अध्यात्म

मृत्यु के बाद नही छोड़ा जाता शव को अकेला, जानिए क्या है कारण

इंसान की जिंदगी का असली सच मृत्यु ही है। इंसान ही नहीं बल्कि हर जीव को भी एक ना एक दिन अपना शरीर त्याग कर जाना ही पड़ता है। कहते है जब मृत्यु आती है तो मरने वाले व्यक्ति को पहले ही उस मृत्यु का संकेत मिल जाता है। हालाँकि हम मनुष्य उन संकेतों को सही से समझ नही पाते और अनजान बने रहते हैं। आज भले ही विज्ञान ने बहुत उन्नति कर ली है। लेकिन बड़े बड़े विज्ञानी भी मौत के रहस्य को नहीं समझ पाए हैं। गौरतलब है कि मौत कभी भी आ जाती है। एक पल इंसान हँसता खेलता होता है तो अगले ही पल मृत्यु उसे हमसे हमेशा के लिए दूर ले जाती है।

आज हम मृत्यु से जुदा एक ऐसा अजीबो गरीब रहस्य आपको बताने जा रहे हैं, जिसे जान कर शायद आपके पैरो तले से जमीन खिसक सकती है। क्या आपने कभी सोचा है कि इंसान की मृत्यु के बाद उसके शव को अकेला क्यों नही छोड़ा जाता ? यह सवाल दिखने में जितना साधारण है, इसका उत्तर उतना ही रहस्मयी है। बता दें कि मरने के बाद इंसान के शरीर को कभी अकेला नहीं छोड़ा जाता और उसके आस-पास कोई ना कोई व्यक्ति जरुर रखा जाता है। आईये जानते हैं आखिर इसके पीछे का कारण क्या है..

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार जब भी किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसकी आत्मा उसके शरीर से निकल जाती है जिसके बाद बेजान शरीर को जला दिया जाता है। इस क्रिया को अंतिम संस्कार का नाम दिया गया है। परन्तु वही अगर किसी की मृत्यु रात के समय या फिर शाम के समय हो जाए तो उसके अंतिम संस्कार को रोक दिया जाता है और सुबह होने का इंतजार किया जाता है। इस दौरान लाश को या तो तुलसी के पौधे के पास रखा जाता है या फिर बर्फ के बीचो-बीच रखा जाता है। इस पूरी रात में शव की देखभाल के लिए कोई न कोई घर का व्यक्ति जरुर मौजूद रहता है और मृत व्यक्ति को अकेला नही छोड़ा जाता।

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आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि हन्दू धर्म में शाम में सूर्य छिपने के बाद अंतिम संस्कार करना वर्जित है।  इसलिए जब किसी व्यक्ति की मृत्यु सूर्य ढलने के बाद हो जाती है तो अगली सुबह के सूर्य उदय का इंतजार किया जाता है। इस दौरान शव के पास पवित्र तुलसी का पौधा रखा जाता है और शव को अकेला नही छोड़ा जाता। शव को अकेला न छोड़ने के पीछे वैसे तो कईं कारण हो सकते हैं। लेकिन इनमे से सबसे अहम कारण यह है कि जब भी मृत्यु आती है तो शरीर से आत्मा निकल जाती है जोकि मरने वाले वक्ती के आस-पास ही भटकती रहती है। ऐसे में यदि शव को अकेला छोड़ा जाए तो वह आत्मा उस शरीर पर पुन: अधिकार जमा सकती है। अगर उस बॉडी को अकेल छोड़ दे तो कई सारी गलत आत्मा उसके अंदर प्रवेश कर सकती है इसलिए हमेंशा उसके पास किसी ना किसी को बिठाकर रखना पड़ता है। इसलिए रात के दौरान शव को अकेला नही रखा जाता।

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