हमारे हिंदू धर्म में ग्रन्थ और पुराण का एक विशेष महत्व है। हर ग्रंथ अपने आप में एक विशेष महत्व रखता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हमारे भारतवर्ष के लोग ग्रंथों के मार्गदर्शन पर चलते है। उन में लिखी हुई सभी बातें हमारे लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होती है। तो अगर हम किसी पुराण की माने तो उन्हें बताया गया है कि कभी भी इन चार लोगों के घर भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके जीवन में कठिनाइयां आ सकती है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि ऐसी कौन सी जगह है जहां पर आप को भूल कर भी खाना नहीं खाना चाहिए ताकि आप के ऊपर कोई नकारात्मक प्रभाव ना पड़े।
उधार देने वालों के घर :
जिसके पास ज्यादा पैसा होता है वे अपना पैसा ब्याज पर देता है. जब वे उनसे अपने उधारी वापस लेता है तो दो गुना ब्याज के साथ अपनी मनमानी से पैसे लेता है। अगर किसी गरीब के पास से दो गुना ब्याज लेगा तो यह एक तरह से पाप हुआ, तो किसी सूदखोर के घर खाना खाने से भी आप पर नकारात्मक प्रभाव पढ़ सकते हैं इसलिए उनके घर खाना खाने से हमेशा बचे।
चोर के घर खाना न खाए :
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कभी भी किसी चोर के घर खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि अगर आप ऐसा करते हैं तो अब उसकी पाप की कमाई के खरीदे हुए पैसे से बना हुआ खाना खाते हैं तो आप भी पाप की भागीदार बन सकते है। इसलिए हमेशा ऐसे घर पर खाना खाया जो मेहनत का धन लेकर आते हैं। लेकिन किसी अपराधी के घर खाना खाने से हम उसकी गलत कमाई से पाया गया धन की कमाई खाते है। इसलिए पाप की भागीदार बनने से बचें और ऐसे अपराधी के घर खाना कभी ना खाएं।
क्रोधी व्यक्ति के घर कभी ना खाएं :
हर व्यक्ति किसी न किसी बात पर हमेशा गुस्सा हो जाता है तो जो व्यक्ति ज्यादा क्रोध करता है या ज्यादा गुस्सा करता है जिसको अपने भावनाओं पर काबू नहीं रहता। ऐसे व्यक्ति के घर पर कभी भी खाना न खाए क्योंकि वह किसी भी बात पर क्रोधित होकर आप पर हमला नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से हमला कर सकता है। इसलिए ऐसी जगह पर जाने से हमेशा बचना चाहिए।
पंडित के घर :
भारतीय ग्रंथों के अनुसार जब भी हमारे घर में कोई शुभ कार्य होता है तो हम सबसे पहले खाना खाने के लिए पंडित को बुला कर लेकर आते हैं। क्योंकि अगर हम ऐसा करते हैं तो ऐसा करना हिंदू मान्यता के अनुसार शुभ होता है। अगर आप खुद पंडित के घर खाना खाते हैं तो यह आपके लिए सही नहीं होगा क्योंकि यह पूजनीय व्यक्ति होते हैं उनके घर खाना न खा कर हमें खुद ही उन्हें खाना खिलाना चाहिए।
नोट : उपरोक्त विचार लेखक के है। हमारा उदेश्य किसी गलत चीज का प्रचार करना नही है और न ही इसकी प्रामाणिकता का दावा करते। यह केवल एक सयोंग मात्र हो सकता है।