Migraine in Hindi : माइग्रेन क्या है जानिए माइग्रेन ठीक करने के आसान घरेलू उपाय
Indian News Room Health Desk : Migraine in Hindi माइग्रेन क्या है ? अक्सर हमको सरदर्द हो जाता हैं हम आम सर दर्द को भी माइग्रेन मान लेते है। लेकिन ऐसा सोचना सरासर गलत हैं। दरसल आम सरदर्द और माइग्रेन में अंतर होता हैं। माइग्रेन एक तरह की न्यूरोलॉजिकल स्थिति होती है जिसमें सिरदर्द के अलावा भी कई लक्षण नजर आते हैं। आपको बार बार चुंबन के साथ दर्द होना , उलटी भी आ सकती हैं जी मिचलाना आदि। माइग्रेन का दर्द आम सर दर्द से ज्यादा होता है और इसमे मरीज को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है आधे सर मैं दर्द होना भी माइग्रेन का एक लक्षण है।
माइग्रेन के कारण Migraine Causes in Hindi :
जेनेटिक और पर्यावरणीय कारक माइग्रेन के कारण हो सकते है। माइग्रेन ट्राईगेमिनल नर्व में न्यूरोकेमिकल के बदलाव और मस्तिष्क के रसायनों में असंतुलन, खासकर सेरोटोनिन के कारण शुरू होता है। माइग्रेन के समय सेरोटोनिन का स्तर कम हो जाता है, जो ट्राइजेमिनल सिस्टम को न्यूरोपेप्टाइड का स्राव करता है। न्यूरोपेप्टाइड मस्तिष्क के बाह्य आवरण (मेनिंन्जेज) तक पहुंचकर सिरदर्द उत्पन्न करता है।
कुछ प्रमुख कारण Migraine in Hindi :
तनाव्, पर्यापत पानी न लेना, हार्मोनल बदलाव, कम नींद लेना, संतुलित आहार न लेना, ज्यादा तम्बाकू और अल्कोहल का सेवन फास्ट फूड भी इसका एक कारण हो सकता है।
माइग्रेन के लक्षण Migraine Symptoms in Hindi :
सामान्य दर्द की अपेक्षा माइग्रेन का दर्द अक्सर तीव्र होता है। मरीज का जी मिचलाने लगता है और कई बार उलटी भी आ जाती है। माइग्रेन दर्द के कारण आपके ब्लड प्रेशर पर भी असर पड़ता है। इसमें आपको लो ब्लड प्रेशर की शिकायत हो जाती है। यह दर्द कई बार 2-3 दिन लगातार रह जाता है।
माइग्रेन के प्रकार Types of Migraine in Hindi :
क्लासिकल माइग्रेन : क्लासिकल माइग्रेन एक जटिल समस्या होती है। इसमें मरीज को सिरदर्द से पहले धुंधला दिखयी देने लगता है। अगर आपको क्लासिकल माइग्रेन है तो इस अवस्था में आपको दवाएं लेना जरूरी होता है। किसी भी तरह की समस्या होने पर तुरंत डॉ से संपर्क करे।
नॉन क्लासिकल माइग्रेन : नॉन क्लासिकल माइग्रेन में समय समय पर बहुत तेज सिरदर्द होता है, लेकिन इसमें किसी और तरह के लक्षण दखाई नही देते । ऐसी स्थिति में सिरदर्द की शुरूवात के साथ ही दवा ले लेनी चाहिए ताकि आपको दिक्क्त का सामना न करना पड़े।
माइग्रेन का परीक्षण Diagnosis & Prognosis of Migraine in Hindi :
सबसे पहले डॉ आपका और आपके परिवार के इतिहास की जांच करता है। वह यह देखता है की आपके परिवार के किसी अन्य सदस्य को इस तरह की कोईं दिक्क्त तो नहीं है। अगर परिस्तिथि असामान्य निकलती है तो वह जांच के लिए आपको अग्रिम कार्रवाई करता है। डॉक्टर दर्द के अन्य संभावित कारणों की पुष्टि के लिए कुछ जांच करने की सलाह भी दे सकता है।
ब्लड की जांच : डॉक्टर सबसे पहले रक्त जांच करने को कह सकता है। इससे वह ब्लड के बारे में जरुरी आंकड़े इक्क्ठे करता हैं ताकि वह सही रिजल्ट पर पहुँच सके। इसके साथ ही इस जांच से वह स्पाइनल कोड अथ्वा मस्तिष्क में होने वाली संभावित समस्याओं के बारे में पता लगाने का प्रयास करता है। खून की जांच से डॉक्टर को आपके शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों के बारे में भी पता लग जाता है।
सीटी स्कैन CT SCAN : कंप्यूटराइज टोमोग्राफी यानी सीटी स्कैन में एक्स-रे किरणों की एक श्रृंखला के माध्यम से मस्तिष्क की पूरी तस्वीर तैयार की जाती है। इससे डॉक्टर को ट्यूमर, संक्रमण, क्षतिग्रस्त मस्तिष्क और अन्य समस्याओ के बारे में पता चल जाता है। ऐसा करके डॉ यह पता लगाना चाहता है की सर दर्द के पीछे की वजह क्या है।
एमआरआई MRI : एमआरआई के माध्यम से भी डॉ अपने रिजल्ट को और बारीकी से जांचता है और हर संभव कारण को पता लगाने की कोशिश करता है। ताकि उनके रिजल्ट में कुछ कमी न रह जाए। ऐसा करना मरीज के हित में होता है ताकि उसको रोग से जल्द छुटकारा मिले।
माइग्रेन का इलाज Migraine Treatment in Hindi :
माइग्रेन होने पर नियमित रुप से, डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं ले।
मौसम के बदलाव से खुद को बचाना चाहिए और अपना ख्याल रखना चाहिये। खुद को बदलते मौसम से बचाये। रोजाना कम से कम 6-8 घंटे की गहरी नींद जरूर ले।
सुबह योग, और मार्निंग वॉल्क नियमित रुप से करें। हर रोज भोजन समय पर करें।
सुबह नाश्ता करके ही काम के लिए निकले खाली पेट बाहर न जाये।
बर्फ या ठंडे पानी की पट्टी सिर पर रखने से भी सर दर्द में आराम मिलता है। सिर पर मेहंदी का लेप लगाये क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती हैं जो आपको आराम दिलाएगी।
दालचीनी को पीसकर इसका लेप माथे पर लगायें इससे दर्द से तुरंत आराम मिलेगा।
चिकित्सकीय निगरानी में रहकर और जीवन-शैली में बदलाव करके इस रोग से आसानी से निपटा जा सकता है।
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