Kidney Disease : जानिए किडनी फैल होने के कारण, लक्षण और उपचार
Kidney Disease : किडनी या गुर्दे हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं क्योंकि हमें जीवित रखने के लिए शरीर में होने वाले सैकड़ों फंक्शन किडनी के माध्यम से होते हैं। यह गंदगी बाहर निकालने वाले सिस्टम का एक बहुत अहम हिस्सा हैं। दोनों किडनियों में खून साफ होता है। हमारी दोनों किडनियों में छोटे-छोटे लाखों फिल्टर होते हैं जिन्हें नेफरोंस कहते हैं। नेरोफेंस हमारे खून को साफ करने का काम करते हैं। किडनी हमारे शरीर में सोडियम, पोटैशियम और पीएच लेवल को भी संतुलित करती है।
गलत खान पान और प्रर्यापत मात्रा में पानी न पीने की वजह से हमरी किडनी खराब होने लगती है और काम करना बंद कर देती हैं। ऐसी स्थिति में डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। हाल में ही की गयी एक स्टडी के मुताबिक देश में औसतन 14 फीसदी महिलाएं और 12% पुरूष किडनी की समस्या से पीड़ित हैं। अगर आपको नहीं पता है तो बता दे हर साल 14 मार्च को World Kidney Day मनाया जाता है।
Kidney Disease
किडनी फैल होने के कारण :
- प्रर्यापत मात्रा में पानी न पीना।
- दूषित भोजन करना।
- जयादा ठंडी चीजो का सेवन करना।
- दूषित पानी का सेवन।
- उच्च रक्तचाप।
- खराब दिनचर्या।
- पूरी नींद नहीं लेना।
- हॉर्मोन इम्बैलेंस।
- बढ़ता हुआ ग्लूकोज लेवल।
किडनी के रोग (Kidney Diseases in Hindi) :
एक्यूट किडनी रोग : जब में गुर्दे से सम्बंधित कोई समस्या होती है तो व ज्यादा लम्बे समय न रहकर कुछ समय या निश्चित समय तक ही रहती है तो उस स्तिथि को हम कहते है एक्यूट किडनी समस्याएं किडनी में अचानक होने वाली समस्याएं हैं। जैसे- किसी दवा, इंफेक्शन या रेडियोएक्टिव डाई के कारण किडनी की किसी टिशू (ऊतक) में कोई समस्या आ जाना आदि
एक्यूट किडनी रोग के लक्षण (Acute Kidney Disease Symptoms) :
- शरीर के अंगों में सूजन
- पेशाब करते समय जलन और दर्द
- पेट या पीठ में दर्द होना
- पेशाब रुक-रुक कर आना या कम आना
- भूख न लगना
क्रॉनिक किडनी रोग : कोई भी वो समस्या जो अनिश्चित काल तक रहती है यानी आसान शब्दों में कहे तो यूँ लगा लीजिए जो बीमारी कुछ समय न रहकर लम्बे समय के लिए हो जाती है उसको हम क्रोनिक रोग कहते है ऐसा की किडनी रोग के मामले में है जो लंबे समय तक रहती है और आसानी से ठीक नहीं होती है। जब किसी व्यक्ति की एक या दोनों किडनियां काम करना बंद कर देती हैं, तो उसे डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा किडनी ट्रांसप्लांट भी इस समस्या का आखरी इलाज है।
Kidney Disease
क्रॉनिक किडनी रोग के लक्षण (Chronic Kidney Disease Symptoms) :
- पैरों, चेहरे और आंखों के चारों तरफ सूजन आना (यह सुबह में ज्यादा दिखाई देती है)।
- भूख कम लगना, मितली व उल्टी आना, कमजोरी लगना, थकान होना एवं शरीर में रक्त की कमी।
- कम उम्र में उच्च रक्तचाप होना या अनियंत्रित उच्च रक्तचाप होना।
- सामान्य से कम पेशाब आना।
- ऊतकों में तरल पदार्थ रुकने से सूजन आना।
- ज्यादा थका हुआ महसूस करना या अधिक नींद आना।
- भूख न लगना, वजन कम होना और सोने में परेशानी होना।
किडनी की पथरी ( Kidney Stone ) :
किडनी की पथरी एक गंभीर और आम समस्या है। यूं तो इसके होने के कई कारण होते हैं, लेकिन अगर हम सामान्य कारणों की बात करे तो पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना और खान-पान की गलत आदतें व खराब जीवनशैली इसके प्रमुख कारण हैं। अधिकतर मामलों में पथरी का कारण किडनी में कुछ खास तरह के साल्ट्स का जमा हो जाना होता है। वो साल्ट किसी भी तरह का हो सकता है जैसे कैल्शियम, सोडियम, फॉस्फोरस आदि।
उपचार : Kidney Disease
यूरिन टेस्ट : यूरिन टेस्ट के द्वारा यूरिन में एल्बुमिन की जांच की जाती है। एल्बुमिन एक तरह का प्रोटीन होता है, जो किडनी के खराब होने पर पेशाब के रास्ते से शरीर से बाहर निकलने लगता है।
किडनी बायोप्सी : बीओप्सी की जांच करने के डॉ किडनी से एक छोटा सा टुकड़ा लेता है और उसे जांच के लिए लैब में भेज देता है इस जांच मदद से बीमारी के करने का पता आसानी से लगया जा सकता है और उस बीमारी की स्टेज के बारे में पता लगाया जाता है।
डायलिसिस ( Dialysis) :
अगर किडनी की बीमारी का लंबे समय तक इलाज नहीं किया जाता है तो गंभीर समस्याएं आनी शुरू हो जाती हैं और गुर्दा फेल होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। जब दोनों किडनी फैल हो जाती है तब डायलिसिस की मदद से खून को साफ किया जाता है अगर मरीर को एक्यूट किडनी रोग हुआ है तो डायलिसिस की प्रक्रिया थोड़े समय के लिए होती है। मगर यदि मरीज को क्रॉनिक किडनी फेल्योर हुआ है और गुर्दे बदलने की हालात में नहीं है तो डायलिसिस लंबे समय तक चलती है।