आज हम आपको हिंदू शास्त्र से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देते है। जो आपके जीवन में काम आएगी. वैसे तो हमारे शास्त्रों में अनेक तरह की बातें लिखी हुई जो हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है। दरअसल शास्त्र हमारे जीवन का एक तरह से मार्गदर्शन के रूप में काम करते है।लेकिन अगर शास्त्रों में कुछ जानकारी दी गई है तो इसका मतलब है कि उनके पीछे जरूर कोई ना कोई रहस्य है। वह जानकारी काफी हद तक ठीक होती है। ठीक उसी प्रकार हम आपको बताते हैं कि पति पत्नी का संबंध कैसा होना चाहिए। तो चलिए पति पत्नी के शारीरिक संबंध के बारे में कुछ जानकारी लेते है। मनुष्य के हर संस्कार की तरह गर्भ संस्कार का भी लेखा जोखा शास्त्रों में लिखा गया है, और यह भी बताया कि आखिर किस दिन और किस अवस्था में पति पत्नी का संबंध बनाना गलत ह।. हम यह तो नहीं कह सकते यह जानकारी कितनी सच है लेकिन अगर शास्त्रों की माने तो उनके अनुसार कुछ हद तक इसे सटीक मान सकते है।
शास्त्र मगरथ गर्भ उपनिषद से जुड़े कुछ रहस्य :
जैसा कि शास्त्रों में बताया गया है कि स्त्री पुरुष संबंध बनाने से लेकर परिवार के पालन पोषण और परिवार के वंश को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। जैसे शिशु गर्भ में 9 महीने के अंदर समय यापन करता है उसी प्रकार पति पत्नी भी पूरी जिंदगी इकट्ठे रहकर समय यापन करते है, और इतना ही नहीं शास्त्रों में यह भी बताया गया कि कुछ ऐसे गर्भ संस्कार हैं जिस दिन अगर पति पत्नी शारीरिक संबंध बनाए तो उनके वंश में किन्नर की उत्पत्ति भी हो सकती है।इसलिए शास्त्रों के अनुसार जिस दिन ग्रह दशा गलत चल रही हो उस दिन शारीरिक संबंध बनाना उचित नहीं होगा।
केवल जानकारी के लिए :
यह बता दें कि गर्भ उपनिषद में यह बताया गया है कि अगर पति पत्नी मंगलवार के दिन संतान प्राप्ति के लिए शारीरिक संबंध बनाते है तो यह गलत होता है, क्योंकि इस दिन शनि का स्वामी मंगल अत्यंत क्रोधित और विनाशकारी स्थिति में होता है। इसलिए पति पत्नी ही इस दिन संभोग करने से बचे हुए अगर वह इस दिन संतान प्राप्ति के लिए संबंध बनाने की सोच रहे हैं तो इस बात का ध्यान जरूर रखें और वह यह गलती भूलकर भी ना करें क्योंकि मंगलवार के दिन हनुमान जी का वार होता है और उस दिन ऐसा करना गलत होगा।
शास्त्रों के अनुसार :
वैसे तो हर काम करने के लिए हर समय शुभ होता है लेकिन कुछ काम ऐसे हैं जो हमें बहुत सोच समझकर करनी चाहिए क्योंकि शास्त्र और ग्रह हमारी जिंदगी में काफी हद तक प्रभाव डालते है। लेकिन इतना ही नहीं अगर हम गलत ग्रह स्थिति में शारीरिक संबंध बनाएंगे तो एक किन्नर की उत्पत्ति भी हो सकती है। गर्भ उपनिषद में विस्तार से इस बारे में सब कुछ बताया गया कि किस तरह किन्नर का जन्म होता है और किन हालातों में संबंध बनाने से किन्नर का जन्म होगा। हालांकि या कहना कठिन है कि यह बातें कितनी सच है और कितनी झूठ।