200 साल पुराना हनुमान मंदिर, जहां से कोई नहीं लौटा खाली हाथ, मांगी गई हर मुराद होती है पूरी
हनुमान जी को भगवान शिव जी का 11वां रुद्र अवतार कहा जाता है और वह प्रभु श्री राम जी के अनन्य भक्त हैं। राम भक्त हनुमान जी को सारे संकटों को हरने वाला कहा जाता है। हिंदू धर्म में भगवान हनुमान जी संकटमोचन कहे गए हैं। ऐसा माना जाता है कि कलयुग में भी हनुमान जी अपने हर भक्त की सारी मुरादें पूरी करते हैं। कहा गया है कि कलयुग में जो भी हनुमान जी के सामने अपनी अर्जी लगाता है, वह कभी खाली नहीं जाती है। हनुमान जी सारी मनोकामनाएं पूरी करने वाले देवता माने जाते हैं।
हमारे देश में हनुमान जी के बहुत से मंदिर मौजूद हैं, जो अपनी किसी न किसी विशेषता और चमत्कार के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। आज हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे चमत्कारिक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है। यह मशहूर हनुमान मंदिर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के टिकारी में स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर है। इस मंदिर को लेकर ऐसा बताया जाता है कि दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर 200 साल पुराना है।
पत्तों पर अर्जी लिखकर जाते हैं भक्त :
इस 200 साल से ज्यादा प्राचीन मंदिर में आने वाले हर भक्त की सारी परेशानियां दूर होती हैं और सारी मुराद हनुमान जी पूरी करते हैं। इस हनुमान मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह सिद्ध मंदिर है और बजरंगबली के दर से कोई भी भक्त खाली हाथ वापस नहीं जाता है। हनुमान जी के इस मंदिर में जो भी भक्त आता है, वह अपनी सारी परेशानियां भोजपत्र, पीपल के पत्ते या फिर अकाव के पत्ते पर लिखकर हनुमान जी के सामने अर्जी लगाता है। ऐसा कहा जाता है कि पूरे भक्ति भाव से हनुमान जी के सामने लगाई गई अर्जी खाली नहीं जाती है और भक्तों की सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
सबसे पहले हनुमान जी के दर्शन करते हैं शनि देव :
हनुमान जी का यह मंदिर जमींदार के द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां सुबह मंदिर के पट खुलते ही सबसे पहले भगवान शनि देव ही हनुमान जी के दर्शन करते हैं। 200 साल से ज्यादा पुराने इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के दाहिने हाथ में संजीवनी पर्वत और बाएं हाथ में गदा लिए हुए हैं। इस मंदिर की खासियत यह भी है कि मंदिर के दरवाजे के सामने ही शमी का वृक्ष लगा हुआ है, जिसे अनोखा संयोग माना जाता है।
जानकारों का ऐसा बताना है कि शमी के वृक्ष में शनि देव का वास रहता है। इसलिए जैसे ही सुबह के समय मंदिर के दरवाजे खुलते हैं तो शमी के वृक्ष में विराजे शनिदेव सबसे पहले हनुमान जी के दर्शन करते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां हनुमान जी के दर्शन करने मात्र से ही लोग के भगवान शनि के प्रकोप तक खत्म हो जाते हैं। हनुमान जी के इस मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ रहती है। हनुमान जी के इस मंदिर से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है।