दो सगी बहनें अपनी शादी के दिन दुल्हन बनने के बाद भी नहीं ले पाई सात फेरे, फुट फुट कर रोई दोनो बहनें
जरा सोचिए की शादी के दिन अगर शादी की सारी तैयारी हुई रहे दुल्हन के हाथों में मेहंदी लगे रहे और दुल्हन अपना जोड़ा पहन कर मंडप में बैठी रहे और दूल्हा ना आए तो उन दुल्हनों पर क्या बीती होगी। ऐसी ही एक घटना अंबाला शहर के पास की गांव की है जब दो सगी बहन ने अपनी शादी वाले दिन हाथों में मेहंदी लगा कर बारात का इंतजार करती रही पर न बारात आयी और न ही आया दूल्हा और दोनों की शादी ना हो पाई।
दोनों बहने फूट फूट कर रोई :
जब किसी के घर में शादी होती है तो घर के साथ-साथ पूरा मोहल्ला और गांव उस शादी की खुशियों में शामिल होता है। अंबाला शहर के पास के गांव में भी मंगलवार के दिन कुछ ऐसा ही माहौल था। क्योंकि घर की दो बेटी अपने घर से विदा होकर किसी दूसरे के घर की खुशियां बनने वाली थी। सब बहुत खुश थे सारे मेहमान भी आ चुके थे मंडप से चुका था और बारातियों के आने का इंतजार हो रहा था।
जब समय बीतता गया और लग्न मुहूर्त सब बीत गए लेकिन ना बरात आई ना ही कोई दूल्हा आया तब पता चला कि दहेज के लालची दूल्हे बरात दहेज के लालच में नहीं लेकर आए हैं इस बात को सुनकर बड़ी बहन बेहोश हो गई और छोटी बहन खूब फूट फूट कर रोई। बड़ी बहन को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
रिश्तेदार थे दोनों दूल्हे :
अंबाला शहर से कुछ दूर नगर एरिया में रहने वाले लड़की के पिता ने अपनी दोनों बेटियों की शादी तय की थी तो स्टॉप जहां एक और उन्होंने अपनी एक बेटी की शादी कुरुक्षेत्र के गांव में की थी वहीं दूसरी की शादी अंबाला के स्टेप बराड़ा खंड के गांव में की थी। दोनों दामाद पहले से आपस में रिश्तेदार थे। इस बात को जानकर लड़की के पिता बहुत खुश थे।
दोनों परिवारों में एक दिन पहले हुई थी कहासुनी :
मंगलवार को शादी होनी थी और एक उससे एक दिन पहले सोमवार को लड़की के परिजन दोनों परिवारों के यहां सगाई लेकर गए थे। जहां एक परिवार ने लड़की के पिता से दहेज की मांग की थी वहीं दूसरी और लड़की के पिता ने दहेज देने से मना कर दिया था तो स्टॉप इसी दौरान दोनों पक्षों में कहासुनी भी हो गई थी तो स्टॉप हालांकि बाद में यह मामला शांत हो गया था। जब दोनों दूल्हे बरात लेकर नहीं आए तब लड़की के पिता को यह मामला दहेज का लगा परंतु उन्होंने अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। लेकिन यह मामला पूरे इलाके में फैल गया है।