Bhagwan Shiv Pooja Vidhi : हिंदू धर्म में पूजा पाठ का विशेष स्थान है। खुशी हो या फिर गमी, पूजा करना महत्वपूर्ण माना गया है। पूजा पाठ के समय हर भक्त अपनी तरफ से प्रयास करता है कि वह जो पूजा कर रहा है उसमे किसी प्रकार की कोई कमी ना रहे। दरअसल, भगवान की भक्ति एवं आराधना को यदि सही तरीके से किया जाए तो भगवान प्रसन्न हो जाते हैं और बदले में हमे ढेरों खुशियों का तोहफा देते हैं। खास कर शिव पूजन को लेकर हिंदू धर्म में अलग अलग मान्यताएं हैं। हर पूजा में पूजन सामग्री की विशेष भूमिका होती है। पूरे विधि विधान से की गयी पूजा का फल हमेशा मीठा मिलता है। यदि आप भी सच्चे शिव भक्त हैं तो यह खास लेख केवल आपके लिए ही है।
दरअसल, भगवान शिव के पूजन के दौरान हम में से कईं लोग कुछ न कुछ गलती कर देते हैं। ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो भगवान शिव को बिलकुल पसंद नहीं है। यदि उन चीजों का इस्तेमाल पूजा के दौरान किया जाए तो पूजा के लाभ नही मिलते उल्टा भगवान शिव हमसे निराश हो सकते हैं। तो आईये जानते हैं आखिर वह कौन सी चीजें हैं जिनका इस्तेमाल आपको भूल से भी शिव पूजा के लिए नहीं करना है..
Bhagwan Shiv Pooja Vidhi
केतकी के फूल :
कोई भी पूजा पाठ बिना फूलों के अधूरा माना जाता है। फूलों की सुगंध देवी देवताओं को बेहद पसंद होती है। लेकिन यदि आप शिव पूजा कर रहे हैं तो भूल से भी पूजा में केतकी के फूलों का इस्तेमाल ना करें। शास्त्रों में लिखित अनुसार केतकी के फूलों ने ब्रह्मा जी के झूठ में उनका साथ दिया था जिससे भगवान शिव को काफी ठेस पहुंची थी। कहा जाता है कि उस समय भगवान शिव ने केतकी के फूल को श्राप दिया था कि उसके फूल को कभी शिव पूजन में अर्पित नहीं किया जाएगा। तब से लेकर आज तक केतकी के फूल को शिव पूजन में अर्पित करना मना है।
हल्दी :
हल्दी को आयुर्वेद ग्रंथ में विशेष स्थान हासिल है। कईं रोगों के इलाज के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि शादी ब्याह जैसे शुभ मौकों पर भी हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। परन्तु शिव जी पर हल्दी चढाने की सख्त मनाही है। शास्त्रों के अनुसार हल्दी स्त्री संबधित वस्तु है जबकि भगवान शिव का शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है। ऐसे में शिव जी पर हल्दी नहीं चढाई जाती।
शंख से जल चढ़ाना : Bhagwan Shiv Pooja Vidhi
पूजा के दौरान शंख बजाना बेहद शुभ माना जाता है। लेकिन भगवान शिव के शिवलिंग पर शंख से जल अर्पित करना मना किया गया है। कहा जाता है कि शिव जी ने त्रिशूल से शंखचूड का वध किया था जिसके बाद उसका शरीर भस्म हो गया था। इसी भस्म से शंख की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए शंख से कभी भी भगवान शिव को जल अर्पित नहीं किया जाता।
कुमकुम का इस्तेमाल :
हिन्दू धर्म में देवी माँ की पूजा के दौरान सिन्दूर या कुमकुम चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है। यही विवाहित स्त्रीयों का गहना है। अपने पति की लंबी आयु के लिए हर स्त्री इसे लगाती है। परन्तु भगवान शिव विनाशक हैं इसलिए सिंदूर चढा कर उनकी पूजा करना सही नही माना जाता।
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