पतंजलि च्यवनप्राश के फायदे : सर्दियों में सेहत के लिए बड़ा ही गुणकारी है च्यवनप्राश का सेवन, जानिए सेवन का तरीका और खुराक
Patanjali Chyawanprash Benefits In Hindi : बता दे कि पतंजलि च्यवनप्राश एक ऐसी आयुर्वेदिक दवा है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों से निजात पाने के लिए किया जाता है। इसके इलावा इसका इस्तेमाल कई दूसरी समस्याओं को दूर करने में भी किया जा सकता है। जी हां आज हम आपको पतंजलि च्यवनप्राश से जुड़ी गुणकारी बातों से रूबरू करवाना चाहते है और हमें यकीन है कि इसके बारे में जानने के बाद आप भी इसका सेवन किए बिना नहीं रह पाएंगे। तो चलिए अब आपको पतंजलि च्यवनप्राश के फायदे इसके बारे में विस्तार से सब कुछ बताते है।
Patanjali Chyawanprash Benefits In Hindi
पतंजलि च्यवनप्राश की सामग्री :
आंवला : बता दे कि होमियोस्टैसिस को बनाए रखने के लिए और शारीरिक क्रियाओं में तनाव की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए यह बायोएक्टिव तत्व है। इसके इलावा अगर पेट में अल्सर है तो उसका उपचार करने में और भूख बढ़ाने में भी यह काफी मददगार है। यह खांसी कम करने और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में भी सहायक है। इसके साथ ही बालों को बढ़ाने और प्रतिरक्षा प्रणाली पर कार्य करके इम्यून को बेहतर बनाने में भी मददगार है। यहां तक कि कार्डिएक उत्पादन और कार्डिएक के कार्य को बेहतर करने के लिए यह सबसे मज़बूत घटक है।
अश्वगंधा : अब अगर हम अश्वगंधा की बात करे तो यह प्रतिरक्षा प्रणाली पर काम करके इम्यून की प्रतिक्रिया में सुधार लाता है और कामेच्छा को तेज़ करने वाला घटक है।
मुस्ता : यह पेट और आंत की गैस से राहत दिलाने और शरीर में अमाशय रस के स्त्राव को बढ़ाने के लिए भी बेहतरीन तत्व है।
पिप्पली : बता दे कि इसका इस्तेमाल फ्री रेडिकल्स की सक्रियता को कम करने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को रोकने के लिए भी किया जाता है। यह न केवल पाचन क्रिया और पेट को आराम देने में बल्कि इम्यून को बेहतर बनाने में भी सहायक है। यह पाचन रस के स्त्राव को उत्तेजित करने में भी मददगार है।
दालचीनी : बता दे कि यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती है और सूक्ष्म जीवों को खत्म करने तथा उन्हें बढ़ने से रोकने के लिए भी बेहतरीन तत्व है।
पतंजलि च्यवनप्राश के गुणकारी तत्व : Patanjali Chyawanprash Benefits In Hindi
गुड़ : यह वो तत्व है जिसका इस्तेमाल फ्री रेडिकल्स की सक्रियता को कम करने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को रोकने के लिए भी किया जाता है।
तिल का तेल : यह चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मददगार है। यह वायरल इन्फेक्शन के मामले में लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए भी गुणकारी माना जाता है।
दशमूल और बांस : यह चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने में उपयोगी है।
तेजपात : यह पेट और आंत की गैस से राहत दिलाने वाला तत्त्व है। पतंजलि च्यवनप्राश के लाभ इस प्रकार है। यह फ्लू, खांसी, भूख न लगना, दमा आदि बीमारियों से राहत दिलाने में लाभकारी है।
पतंजलि च्यवनप्राश की खुराक :
गौरतलब है कि यह व्यक्ति के रोग, उसके दवाई लेने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सक इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर ही लिया जाना चाहिए। बता दे कि युवा पीढ़ी और बुजुर्ग को खाने के बाद या पहले इसका सेवन करना चाहिए और इसकी 9.8 मिलीलीटर मात्रा ही लेनी चाहिए। आप इसे दूध के साथ ले सकते है और इस दवा का प्रकार अवलेह है। बहरहाल इस दवा को दिन में दो बार लेना चाहिए और यह उपचार लंबे समय तक जारी रहेगा।
बता दे कि जो लोग किशोरावस्था में है वह खाने से पहले या बाद में कभी भी इसका सेवन कर सकते है। हालांकि इन लोगों को 4.9 मिलीलीटर मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए और इसे दूध के साथ लेना चाहिए। बहरहाल यह दिन में दो बार लेना चाहिए और यह उपचार लंबे समय तक जारी रहेगा।
पतंजलि च्यवनप्राश के साइड इफेक्ट्स :
अब यूं तो पतंजलि च्यवनप्राश के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है, लेकिन फिर भी इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। खास करके गर्भवती महिलाओं को यह दवा लेने से पहले सलाह जरूर लेनी चाहिए। वही जो महिलाएं बच्चों को दूध पिलाती है उनके शरीर पर इसका प्रभाव ज्यादा नहीं होता और यह पेट के लिए भी हानिकारक नहीं होता। जी हां इसका बच्चों पर भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ता और जो लोग शराब का सेवन करते है उनके लिए यह बहुत उपयोगी है। हालांकि अगर आप शराब और च्यवनप्राश का सेवन एक साथ करेंगे तो बुरा परिणाम हो सकता है, इसलिए थोड़ी सावधानी बरतें।
गौरतलब है कि पतंजलि च्यवनप्राश का सेवन करने के बाद चक्कर आना या झपकी आने जैसी दिक्कत नहीं होती है। तो आप आराम से वाहन और मशीनरी चला सकते है। इसके इलावा इसका उपयोग करने से आपको इसकी आदत नहीं पड़ेगी। बता दे कि अगर आप शुगर के रोग से ग्रस्त है तो डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही इसका उपयोग करे, नहीं तो आपकी स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह जरूर ले। बहरहाल आप गुनगुने पानी या दूध के साथ पतंजलि च्यवनप्राश ले सकते है। दोस्तों आपको पतंजलि च्यवनप्राश के फायदे से जुड़ी यह जानकारी कैसी लगी, इस बारे में हमें अपनी राय जरूर दीजियेगा।