रावण को भला कौन नहीं जानता होगा. इतिहास को एक दुःख भी है कि इतना बड़ा ब्राह्मण जो समस्त मानव जाति के काम आ सकता था. जो विश्व को महान आविष्कार दे सकता था किन्तु वह व्यक्ति अपनी अच्छाइयों के बजाय अपनी बुराइयों से ज्यादा जाना गया, पहचाना गया. रावण ने वैसे तो समस्त मानव जाति पर अत्याचार किये थे लेकिन इसने महिलाओं पर विशेषकर कुछ ज्यादा ही अत्याचार किये थे. जो भी स्त्री पसंद आती थी उसे उठा लेना, या उसके साथ जबरदस्ती करना, यह रावण के लिए आम बात थी।
जब धरती पर उसके अत्याचार बढ़ गए, तो भगवान विष्णु ने राम के रूप में धरती पर जन्म लेकर उसका सर्वनाश किया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि रावण मरने से पहले सात ऐसे काम करना चाहता था, जिसकी बदौलत वह सर्वशक्तिमान बन जाता, लेकिन वह इन कामों को कर नहीं पाया।
खुद की पूजा :
रावण यह चाहता था की कि वो धरती से भगवान की पूजा की परंपरा को ही समाप्त कर दे, ताकि फिर दुनिया में सिर्फ उसकी ही पूजा हो।
सोने में सुगंध :
रावण चाहता था कि सोने (स्वर्ण) में बहुत ही तेज सुगंध होनी चाहिए। वो दुनियाभर के सोने पर कब्जा करना चाहता था। सोना खोजने में कोई परेशानी नहीं हो, इसलिए रावण उसमें सुगंध डालना चाहता था। रावण को इस दुनिया में सबसे जयदा सोने भी प्यार था।
गोरा रंग :
प्राचीन शास्त्रो के अनुशार,रावण सांवले रंग का था, इसलिए वो चाहता था कि मानव जाति में जितने भी लोगों का रंग सांवला है वे गोरे हो जाएं, जिससे कोई भी महिला उनका अपमान ना कर सके।
मीठा पानी :
रावण सातों समुद्रों के पानी को मीठा बनाना चाहता था, जिससे धरती पर कभी पीने योग्य पानी की कमी न हो।
स्वर्ग तक सीढिया :
लंकापति रावण की एक इच्छा यह भी थी की वह स्वर्ग तक जाने के लिए सीढ़िया बनाना चाहता था, ताकि जो लोग मोक्ष या स्वर्ग पाने के लिए भगवान को पूजते हैं, वे उनकी पूजा बंद कर रावण को ही भगवान मान लें और उसकी पूजा करें।
खून का रंग सफेद :
रावण यह करना चाहता था की इंसानों के खून का रंग लाल से सफेद हो जाए ताकि वो बड़े पैमाने पर नरसंहार कर सके। कहते हैं कि जब रावण विश्वविजयी यात्रा पर निकला था तो उसने सैकड़ों युद्ध किए। करोड़ों लोगों का खून बहाया। सारी नदियां और सरोवर खून से लाल हो गए थे। प्रकृति का संतुलन बिगड़ने लगा था और सारे देवता इसके लिए रावण को दोषी मानने लगे थे। इसलिए रावण चाहता था कि खून का रंग लाल से सफेद हो जाए।
सुगन्धित मदिरा :
लंकाधीश रावण मदिरा से बदबू मिटाना चाहता था, ताकि संसार में मदिरा का सेवन करके लोग अधर्म को बढ़ा सकें। हालांकि रावण के ये सारे सपने अधूरे ही रह गए, क्योंकि देवताओं ने ऐसा होने नहीं दिया।