जैसा के हम सभी जानते है की भारत काफी दीनो तक इंग्लिश हुकूमत का गुलाम रहा है लेकिन काफी सालो के बाद हमारे देश के वीर जवानो की बलिदान और शौर्य की वजह से देश इस गुलामी की जंजीरो को तोड़ कर आज़ाद हुआ, लेकिन अंग्रेजो ने जाते जाते हमारे देश को दो टुकड़ो में बाँट दिया जिसकी वजह से हिंदुस्तान और पाकिस्तान दो अलग अलग देश बने. आज़ादी के बाद से ही हमारा देश भारत एक अमन पसंद और सभी वर्गो धर्मो और समुदायों को साथ लेकर चलने वला देश बना वही दूसरी और पाकिस्तान में कट्टरवाद ने जन्म ले लिया और उस समय से लेकर अबतक पाकिस्तान तरह तरह की साज़िशों से हमारे देश की अखंडता और सम्प्रभुता पर आघात करता रहता है।
हमारे देश में स्कूल में बच्चो को सचाई के रस्ते पर चलने की और पूरी दुनिया में अहिंशा फ़ैलाने की बाते होती है लेकिन वही दूसरी और पाकिस्तान अपने यहां स्कूलों पढ़ाई जाने वाली किताबों के जरिए बच्चों के दिमाग में भारत के प्रति नफरत भर रहा है। इन किताबों में गलत ऐतिहासिक तथ्य दिए गए हैं और इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है।
हिंदुस्तान और पाकिस्तान में शत्रुता बढ़ाने में वहां के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली पाठ्य पुस्तकों का 100 फीसदी योगदान है। पाकिस्तान में 10वीं क्लास में स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताब में भारत के प्रति जहर भरा पड़ा रहा है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सरकार से मान्यता प्राप्त 10वीं क्लास की इतिहास की पाठ्य पुस्तकों में प्रकाशित फर्जी तथ्यों से बच्चों को यह शिक्षा दी जा रही है कि हिंदू ही 1947 के बंटवारे के लिए जिम्मेदार थे। हिंदुओं ने मुसलमानों को मौत के घाट उतारा। उनकी प्रॉपर्टी लूटी और उन्हें भारत से बाहर जाने के लिए मजबूर किया।
पाकिस्तान इस कदर वह के बच्चो में हर भर रहा है की वहां के छात्र भी यही कहते हैं, ‘उन्होंने हम पर नजर डाली इसलिए हमें पाकिस्तान बनाना पड़ा।’ दूसरी ओर भारत के स्कूलों में इतिहास की किताब में पढ़ाया जाता है कि हिंदुस्तान को महात्मा गांधी के प्रयासों से ही आजादी मिली। वह भारत के एकीकरण के पक्ष में थे, लेकिन मुस्लिम लीग की अलग देश बनाने की जिद से पाकिस्तान का जन्म हुआ।
आज़ादी के बाद हिंदुस्तान के इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा
पाकिस्तान के हाई स्कूल के स्टूडेंट नोमन अफजल ने कहा कि उनको स्कूल में पढ़ाई जाने वाली इतिहास की किताबों से पता चला कि विश्वासघाती हिंदू 1947 में हुए रक्तपात के लिए जिम्मेदार थे। राजनैतिक विशेषज्ञों के अनुसार सीमापार पाकिस्तान में छात्रों को इतिहास को अपने पक्ष में तोड़-मरोड़कर पढ़ाया जा रहा है। इससे अरसे से कट्टर विरोधी रहे दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) के बीच सद्भावना पनपने की उम्मीद बहुत कम है।
देश की जब आज़ादी हुई उस समय हुई हिंसा में 20 लाख लोग मारे गए थे। उस समय हुई नरसंहार की घटनाओं ने भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता और कड़वाहट के बीज बो दिए थे। आज दशकों बाद भी पाकिस्तान ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़मरोड़कर इतिहास की पुस्तकों के माध्यम से छात्रों के सामने रख रहा है, जिससे भावी पीढ़ी के दिलो-दिमाग में वही शत्रुता भरती जा रही है।
पाकिस्तान ने अपनी किताबो में मुस्लिम लीग को बनाया हीरो
पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली इतिहास की किताबों में स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी के योगदान को बिल्कुल नकार दिया है, जबकि भारत में पढ़ाई जाने वाली इतिहास की किताबों में उन्हें ‘वन मैन आर्मी’ की संज्ञा दी जाती है। इतिहास के शिक्षक आशीष ढाकन ने कहा कि पाकिस्तान की इतिहास की किताबों में पढ़ाया जाता है कि मुस्लिम लीग मुसलमानों के आत्मसम्मान और उन्हें स्वतंत्रता दिलाए जाने के लिए लड़ी।
हमारे इतिहास में भारत ने अंग्रेजों से आजादी आई। उनकी इतिहास की किताबों में ये लिखा है कि पाकिस्तान ने ये लड़ाई अंग्रेजों से जीती। इस तरह पाकिस्तान इतिहास को इस तरह तोड़ मरोड़ कर अपने बच्चो के मन में हिंदुस्तान के प्रति इतना नफरत भर रहा है की वह का हर एक बक्सा हिंदुस्तान को अपना दुश्मन समझे।