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Shradh Dates List 2019 : पितृ पक्ष श्राद्ध 13 सितम्बर से शुरू होंगे, जानिए श्राद्ध की पूजा विधि

Shradh Dates List 2019 :

Shradh Start Dates : 13 September 2019
Shradh End Dates : 29 September 2019

श्राद्ध के बारे में : Shradh Dates List 2019

जैसा की आप सभी लोग जानते है की अगस्त महीना खत्म होते ही हमारे यह से श्राद्ध शुरू हो जाते है। सभी त्यौहार को दिवाली जैसे बड़े त्यौहार का इन्तजार रहता है। लेकिन उससे पहले नवरात्री और श्राद्ध (कनागत) आते है। जिनकी अपनी एक अलग ही भूमिका होती है। तो आईये हम आपको बता देते हैं है इस बार श्राद्ध 13 सितम्बर से शुरू होकर 28 सितम्बर ( अमावस्या) तक चलेंगे।

Shradh Dates List 2019

हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार श्राद्ध को हम आम भाषा में कनागत भी कहते है। साल में 15 दिन चलने वाले श्राद्ध हम अपने पितरो की याद में मनाते है। जोकि हमारा उनके प्रति आदर भाव को दर्शाता है। अपने पितरो की तृप्ति के लिए हम कनागत निकलते है। और उस दिन किसी पंडित/ब्राह्मण को भोजन और कपडा दान देते है जोकि एक पुण्य का काम है। श्राद्ध निकलना इस बात का भी संकेत है की हम जीते जी ही नहीं बल्कि मरने के उपरांत भी अपने पूर्वजो का कितना सम्मान और आदर करते है।

विष्णु पुराण और महाभारत जैसे बड़े पुराणों में भी श्राद्ध का वर्णन देखने को मिलता है। श्राद्ध के दौरान मनुष्य यह भावना जाहिर करता है की सिर्फ यही नहीं बल्कि उनका आगामी जीवन भी सुखमय हो। जैसे की सभी लोग जानते है की श्राद्ध के दौरान हमे अनेक नियमो का पालन करना पड़ता है। पुराणों में बताया गया है की हमे श्राद्ध के दौरान मॉस मदिरा आदि का सेवन बिलकुल ही नहीं करना चाहिए। इससे हमारे पितृ नाराज हो सकते है और ये सब चीजे वैज्ञानिक तरीके से देखे तो ये स्वास्थ्य के लिए भी सही नहीं है। हमें पुराणों के द्वारा बताये गए सभी नियमों का अच्छे से पालन करा चाहिए ताकि हमारे पितृ हमसे रुष्ट न हों।

List Of Pitru Paksha Shradha Dates 2019 :

Shradh Dates List 2019

पूजा की विधि :

Shradh Dates List 2019

पूजा का मतलब होता है की हम किसी भी भगवान या पितृ को खुश करने के लिए उसके प्रति अपना आदर व्यक्त करते है और उनको पूजा विधि के द्वारा खुश करते है। ऐसा ही पूजन विधि आपको श्राद्ध  देखने को मिलती है। लोग अपने पूर्वजो की याद में उस दिन किसी ब्राह्मण को अपने घर भोजन कराते है और उनको कपडा या कोई अन्य आवश्यक समान दान में देते है। जो एक पुण्य का काम होता है। ऐसा माना जाता है की ऐसा करने से हमारे पूर्वज खुश हो जाते है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर हमे सबसे पहले स्नान आदि करके पीपल या बड के पेड़ को पानी अवश्य देना चाहिए क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से हमारे पाप धूल जाते है।

सबसे पहले एक रोटी पर कुछ हलवा और खीर रख कर गाय को दें। उसके बाद हमे खीर और हलवे से अपने पितृ को भोग लगाना चाहिए। और घी का दीप प्रज्वलित करने के बाद ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए। आप अपनी इच्छा अनुसार उसको दान और कुछ जरुरत की चीजें भी भेट स्वरुप दे सकते है। 5 से 7 टीकड़ी (छोटी रोटी) निकालकर कौवे को अवश्य खिलाये ऐसा करना हमारे लिए हितकर होता है।

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