स्वास्थ्य

फैटी लिवर में फायदेमंद है विटामिन-ई सप्लीमेंट, जानें खुराक और सेवन करने का तरीका

फैटी लिवर, जिसे हम नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर के नाम से भी जानते हैं। यह एक गंभीर समस्या है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की मानें, तो इस समय में भारत में 30 फीसदी से अधिक वयस्क फैटी लिवर से परेशान हैं। विटामिन-ई एक फैट सॉल्यूबल एंटीऑक्सीडेंट है, जो कि सेल्स को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है। वैसे तो विटामिन-ई कई रूपों में पाया जाता है, लेकिन अल्फा-टोकोफेरॉल जैविक रूप से सक्रिय है। बहरहाल, सवाल यह है कि आखिर फैटी लिवर को रिवर्स करने में विटामिन-ई उपयोगी कैसे है? कुछ क्लीनिक स्टडीज से इस बात की पुष्टि होती है कि फैटी लिवर की समस्या को दूर करने के लिए विटामिन-ई फायदेमंद साबित होता है। फैटी लिवर से पीड़ित व्यक्ति जब विटामिन-ई सप्लीमेंट लेता है, तो इससे लिवर के आसपास जमा फैट कम होती है, लिवर की सूजन दूर होती है और लिवर सेल्स की क्षति में कमी आती है।

विटामिन-ई फैटी लिवर को कैसे प्रभावित करता

ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करे :

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी को लिवर को ऑक्सीडेटिव तनाव से जोड़कर देखा जाता है। जब लिवर में एक्स्ट्रा फैट जमा होता है, तो इसकी वजह से हानिकाकर मुक्त कणों का प्रोडक्शन बढ़ने लगता है। इसेस लिवर के सेल्स मेंब्रेन डैमेज होने लगते हैं और लिवर में सूजन आ जाती है। वहीं, अगर फैटी लिवर का मरीज विटामिन-ई के सप्लीमेंट लेता है, तो इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी मुक्त कणों से छुटकारा दिलाती है और लिवर सेल्स को डैमेज होने से रोकती है।

लिपिड मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है :

लिवर में फैट बढ़ने के कारण लिपिड मेटाबॉलिज्म का संतुलन बिगड़ जाता है। शोध से पता चलता है कि विटामिन ई लिपिड पेरोक्सीडेशन को कम करके मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है। लिपिड पेरोक्सीडेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जो लिवर डिस्फंक्शन के लिए जिम्मेदार होता है।

सूजन को कम करना :

Arthritis

फैटी लिवर होने पर इसमें सूजन आ जाती है। वहीं, अगर इस स्थिति में विटामिन-ई लिया जाए, तो इससे सूजन में कमी आती है, जिससे ‘ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर-अल्फा’ और ‘इंटरल्यूकिन-6’ जैसे सूजन के स्तर में कम हो जाता है। इससे लिवर के हेल्दी रहने की संभावना बढ़ जाती है।

फैटी लिवर से निजात  पाने के लिए विटामिन-ई के स्रोत :

विटामिन-ई के स्रोतों की बात करें, तो इसके लिए आपको बादाम, सूरजमुखी के बीज, पालक, एवोकाडो जैसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह पर पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए विटामिन-ई सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं।

फैटी लिवर एक गंभीर समस्या है। इस तरह की परेशानी होने पर सिर्फ डाइट पर निर्भर रहना सही नहीं है। आपको चाहिए कि प्रॉपर ट्रीटमेंट लें। हां, जीवनशैली में कुछ सुधार आवश्यक हो जाते हैं, जैसे डाइट में हेल्दी विकल्पों को चुनें, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, जिसमें स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और एरोबिक मुख्य रूप से शामिल से किए जाने चाहिए।

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