वजन घटाने और कोलेस्ट्रॉल से लेकर हृदय को स्वस्थ रखने तक रामबाण है इसबगोल, जानिए इसके फायदे, नुक्सान और इस्तेमाल का सही तरीका
इसबगोल के फायदे और नुकसान : वैसे तो हमारे आस पास ऐसे कई पौधे देखने को मिलते है जो औषधीय गुणों से भरपूर होते है, लेकिन आज हम जिस पौधे की बात करने जा रहे है उसका संबंध मुख्य रूप से पाचन प्रक्रिया से है। जी हां आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हम यहां इसबगोल की बात कर रहे है, जिसके बारे में काफी कम लोग ही जानते होंगे। बहरहाल आज हम आपको इसबगोल के फायदे, नुकसान और इसके उपयोग के बारे में सब कुछ विस्तार से बताना चाहते है। दरअसल आयुर्वेद के अनुसार यह एक गुणकारी पौधा है और इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से राहत पाने और बचने के लिए किया जाता है। यहां तक कि वैज्ञानिकों ने भी शोध करके इसबगोल के औषधीय गुण और पोषक तत्वों के बारे में काफी कुछ पता किया है। तो चलिए अब इसके बारे में विस्तार से बात करते है।
इसबगोल के फायदे और नुकसान
आखिर क्या है इसबगोल :
सबसे पहले तो हम आपको ये बता दे कि इसबगोल एक झाड़ीनुमा पौधा है, जो कुछ कुछ गेहूं के पौधे की तरह दिखता है। जी हां इसका वैज्ञानिक नाम प्लांटागो ओवाटा है और इसके सिरों में गेहूं जैसी बालियां लगती है। इसके इलावा इसके बीजों के ऊपर सफेद भूसी होती है, जिसे इसबगोल भूसी कहते है। ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस पौधे की भूसी से लेकर इसकी पत्तियों और फूलों तक का इस्तेमाल किया जाता है।
इसबगोल कैसे बनती है :
गौरतलब है कि इसबगोल में जब भूसी आ जाती है तो पौधे को काटा जाता है और अगर मिट्टी में नमी हो तो पौधे को जड़ से उखाड़ जाता है। इसके बाद इस पौधे को धूप में सुखाया जाता है और फिर जब यह पौधा सूख जाता है तो इस की बालियों से इसबगोल के बीज को अलग करते है। इसके बाद भूसी और इसबगोल के बीज की बाहरी परत को अलग करके इसे साफ किया जाता है। बहरहाल भूसी को अलग करने के लिए इसे 6 से 7 बार पीसा भी जाता है। अब अगर हम इसबगोल के फायदे की बात करे तो वो कुछ इस प्रकार है।
इसबगोल के पोषक तत्त्व :
ऊर्जा : 375kcal
प्रोटीन : 5.0 ग्राम
कुल लिपिड यानि वसा : 6.25 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट : 75.00 ग्राम
फाइबर, कुल डाइटरी : 10.0 ग्राम
शुगर, कुल : 30.00 ग्राम
कैल्शियम : 50 मिलीग्राम
आयरन : 1.80 मिलीग्राम
पोटेशियम : 262 मिलीग्राम
सोडियम : 288 मिलीग्राम
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड : 2.500 ग्राम
इसबगोल के फायदे :
कब्ज की समस्या से दिलाएं राहत :
बता दे कि इसबगोल में लैक्सेटिव प्रभाव होता है, जो मल निकासी की प्रक्रिया को आसान और तेज कर सकता है। इसके साथ ही कब्ज की समस्या होने का एक मुख्य कारण कम फाइबर युक्त आहार का सेवन करना होता है। ऐसे में एक शोध के अनुसार इसबगोल में घुलनशील और अघुलनशील दोनों की तरह के फाइबर होते है और इसलिए इसे कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्या के लिए फायदेमंद माना जाता है।
पाचन के लिए फायदेमंद :
बता दे कि एक स्वस्थ शरीर के लिए पाचन का ठीक रहना बेहद जरूरी है और एक शोध के अनुसार यह पता चलता है कि इसबगोल में जो लैक्सेटिव प्रभाव होता है, वह पाचन क्रिया को अच्छी तरह से कार्य करने में मदद कर सकता है। इसके इलावा इसबगोल का उपयोग चिकित्सीय एजेंट के रूप में कब्ज, दस्त और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम यानि आंतों से जुड़ी समस्या के घरेलू उपचार के लिए भी किया जाता है।
वजन घटाने और कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने में सहायक :
बता दे कि फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और इससे भोजन करने की इच्छा भी कम होती है। ऐसे में यह वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसके इलावा एक शोध के अनुसार जो लोग आठ हफ्तों तक कोलेस्ट्रॉल की समस्या से परेशान है उन्हें 5.1 ग्राम की मात्रा दी जाती है। जिसके परिणाम स्वरुप लोगों के टोटल और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानि हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम पाया जाता है।
मधुमेह में लाभकारी :
बता दे कि मधुमेह में खान पान का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है और एक शोध के अनुसार यह पता चलता है कि इसबगोल में फाइबर होता है और इससे मधुमेह की स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। बहरहाल सॉल्युबल फाइबर, ग्लूकोज के अवशोषण को लगभग बारह प्रतिशत तक कम कर सकता है और इससे ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है।
हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक :
गौरतलब है कि इसबगोल में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है और यह हृदय रोगों का खतरा कम कर सकती है। जी हां इसका सेवन करने से सीरम कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रह सकता है और ऐसा कहा जाता है कि सीरम कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हृदय रोग होने का खतरा कम हो सकता है।
बवासीर में लाभकारी :
बता दे कि बवासीर की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को मल त्याग करने के समय खून आने के साथ साथ दर्द भी होता है। तो ऐसे में इस समस्या के लक्षण को कम करने के लिए इसबगोल भूसी काफी फायदेमंद होती है। जी हां इसबगोल भूसी का सेवन करने से इसमें मौजूद फाइबर बवासीर के दौरान होने वाले रक्तस्राव को कम कर सकता है और इसी वजह से इसबगोल को बवासीर के लक्षण को कम करने में फायदेमंद माना जाता है।
आंतो और उत्सर्जन प्रणाली की सुरक्षा करने में सहायक :
बता दे कि विशेषज्ञों के अनुसार इसबगोल का सेवन करने से आंत में पानी की मात्रा बढ़ जाती है और इससे शौच में आसानी होती है। इसके साथ ही आंत का कार्य सामान्य रूप से चलता रहता है। इसके इलावा उत्सर्जन प्रणाली को बेहतर रखने में इसबगोल की भूसी काफी फायदेमंद मानी जाती है। जी हां इसमें मौजूद फाइबर गैस्ट्रिक एसिड स्त्राव को कम करके पाचन तंत्र की रक्षा कर सकता है। बहरहाल एक रिसर्च के अनुसार अगर इसका सेवन सही मात्रा में किया जाएं तो यह गैस्ट्रिक की समस्या और अल्सर के जोखिम को कम कर सकता है।
डायरिया और पेट की सफाई करने में मददगार :
बता दे कि इसबगोल खाने से शरीर में फाइबर की पूर्ति होगी तो इससे डायरिया होने का खतरा भी कई गुना कम हो सकता है। बहरहाल इसबगोल से पेट की सफाई भी अच्छे से हो सकती है और इससे कॉलन की कार्यप्रणाली को भी बढ़ावा मिल सकता है।
इसबगोल लेने का सही तरीका :
बता दे कि इसबगोल से फायदा तभी होता है, जब उसे सही तरीका से लिया जाएं। इसके लिए आप इसबगोल को पानी में भिगो कर भी ले सकते है या फिर दूध में मिला कर भी इसका सेवन किया जा सकता है। आप चाहे तो त्रिफला पाउडर के साथ भी इसबगोल को मिला कर खा सकते है और इसबगोल को दही के साथ भी खाया जाता है।
इसबगोल कब और कितनी मात्रा में लेना चाहिए :
यहां गौर करने वाली बात ये है कि इसबगोल का सेवन सुबह और रात को खाना खाने के बाद करना चाहिए। जब कि गर्भावस्था में इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। गौरतलब है कि इसबगोल की एक दिन में पांच से दस ग्राम मात्रा का सेवन किया जा सकता है और एक रिसर्च के अनुसार जो लोग कोलेस्ट्रॉल से परेशान है उन्हें हर रोज 5.1 ग्राम इसबगोल देने से काफी फायदा होता है। हालांकि यह मात्रा व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य के हिसाब से कम या ज्यादा भी हो सकती है, इसलिए इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
इसबगोल के कुछ नुकसान भी है :
अब अगर हम इसबगोल के नुकसान की बात करे तो इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है और ऐसे में इसका अधिक सेवन करने से पेट फूलना, सूजन और पेट मे ऐंठन आदि जैसी समस्या हो सकती है।
वही डॉक्टरों का कहना है कि अगर किसी को निगलने में कठिनाई या आंतों की समस्या होती है तो उसे इसबगोल का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके इलावा मधुमेह के रोगी को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए, क्योंकि इससे ब्लड शुगर लेवल कम होने का जोखिम हो सकता है।
यहां गौर करने वाली बात ये है कि इसबगोल को फायदेमंद समझ कर इसका जरूरत से ज्यादा सेवन न करे और बच्चों तथा गर्भवती स्त्रियों को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए। बता दे कि इसबगोल का सेवन सीमित मात्रा में करना सही माना जाता है, जब कि इसका अधिक सेवन करने से पेट फूलने जैसी समस्या हो सकती है और संवेदनशील लोगों को इससे एलर्जी भी हो सकती है।
बता दे कि डॉक्टर की सलाह पर आप खाली पेट इसका सेवन कर सकते है, जब कि अगर आपको कब्ज और पाचन संबंधी कोई समस्या है तो इसे काम करने में करीब एक या दो दिन लग सकते है। बहरहाल अब तो आप समझ गए होंगे कि इसबगोल के फायदे और नुकसान व उपयोग क्या है, तो हम उम्मीद करते है कि आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी।