स्वास्थ्य

शरीर के अंदर जमा गंदगी को बड़ी आसानी से बाहर निकाल देंगे ये आसान से घरेलू उपाय, खून होगा साफ और स्किन करेगी ग्लो

बता दे कि बॉडी को अंदर से साफ रखने का मतलब बॉडी को डिटॉक्स रखना है और डेटोक्सिफिकेशन का मतलब रक्त को शुद्ध रखना होता है। जी हां यह लीवर में मौजूद रक्त को साफ करता है और विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। इसके इलावा शरीर भी गुर्दे, आँतों, फेफड़े, लिम्फाटिक तंत्र और त्वचा के द्वारा विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। ऐसे में अगर ये सभी सिस्टम ठीक से काम न कर पाएं तो विषैले पदार्थों को निकालना मुश्किल हो जाता है और इसका शरीर पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए बॉडी को अंदर से साफ कैसे रखना है, इसके बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए।

बॉडी को अंदर से साफ

बॉडी को अंदर से साफ रखने के लिए पढ़े ये जानकारी :

बता दे कि आप प्राकृतिक तरीकों से भी शरीर की सफाई रख सकते है। जैसे कि उपवास करके अंगों को आराम देना और लीवर को उत्तेजित करे, ताकि विषैले पदार्थ शरीर से आसानी से निकल सके। इसके इलावा विषाक्त पदार्थों को गुर्दे, आंत और त्वचा के द्वारा बाहर निकालने के लिए बढ़ावा दे तथा रक्त के संचालन में सुधार करे। गौरतलब है कि साल में एक बार तो हर व्यक्ति को शरीर से विषैले पदार्थ बाहर जरूर निकालने चाहिए। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि कैंसर और ट्यूबरक्लोसिस के मरीजों, बच्चों तथा स्तनपान करवा रही महिलाओं को डेटोक्सिफिकेशन नहीं करना चाहिए। जी हां ये प्रक्रिया करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लीजिये।

बहरहाल अगर आप थकान, सुस्ती महसूस करना, त्वचा संबंधी समस्या, एलर्जी, आँखों के नीचे सूजन, पेट फूलना, मासिक धर्म की समस्याएं और मानसिक भ्रम की स्थिति से बचना चाहते है तो डेटोक्सिफिकेशन जरूर करे। बता दे कि अपने शरीर को डेटॉक्स करने की शुरुआत आप ऐसे कर सकते है कि सबसे पहले अपने शारीरिक और जैविक विष भार को हल्का करे, यानि शराब, सिगरेट, रिफाइंड शुगर, संतृप्त वसा आदि पदार्थों का सेवन करना बंद कर दे। वो इसलिए क्यूकि ये सभी पदार्थ आपके शरीर में विषैले पदार्थों को बढ़ाते है और किसी भी तरह के इलाज में बाधा डालते है। इसके साथ ही आपको प्राकृतिक उत्पादों का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए।

ऐसे कम करे तनाव और डेटॉक्स डाइट तथा टिप्स को जीवन में जरूर अपनाएं :

वही अगर हम तनाव की स्थिति की बात करे तो यह एक अन्य समस्या है, जो आपके शरीर में मौजूद स्ट्रेस हार्मोन सिस्टम में रिलीज़ होने के लिए सक्रिय हो जाती है। जी हां ये हार्मोन शरीर में एड्रेनालाईन रश बनाने लगते है और इससे काफी ज्यादा मात्रा में विषाक्त पदार्थ पैदा होते है। जो लीवर में डेटोक्सिफिकेशन एंजाइम को कम कर देते है। ऐसे में तनाव कम करने के लिए आपको योग और मेडिटेशन जरूर करना चाहिए। गौरतलब है कि डेटॉक्स डाइट और टिप्स के अनुसार आपकी व्यक्तिगत जरूरतों के आधार पर कई डेटॉक्स प्रोग्राम और आहार भी मौजूद है।

जी हां इसके मुताबिक कई प्रोग्राम सात दिन का समय लेते है, क्यूकि विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलने में समय लगता है। जैसे दो दिन तक केवल तरल पदार्थों का सेवन करके उपवास रखना और पांच दिन तक ऐसी हल्की चीजों का सेवन करना जिन्हें पचाने में आपको ज्यादा समय न लगे। इसके इलावा विषाक्त पदार्थ निकालने के लिए करीब तीन से सात दिन तक कुछ ताजा फल और सब्जियों के पेय पदार्थ का ही सेवन करे। बहरहाल डेटॉक्स आहार के प्रोग्राम के अनुसार आप सामान्य फल और सब्जी पर आधारित डेटॉक्स डाइट ले सकते है। इसके साथ ही स्मूथी पर आधारित चीनी रहित और ताजे जूस पर आधारित डेटॉक्स डाइट भी जरूर ले।

डेटॉक्स प्रोग्राम के बाद इन चीजों का करे सेवन :

 बॉडी को अंदर से साफ

बता दे कि डेटॉक्स प्रोग्राम के बाद आप इस जीवनशैली को अपना कर भी अपने शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकाल सकते है। इसके अनुसार फाइबर से भरपूर आहार खाएं, जैसे कि ब्राउन चावल या ऑर्गैनिकली फल तथा सब्जियां खाएं। इसके इलावा मूली, चुकंदर, पत्ता गोभी और ब्रोकली आदि सभी चीजें विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में काफी सक्षम है।

बता दे कि लीवर को साफ रखने के लिए ग्रीन टी, दूध और सिंहपर्णी जड़ आदि चीजों का सेवन करे। गौरतलब है कि विटामिन सी शरीर में ग्लूटाथियोन का उत्पादन करने में मदद करती है और इससे लीवर में मौजूद विषैले पदार्थ भी बाहर निकल जाते है। इसके साथ ही दिन भर में कम से कम दो लीटर पानी जरूर पीएं, क्यूकि पानी पीने से शरीर की अशुद्धता बाहर निकलती है।

बता दे कि आपको गहरी सांसे लेनी चाहिए, ताकि आपके शरीर के सभी सिस्टम में ऑक्सीजन अच्छी तरह से पहुँच सके और सकारात्मक भावनाओं की मदद से तनाव को कम करने की कोशिश करे। बता दे कि पांच मिनट के लिए गर्म पानी से स्नान करके हायड्रोथेरेपी का अभ्यास करे और इसके बाद तीस सेकंड के लिए ठंडे पानी से नहाएं। इस प्रक्रिया को तीन बार करने के बाद आधे घंटे के लिए बेड पर लेट जाएँ।

ऐसे रखे शरीर की अंदरूनी सफाई :

वही अगर आपके घर के आस पास जिम या क्लब में सोना बाथ हो तो उसका उपयोग भी जरूर करे। जी हां इससे आपके पसीने द्वारा विषैले पदार्थों को बाहर निकलने में मदद मिलेगी। बता दे कि डिटॉक्सीफाई करने का सबसे खास तरीका व्यायाम है और ऐसे में हर रोज एक घंटे तक योगा तथा रस्सी कूदने से शरीर से विषैले पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते है। इसके इलावा आप अपने व्यायाम में खेल कूद जैसी चीजों को भी शामिल कर सकते है।

यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि कोई भी प्राकृतिक उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लीजिये। वैसे अब तो आपको ये पता चल गया होगा कि बॉडी को अंदर से साफ कैसे रखना है यानि डेटॉक्स कैसे करना है, तो हम उम्मीद करते है कि आपको ये जानकारी जरूर पसंद आई होगी।

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