
पद्म भूषण से सम्मानित होने के बाद आनंद महिंद्रा ने खुद को बताया ‘अयोग्य’ कारण बताकर जीत लिया देश का दिल
बता दे कि बीते साल महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और ये पुरस्कार उन्हें खुद भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिया था। जी हां राष्ट्रपति भवन में आनंद महिंद्रा को जब पुरस्कार से सम्मानित किया गया तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। ऐसे में ट्विटर पर आनंद महिंद्रा ने न केवल अपनी खुशी जाहिर की, बल्कि अपनी सोच को भी बखूबी जाहिर किया। अब ये तो सब को मालूम ही है कि पद्म पुरस्कार एक ऐसा पुरस्कार है जिसे पाने की इच्छा हर भारतीय की होती है। जी हां किसी को भी ये विशेष पुरस्कार मिलना गर्व की बात है।

ट्विटर पर आनंद महिंद्रा ने शेयर की अपनी सोच :
गौरतलब है कि इस पुरस्कार को हासिल करके आनंद महिंद्रा भी बेहद उत्साहित थे। वही आनंद महिंद्रा ने पुरस्कार हासिल करने के बाद जो बात कही उससे ये साबित हो गया कि उनका दिल भी बहुत बड़ा है। जी हां आनंद महिंद्रा ने कहा कि वह इस पुरस्कार के योग्य नहीं थे और साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के चयन मानक में व्यापक परिवर्तन किया है। बहरहाल आनंद महिंद्रा ने कहा कि अब मुख्य रूप से जमीनी स्तर पर समाज के सुधार में मौलिक योगदान देने वाले व्यक्तियों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है।

यहां गौर करने वाली बात ये है कि आनंद महिंद्रा ने अपने सभी विचार एक ट्वीट के जरिए ट्विटर पर शेयर किए है। बता दे कि उन्होंने खुद को ध्यान में रखते हुए ये भी कहा कि वह वास्तव में उस स्तर में खुद को शामिल होने के योग्य नहीं महसूस कर रहे है। इसके इलावा आनंद महिंद्रा ने अपने ट्वीट में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी टैग किया है और कर्नाटक की पर्यावरणविद तुलसी गौड़ा का जिक्र भी किया है। जी हां तुलसी गौड़ा ने अब तक करीब तीस हजार पेड़ लगाएं है और वो पिछले छह दशकों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम भी कर रही है।
बीते साल आनंद महिंद्रा को पद्म पुरस्कार से किया गया था सम्मानित :
हालांकि कुछ लोग आनंद महिंद्रा को पुरस्कार मिलने को लेकर सवाल भी उठा रहे थे तो ऐसे लोगों को हम ये बताना चाहते है कि सरकार द्वारा आनंद महिंद्रा को ये पुरस्कार किसी लालच की वजह से नहीं दिया गया है बल्कि उन्होंने ऐसे कई काम किए है, जिससे देश और देशवासियों को खूब प्रेरणा लेनी चाहिए। बहरहाल आनंद महिंद्रा ने पुरस्कार लेने के बाद जो बातें कही उससे लोग हैरान भी है और उनकी तारीफ भी कर रहे है, क्योंकि यह एक ऐसा पुरस्कार है जिसे हासिल करने के लिए हर कोई तरसता है।

बता दे कि ट्विटर पर आनंद महिंद्रा ने अपनी भावनाएं जाहिर करते हुए खुद से भी ज्यादा योग्य लोगों का नाम लिया है और ये भी कहा कि पैसा भले ही इंसान को बड़ा बना दे, लेकिन वो बड़ा तब बनता है जब उसका दिल बड़ा होगा। फिलहाल महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा इस पुरस्कार को हासिल करने की हर कसौटी पर खरे उतरे है। गौरतलब है कि आनंद महिंद्रा उस हर इंसान के लिए प्रेरणा है, जो केवल अपना स्वार्थ सिद्ध करना जानते है। वैसे भी इंसान तब तक इंसान नहीं होता जब तक उसके अंदर इंसानियत न हो। दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी, इस बारे में हमें अपनी राय जरूर दीजियेगा।