कोरोना में पत्नी की हो गई थी मौत, पति ने ढाई लाख में बनवाया पुतला, अब पहनाता है गहने और करता है बात
इसमें कोई शक नहीं कि अगर कोई एक इंसान किसी दूसरे से बेहद प्यार करता हो और ऐसे में अगर उसका साथी उससे बिछड़ जाएं तो वह इंसान अपने प्यार की याद में किसी भी हद तक जा सकता है। बता दे कि आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स के बारे में बताना चाहते है, जिनकी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं रही। जी हां जब कोरोना में पत्नी की मृत्यु हुई तो इस शख्स ने अपनी पत्नी की मौत के बाद भी उसे जीवित रखा। अब आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसा कैसे हो सकता है। तो चलिए आपको इस कहानी के बारे में विस्तार से बताते है।
कोरोना में पत्नी की मौत के बाद पति ने किया ये काम :
गौरतलब है कि कोलकाता के रहने वाले तपस शांडिल्य ने अपनी पत्नी इंद्राणी को अपनी आंखों के सामने जीवित रखने के लिए कुछ ऐसा किया है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। बहरहाल इसी कार्य की चलते है उनकी पत्नी आज भी घर के झूले पर बैठी नजर आती है। जी हां उनकी पत्नी ने अपनी पसंद की सिल्क की साड़ी और सोने के आभूषण पहन रखे है। ये सब देख कर किसी को भी ऐसा लगेगा कि वह सच में जीवित है।
पत्नी की याद में इस हद तक गुजर गए तपस शांडिल्य :
यहां गौर करने वाली बात ये है कि तपस शांडिल्य ने अपनी पत्नी की मौत के बाद अपने गम को भुलाने के लिए उनकी एक मूर्ति बनवाई है, जो एकदम संजीव दिखती है। बता दे कि इस मूर्ति को बनवाने में करीब ढाई लाख रुपए खर्च हुए है। जी हां ढाई लाख में बनी यह मूर्ति इंसान की तरह ही दिखती है। केवल इतना ही नहीं इसके इलावा वीआईपी रोड पर स्थित इस घर में इंद्राणी को उनकी पसंदीदा जगह यानि एक झूलते हुए सोफे पर बिठाया गया है। ऐसे में इंद्राणी के इस पुतले को देख कर उनके पड़ोसी और इलाके के बाहर से आने जाने वाले लोग भी आकर्षित होते है।
हर जगह हो रही है स्टेच्यू की चर्चा :
बता दे कि 65 साल के तपस शांडिल्य एक सेवानिवृत केंद्रीय कर्मचारी है और उनका कहना है कि वह अपनी पत्नी से बेहद प्यार करते है। वही अगर खबरों की माने तो कोरोना की दूसरी लहर के दौरान तपस शांडिल्य ने अपनी पत्नी को खो दिया था और अपनी पत्नी के मृत्यु के बाद वह एकदम अकेले हो गए थे।ऐसे में अपने इस गम से बाहर निकलने की उन्होंने बहुत कोशिश की, लेकिन फिर आखिकार उन्होंने अपनी पत्नी का सिलिकॉन स्टेच्यू बनाने का फैसला किया। बता दे कि यह स्टेच्यू पिछले साल की शुरुआत में मूर्तिकार सुबीमल दास ने बनाना शुरू किया था और छह महीने की कड़ी मेहनत के बाद इंद्राणी जैसा हुबहू दिखने वाला स्टेच्यू बन ही गया। फिलहाल आप इस स्टेच्यू की एक झलक यहां देख सकते है और इस बारे में आपकी क्या राय है ये भी हमें जरूर बताइएगा।