जानिए आखिर क्यों मंगल कार्यों में फोड़ा जाता है नारियल, क्या आप जानते है इसके पीछे की असली वजह
मंगल कार्यों में नारियल क्यों फोड़ा जाता है : आपने अक्सर देखा होगा कि सनातन धर्म के अनुसार जब भी कोई मंगल कार्य या धार्मिक कार्य किया जाता है, तो वे कार्य करने से पहले नारियल फोड़ा जाता है। हालांकि इस बारे में कुछ लोगों का मानना है कि नारियल फोड़ना महज एक परम्परा है और इसलिए लोग मंगल कार्य से पहले नारियल फोड़ते है। मगर हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इसके पीछे की वजह कुछ और है। बहरहाल क्या आप जानते है कि आखिर क्यों मंगल कार्यों में नारियल फोड़ा जाता है और इसकी असली वजह क्या है। गौरतलब है कि हम जब भी किसी नए घर में प्रवेश करते है या नया काम शुरू करते है या नयी कार खरीदते है या यूँ कहे कि किसी भी नयी चीज की शुरुआत करते है, तो नारियल जरूर फोड़ते है।
इस वजह से मंगल कार्यों में फोड़ा जाता है नारियल :
यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि सनातन धर्म में होने वाले सभी तरह के पूजा पाठ और मंगल कार्यों में इसका उपयोग किया जाता है, वो इसलिए क्यूकि इसे भाग्य तथा समृद्धि की निशानी माना जाता है। यही वजह है कि भगवान् गणेश की पूजा आदि में नारियल चढ़ाया जाता है और बाद में वही नारियल सब को भोग के रूप में दिया जाता है। केवल इतना ही नहीं इसके इलावा नारियल को धरती के सबसे पवित्र फलों में माना जाता है और इसलिए इस फल को भगवान् के सामने चढ़ाया जाता है। वही अगर धार्मिन कथाओं की माने तो ऋषि विश्वामित्र को नारियल के निर्माता माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि इसकी ऊपरी सख्त सतह इस बात का प्रतीक है कि अगर आपको किसी भी काम में सफलता हासिल करनी है तो आपको मेहनत करनी ही पड़ेगी।
नारियल के बाहरी और अंदरूनी भाग का मतलब है ये :
इसके साथ ही नारियल के अंदरूनी भाग में जो पानी होता है, वह बेहद पवित्र माना जाता है, क्यूकि उसमें किसी तरह की मिलावट नहीं होती। यहाँ तक कि ज्योतिषियों का कहना है कि नारियल भगवान् गणेश का सबसे पसंदीदा फल है और इसलिए कोई भी नयी बड़ी चीज खरीदने के बाद नारियल फोड़ा ही जाता है, ताकि इसका पवित्र पानी चारों तरफ फैल सके और जो भी नकारात्मक शक्तियां होंगी वो हमसे दूर जा सके। बता दे कि नारियल के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि ये इंसान के शरीर को प्रदर्शित करता है और जब आप नारियल फोड़ते है तो इसका मतलब ये है कि आपने खुद को इस ब्रह्माण्ड में शामिल कर लिया है।
नारियल से जुडी कुछ खास बातें :
अगर किंवदंतियों की माने तो नारियल में मौजूद तीन चिन्ह भगवान शिव की ऑंखें मानी जाती है और संस्कृत भाषा में इसे श्रीफल भी कहा जाता है, जिसका अर्थ लक्ष्मी होता है। वैसे भी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी लक्ष्मी के बिना कोई भी शुभ कार्य संपन्न नहीं होता और यही वजह है कि शुभ कार्यों की शुरुआत करने से पहले नारियल फोड़ना जरूरी होता है। इसके साथ ही संस्कृत में नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है और ऐसा माना जाता है कि ये वृक्ष मनुष्य की मनोकामनाएं पूरी कर सकता है। इसलिए पूजा के दौरान नारियल फोड़ा जाता है और उस नारियल को प्रसाद के रूप में सब में बांटा जाता है। बहरहाल अब तो आप समझ गए होंगे कि आखिर क्यों मंगल कार्यों में फोड़ा जाता है नारियल और इसकी असली वजह क्या है। हमें उम्मीद है कि आपको ये जानकारी जरूर पसंद आई होगी।