क्या है प्लाज्मा थेरेपी, कोरोना वायरस के इलाज में यह कैसे कारगर है जानिए डॉक्टर्स की राय
Plasma Therapy In Hindi : इसमें कोई दोराय नहीं कि आज कल कोरोना वायरस का डर चारों तरफ फैला हुआ है। जी हां इस खतरनाक वायरस के कारण हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके है। यही वजह है कि सरकार और आम जनता इस वायरस को लेकर अब काफी सतर्क हो चुकी है। आजकल कोरोना वायरस (Coronavirus) की चर्चा पुरे विश्व में आग की तरह फैलती जा रही है और फैले भी क्यों नहीं लगातार इसका कहर बढ़ता जा रहा है। कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्लाज्मा थेरपी (Plasma Treatment) से इलाज की आस जगी है। दिल्ली में चार मरीजों पर इस्तेमाल से अच्छे नतीजे मिले हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते है यह प्लाज्मा थेरपी है क्या..
क्या है प्लाज्मा थेरपी : Plasma Therapy In Hindi
जब कोई मरीज बीमार रहता है तो उसमें एंटीबॉडी तुरंत नहीं बनता है, उसके शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनने में देरी की वजह से वह सीरियस हो जाता है। सीधे तौर पर इस थेरपी में एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया जाता है। किसी खास वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी तभी बनता है, जब इंसान किसी बीमारी से ग्रषित होता है। अभी कोरोना वायरस फैला हुआ है, जो मरीज इस वायरस की वजह से बीमार हुआ था जब वह ठीक हो जाता है तो उसके शरीर में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बन जाती है। इसी एंटीबॉडी के बल पर मरीज ठीक होता है।
ऐसे में जो मरीज अभी अभी इस वायरस से ठीक हुआ है, उसके शरीर में एंटीबॉडी बना होता है, वही एंटबॉडी उसके शरीर से निकालकर दूसरे बीमार मरीज में डाल दिया जाता है। वहां जैसे ही एंटीबॉडी जाता है मरीज पर इसका असर होता है और वायरस कमजोर होने लगता है, इससे मरीज के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
कैसे काम करती है प्लाज्मा थेरपी : Plasma Therapy In Hindi
आपको बता दे कि कोरोना वायरस की मोटे तौर पर तीन स्टेज हैं। पहली स्टेज में वायरस शरीर में जाता है। दूसरी में यह फेफड़ों तक पहुंचता है और तीसरे में शरीर इससे लड़ने और इसे मारने की कोशिश करता है आपको बता दे जो लास्ट स्टेज होती है वह सबसे खतरनाक स्टेज होती है। इसमें शरीर के अंग तक खराब हो जाते हैं। डॉक्टर्स का कहना कि प्लाज्मा से इलाज के लिए सबसे सही वक्त दूसरी स्टेज होती है। क्योंकि पहली में इसे देने का फायदा नहीं है और तीसरी में यह कारगर साबित नहीं होगा। उनके मुताबिक, प्लाज्मा थेरपी मरीज को तीसरी स्टेज तक जाने से रोक सकती है। अगर तीसरी स्टेज तक बीमारी नहीं पहुँच पायेगी तो मरीज के ठीक होने के आसार बढ़ जायेंगे।
डॉक्टर्स का कहना कि कोरोना से ठीक हुए लोगों के लिए यह वक्त देशभक्ति दिखाने वाला है। वे हॉस्पिटल्स में आकर प्लाज्मा डोनेट करें और लोगो की जान बचाने में मदद करे। कुछ लोगो का मानना है की अगर वे ऐसा करेंगे तो उनमें कमजोरी आ सकती है लेकिन उनकी शंका को दूर करते हुए डॉक्टर्स ने बताया की जैसे डेंगु के दौरान सिर्फ प्लेटलेट चढ़ाई जाती हैं, वैसे ही यहां सिर्फ प्लाज्मा लिया जाएगा, जिससे कमजोरी या दूसरी किसी चीज का डर नहीं होता। यह प्रोसेस खून दान करने जैसा नहीं है। इसमें आपको 3 महीने का इन्तजार भी नहीं करना होता। आप चाहे तो 10 से 15 दिन बाद दोबारा प्लाज्मा डोनेट कर सकते है। इससे आपके शरीर पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। प्लाज्मा थेरेपी कोरोना वायरस के इलाज के लिए कितनी कारगर है यह कहना अभी मुश्किल है। माना जा रहा है कि प्लाज्मा थेरेपी तकनीक कोविड-19 संक्रमण के इलाज में उम्मीद की एक किरण हो सकती है।
नोट : एक बार डॉ की सलाह अवश्य ले।