स्वास्थ्य

हार्ट अटैक से कम उम्र लोगों की आखिर क्यों हो रही मौत, ICMR की स्टडी में पता चली वजह

हृदय रोगों का खतरा अब उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या तक सीमित नहीं रहा। 30 वर्ष की आयु से कम वाले लोगों में भी इस रोग का जोखिम बढ़ता जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूली बच्चों में भी कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के कारण मौत के मामले दर्ज किए गए हैं।

ICMR ने हाल ही में एक स्टडी की है। इसमें वैक्सीन और अचानक हो रही मौतों के बीच के संबंध को लेकर उठ रहे सवाल का जवाब ढूंढा गया है। अपनी स्टडी का हवाला देते हुए आईसीएमआर ने बताया है कि भारत में कोविड-19 वैक्सीन की वजह से युवाओं की अचानक मौत होने का जोखिम नहीं बढ़ा है।

आईसीएमआर ने कहा है कि कोविड-19 से पहले अस्पताल में भर्ती होना, परिवार में अचानक मौतें होने के पुराने केस और लाइफस्टाइल में बदलाव ने अचानक होने वाली मौत की संभावना को बढ़ा दिया है। इस स्टडी में बताया गया है कि अगर किली से वैक्सीन की कम से कम एक डोज ली है तो उस पर कोरोना वायरस से होने वाली मौत का खतरा कम हो जाता है।

इसके अलावा आईसीएमआर ने स्टडी में कहा है कि कोविड की वजह से अस्पताल में भर्ती होने की हिस्ट्री, परिवार में होने वाली अचानक मौत का रिकॉर्ड, मौत से पहले 48 घंटे तक शराब पीन, ड्रग्स लेना या फिर मौत से 48 घंटे पहले जबरदस्त एक्सरसाइज करना, कुछ ऐसे फैक्ट्स हैं, जिनके अचानक मौत का खतरा बढ़ जाता है। आईसीएमआर ने 1 अक्टूबर, 2021 से लेकर 31 मार्च, 2023 तक स्टडी की। Doctor Meeting

इस स्टडी में देश के कुल 47 अस्पतालों को शामिल किया गया। साथ ही इस स्टडी में 18 से 45 साल की उम्र के लोग शामिल हुए, जो स्पष्ट रूप से स्वस्थ थे। उनमें से एक भी व्यक्ति पुरानी बीमारी से नहीं जूझ रहा था। स्टडी में जानकारी मिली है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दो डोज ली थी, उनमें अचानक होने वाली मौत का खतरा बेहद कम था।

हृदय की जरूर कराएं जांच :

शोध के मुताबिक, कोविड-19 से एक साल पहले ठीक हो चुके लोगों में सेरेब्रोवास्कुलर जटिलताओं, हृदय गति की असमानता, इंफ्लामेशन या इस्केमिक हार्ट डिजीज का खतरा हो सकता है। ऐसे में भले ही आप में संक्रमण के दौरान हल्के स्तर के ही लक्षण रहे हों फिर भी एहतियातन हृदय की जांच करा लें और नियमित रूप से हृदय को स्वस्थ रखने वाले उपाय करते रहें।

नोट : संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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