटेशन रिसर्च की डायरेक्टर सारा लजार के मुताबिक, 10 और 5 मिनट बेहतर हैं। अगर आपको कोई मानसिक बीमारी है या आप बुरे वक्त से गुजर रहे हैं तो थोड़ा अलर्ट रहें।
  • डॉक्टर लजार के अनुसार, पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर, स्कित्जेफ्रीनिया या बायपोलर डिसॉर्डर से जूझ रहे हैं तो आपको मेडिटेशन गाइड या टीचर के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

अपनी जगह तैयार करें :

  • आपके घर के कोने में केवल मेडिटेशन के लिए एरिया तैयार करें। अगर आपको लगे तो यहां पौधे, पत्थर या मोमबत्तियां लगाएं। अगर नहीं तो घर में केवल शांत जगह चुनें।
  • यूसीएलए के माइंडफुल अवेयरनेस रिसर्च सेंटर में माइंडफुलनेस एजुकेशन की डायरेक्टर डायना विंस्टन कहती हैं कि मुझे नहीं लगता लोगों को कुछ भी फैंसी करना चाहिए। योगा और मेडिटेशन टीचर टोनी लूपिनाची के मुताबिक, एक अलग जगह होना बहुत जरूरी है।

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