अध्यात्म
सावन माह में जरूर लगाएं ये पेड़, सुख-समृद्धि और सौभाग्य में होगी वृद्धि
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही जीवन में चल रही सभी समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है। वहीं इस साल का सावन अधिक शुभ माना जा रहा है। क्योंकि इस साल सोमवार के दिन से सावन माह का आरंभ होने जा रहा है। ऐसा कहा जाता है कि सावन माह में भगवान शिव को प्रसन्न करना बेहद आसान होता है। इसलिए इस माह में भगवान शिव के मंदिर अवश्य जाएं। अब ऐसे में सावन माह में कौन सा पेड़ लगाने से लाभ हो सकता है।
शमी के पेड़ की पूजा के लिए पूजन सामग्री :
- जल
- फूल
- फल
- मिठाई
- सुपारी
- कपूर
- धूप
- दीप
- रोली
- चंदन
- मौली
- नारियल
- पान
- सुपारी
- लाल कपड़ा
शमी के पेड़ की पूजा कैसे करें :
- सबसे पहले शमी के पेड़ को अच्छी तरह से ब्रह्म मुहूर्त में साफ कर लें।
- पेड़ के तने पर जल छिड़कें और रोली से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।
- भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और शनि देव की मूर्तियों को पेड़ के नीचे स्थापित करें।
- जल, फूल, फल, मिठाई, सुपारी, कपूर, धूप, दीप, रोली, चंदन, मौली, नारियल, पान और सुपारी अर्पित करें।
- पेड़ को लाल कपड़े से बांधें।
- धूप जलाएं और दीप प्रज्वलित करें।
- शमी के पेड़ की परिक्रमा करें और मंत्रों का जाप करें।
- अंत में, भगवान से प्रार्थना करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।
शमी के पेड़ की पूजा करने के दौरान मंत्र जाप (Shami Plant Puja Mnatras)
- ॐ शमी शमी प्रसन्नं त्वं देवीं शैलपुत्रीं च।
- विजय प्रदायनीं नमस्कृत्य समृद्धिं देहि नो नमः॥
- ॐ शमी शमी शांतिकरीं त्रिलोकजननीं त्र्यम्बकां।
- रक्षाकरीं वरदायिनीं नमस्कृत्य समृद्धिं देहि नो नमः॥
- ॐ शमी शमी शत्रुनाशिनीं विघ्नविनाशिनीं भद्रदायिनीं।
- सिद्धिप्रदायिनीं नमस्कृत्य समृद्धिं देहि नो नमः॥
शमी के पेड़ की पूजा के दौरान इन नियमों का करें पालन :
- पूजा करते समय स्वच्छ और धुले हुए वस्त्र पहनें।
- मन में शांति और भक्ति बनाए रखें।
- शमी के पेड़ को कभी नहीं काटना चाहिए।
- शमी के पेड़ की पत्तियों को घर में रखना शुभ माना जाता है।
- पूजा विधि में थोड़ा-बहुत अंतर हो सकता है। आप अपनी सुविधानुसार और अपनी श्रद्धा के अनुसार पूजा कर सकते हैं।
- यदि आप किसी विशेष पूजा विधि के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप किसी पुजारी या ज्योतिषी से सलाह ले सकते हैं।