अध्यात्मव्रत और त्यौहार

कल शनि जयंती पर स्नान करने से पहले करें तेल का ये उपाय, भगवान शनि देव करेंगे मालामाल

आपने अक्सर सुना और पढ़ा होगा कि शनिदेव हर व्यक्ति को उसके कर्मों का फल जरूर देते है। यानि जिस व्यक्ति ने अच्छे कर्म किए होते है, उन्हें वैसा ही फल मिलता है और जिस व्यक्ति ने बुरे कर्म किए होते है उसे उसके पापों के अनुसार सजा दी जाती है। यही वजह है कि शनिदेव को न्याय का देवता भी कहा जाता है। बता दे कि इस साल की सबसे बड़ी शनि अमावस्या सालों बाद आई है। गौरतलब है कि ये अमावस्या इक्कीस मई की रात को शुरू हो कर अगले दिन बाईस मई को खत्म होगी। तो ऐसे में ये शनि अमावस्या हर व्यक्ति के लिए बेहद खास होगी।

 972 सालों बाद आई

शनि अमावस्या के दिन करे ये कार्य :

अब इसमें तो कोई दोराय नहीं कि शनिदेव के प्रकोप से हर व्यक्ति डरता है और जब शनि की साढ़ेसाती किसी पर लगती है, तो उस व्यक्ति के लिए शनिदेव को प्रसन्न करना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। बहरहाल अगर आप भी शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते है तो इस शनि अमावस्या पर आप ऐसा कर सकते है। जी हां इस दिन व्रत रखे और घर के मुख्य द्वार तथा पूरे घर की अच्छी तरह से साफ़ सफाई करे।

 972 सालों बाद आई

स्नान करने से पहले तेल से जरूर करे ये काम :

इसके साथ ही स्नान करने से पहले शरीर पर सरसों के तेल से मालिश जरूर करे, क्यूकि ये तो आपको मालूम ही होगा कि शनिदेव पर हमेशा सरसों का तेल ही चढ़ाया जाता है। इसलिए अगर आप भी सरसों के तेल से मालिश करने के बाद स्नान करेंगे, तो इससे आपके कई दोष दूर हो सकते है। इसके इलावा इस दिन सूर्य देव को जल चढ़ाना भी अच्छा नहीं माना जाता। अगर आप चाहे तो शनि अमावस्या के दिन शनिदेव के मंदिर जा कर शनिदेव की पूजा करे और अगर लॉक डाउन के दौरान ये मुमकिन नहीं है तो आप घर पर रह कर ही शनिदेव की पूजा अर्चना कर सकते है।

 972 सालों बाद आई

शनिदेव के प्रिय है रामभक्त हनुमान :

बता दे कि जो लोग इस दिन दान करना चाहते है वे शाम के समय ही दान करे, क्यूकि शाम के समय दान करना शुभ माना जाता है। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि शनिदेव को इमरती, जलेबी या तेल से बने पदार्थों का ही भोग लगाएं। बहरहाल शनिदेव की पूजा करने के बाद उनके मंत्रों का जप भी जरूर करे। ये बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि हनुमान जी ने शनिदेव को रावण की कैद से मुक्त करवाया था, तो ऐसे में अगर आप हनुमान जी की मूर्ति के सामने बैठ कर शनिदेव की पूजा करेंगे, तो इससे शनिदेव आपसे काफी प्रसन्न होंगे।

 972 सालों बाद आई

इसके साथ ही इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करे और अगर हो सके तो इस दिन किसी भी तरह की यात्रा न करे। अगर हो सके तो इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं और दीपक जलाते समय शनिदेव के मंत्र का जप जरूर करे। तो दोस्तों सालों बाद आई इस शनि अमावस्या के दिन सावधानी बरते और शनिदेव की सच्चे मन से भक्ति करे।

यह भी पढ़ें : इन राशि वालों के लिए सोने की अँगूठी पहनना होता है बहुत फायदेमंद, चमक जाती है सोने की तरह किस्मत

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button