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यूपी में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने की बड़ी घोषणा, जानिए नई जनसंख्या नियंत्रण नीति आसान भाषा में

बता दे कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक बड़ी घोषणा की है या यूं कहे कि जनसंख्या नियंत्रण कानून का एक ड्राफ्ट तैयार किया है। जी हां इस ड्राफ्ट को राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल द्वारा तैयार किया गया है। ऐसे में हर कोई इस नए कानून के बारे में जानना चाहता है। तो चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते है।

Yogi Adityanath Biography

यूपी में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर योगी सरकार ने तैयार किया ड्राफ्ट :

गौरतलब है कि अगर ये ड्राफ्ट, कानूनी रूप लेता है तो इसके मुताबिक यूपी में जिनके दो से ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी। यहां तक कि ऐसे लोग कभी चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे और न ही वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे। इस बारे में विधि आयोग का कहना है कि अनियंत्रित जनसंख्या के कारण पूरी व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है तो ऐसे में आयोग ने उन्नीस जुलाई तक जनता से इस मुद्दे को लेकर राय मांगी है।

बहरहाल इससे पहले लव जिहाद कानून का ड्राफ्ट भी आदित्यनाथ मित्तल द्वारा तैयार किया गया था। वही अगर इस ड्राफ्ट की कुछ खास बातों के बारे में बताए तो इस ड्राफ्ट के अनुसार जिनके दो से ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी और वे स्थानीय निकाय तथा पंचायत का चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। इसके इलावा राशन कार्ड में भी चार से ज्यादा सदस्यों के नाम नहीं लिखे जायेंगे और इक्कीस साल से ज्यादा उम्र के लड़कों तथा अठारह साल से अधिक उम्र की लडकियों पर ये एक्ट लागू होगा।

जानिए इस ड्राफ्ट से जुड़ी कुछ खास बातें :

बता दे कि जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित विषय को स्कूल में पढाएं जाने का सुझाव भी दिया गया है। हालांकि कानून लागू होने के बाद अगर किसी महिला को दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान जुड़वां बच्चे होते है तो वह कानून के दायरे में नहीं आयेगा। इसके साथ ही तीसरे बच्चे को गोद लेने पर भी रोक नहीं होगी। जी हां अगर किसी के दो बच्चे निशक्त है तो उन्हें तीसरी संतान होने पर किसी भी सुविधा से वंचित नहीं रखा जाएगा। यहां तक कि सरकारी कर्मचारियों को शपथ पत्र देना होगा कि वे इस कानून को नहीं तोड़ेंगे।

यहां गौर करने वाली बात ये है कि दो बच्चों की नीति अपनाने वाले व्यक्ति को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। जी हां ऐसे माता पिता जिनके दो बच्चे है और वे सरकारी नौकरी करते है तथा अपनी मर्जी से नसबंदी करवाते है तो उन्हें दो एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट और पीएफ में एंप्लायर कॉन्ट्रिब्यूशन जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यहां तक कि पानी, बिजली और हाउस टैक्स में भी छूट मिलेगी। इसके साथ ही एक संतान होने के बाद नसबंदी करवाने वालों की संतान को बीस साल तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था और सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की सिफारिश की जाएगी।

सिर्फ ये लोग उठा पाएंगे सुविधाओं का लाभ :

बहरहाल वन चाइल्ड पॉलिसी स्वीकार करने वाले बीपीएल श्रेणी के माता पिता को खास तौर पर प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव रखा गया है। जी हां इसके मुताबिक जो माता पिता पहला बच्चा होने के बाद ऑपरेशन करवा लेंगे उन्हें कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। जैसे कि पहला बच्चे के बालिग होने पर 77 हज़ार और बालिका पर एक लाख की खास प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यहां तक कि ऐसे माता पिता की बेटी को उच्च शिक्षा तक मुफ्त पढ़ाई और बेटे को बीस साल तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।

बता दे कि राज्य विधि आयोग ने इस ड्राफ्ट को उत्तर प्रदेश जनसंख्या विधेयक 2021 नाम दिया है। इसके साथ ही आयोग ने शुक्रवार को ये जानकारी अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी है और उन्नीस जुलाई तक जनता से इस बारे में राय मांगी है। दरअसल यह ड्राफ्ट ऐसे समय में पेश किया गया है, जब ग्यारह जुलाई को योगी आदित्यानाथ सरकार ने नई जनसंख्या नीति जारी की थी।

ड्राफ्ट को लेकर जस्टिस आदित्य मित्तल ने कही ये बातें :

वही इस बारे में जस्टिस आदित्य मित्तल का कहना है कि अगर कोई जानबूझ कर इस कानून का उल्लंघन करेगा तो उसे कानूनी सुविधाओं का लाभ नहीं दिया जायेगा, क्योंकि ये नीति काफी सोच समझ कर बनाई गई है। इसके इलावा आदित्य मित्तल का कहना है कि हम किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, लेकिन हम चाहते है कि जनसंख्या नियंत्रण में मदद करने वालों को योजनाओं का पूरा लाभ मिले।

गौरतलब है कि ड्राफ्ट के अनुसार ये विधेयक, राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से एक साल बाद लागू किया जाएगा। हालांकि एक से ज्यादा शादी करने वाले मामलों में बच्चों की सही संख्या के उद्देश्य से हर दंपति को एक विवाहित जोड़े के रूप में गिना जाएगा। अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो यूपी में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर योगी सरकार पूरी तैयारी कर चुकी है और अब केवल इस कानून के लागू होने का इंतजार है। दोस्तों इस ड्राफ्ट के बारे में आपकी क्या राय है, ये हमें जरूर बताइएगा।

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