शनिदेव की साढ़ेसाती : कहते है कि हर इंसान को अपने कर्मों का फल कभी न कभी तो जरूर भुगतना पड़ता है। यहाँ तक कि कुछ लोगों को तो अपने पुराने जन्मों का पाप तक झेलना पड़ता है। जी हां शनिदेव जिन्हें न्याय का देवता कहा जाता है, वे किसी भी व्यक्ति को माफ़ नहीं करते। हालांकि अगर आप सच्चे मन से अपनी गलती स्वीकार कर उसका प्रयाश्चित करते है, तो इससे शनिदेव आप पर अपनी कृपा भी जरूर बरसाते है। बहरहाल शनिदेव की साढ़ेसाती से बचने के लिए आपको ये उपाय जरूर करने होंगे।
इन उपायों से आपके पाप भी कम हो जायेंगे और हो सकता है कि आपको शनिदेव की माफी भी मिल जाएँ। इसके साथ ही आपको हनुमान जी का आशीर्वाद भी जरूर प्राप्त होगा। बता दे कि अगर आप अब तक अपनी बुरी किस्मत और कर्मों का फल भुगत रहे है, तो इन उपायों को बिलकुल भी नजरअंदाज मत कीजियेगा।
शनिदेव की साढ़ेसाती से बचना चाहते है तो करे ये उपाय :
गौरतलब है कि अगर आप अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलना चाहते है तो मंगलवार की रात किसी शिवलिंग पर या बजरंगबली के सामने तेल का दीपक जरूर जलाएं। इसके इलावा अगर आप भाग्य संबंधी किसी समस्या से काफी लम्बे समय से जूझ रहे है, तो सबसे पहले सुबह स्नान करे। जी हां स्नान करने के बाद हनुमान जी के प्रिय सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का हर रोज पाठ करे। इससे आपका दुर्भाग्य जरूर सौभाग्य में बदल जाएगा।
बता दे कि अगर आप भाग्य का साथ पाना चाहते है तो मंगलवार के दिन हनुमान जी को चमेली का तेल, पान और सिंदूर अर्पित करे। जी हां इससे आपको भाग्य का साथ जरूर मिलेगा और फिर आपको हर काम में सफलता ही प्राप्त होगी।
बदकिस्मती और बुरे संयोग से छुटकारा पाने के लिए करे ये उपाय :
अगर आप बदकिस्मती से पीछा छुड़ाने चाहते है तो शनिवार के दिन एक कटोरी में तेल ले लीजिये। उसके बाद उस तेल में अपना चेहरा देखे और फिर वह तेल किसी जरूरतमंद या मंदिर में दान कर दे। इससे बदकिस्मती आपका साथ जरूर छोड़ देगी। इसके इलावा अगर बार बार कोशिश करने के बावजूद भी आपको सफलता नहीं मिल पा रही तो शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को जल अर्पित कीजिये। यहाँ इस बात का ध्यान रखे कि आपको ताम्बे के लोटे में जल लेकर ही अर्पित करना है। इससे आपको अपनी मेहनत का फल जरूर प्राप्त होगा।
बता दे कि शनिवार के दिन या फिर अमावस्या पर पीपल की सात बार परिक्रमा करते समय अपने इष्ट देवी देवताओं के नाम या मंत्रों का जाप करे। इससे आपके बुरे संयोग अच्छे संयोग में बदल जायेंगे।
यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि शनिदेव की साढ़ेसाती से बचने के लिए ये सभी उपाय सच्चे मन से करे, क्यूंकि अगर आप किसी अन्य उद्देश्य से ये उपाय करेंगे तो इन उपायों का उल्टा असर भी हो सकता है, तो मन से शनिदेव की पूजा करे और अपने पापों की माफी मांगे।