इन कारणों से महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा होती है गंजेपन की समस्या
इसमें कोई शक नहीं कि वर्तमान समय में केवल महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी अपने बालों के झड़ने की समस्या को लेकर काफी परेशान रहते है। हालांकि गंजेपन की समस्या महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में देखने को मिलती है। मगर क्या आप जानते है कि आखिर गंजेपन की समस्या सिर्फ पुरुषों में क्यों होती है और इसके पीछे की असली वजह क्या है। बहरहाल अगर इसे मजाकिया तरीके से देखा जाए तो बाल झड़ने की सबसे बड़ी समय तनाव होता है और शादी के बाद पत्नियों को तनाव पैदा करने की वजह माना जाता है, लेकिन इस मजाक को ज्यादा गम्भीरता से लेने की जरूरत नहीं है।
आखिर गंजेपन की समस्या सिर्फ पुरुषों में क्यों होती है :
जी हां अक्सर उचित पोषण और ज्यादा तनाव के कारण महिलाओं को भी बाल झड़ने की समस्या होती है, लेकिन फिर भी उनके बाल पूरी तरह से नहीं झड़ते। यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो उन्हें गंजेपन की समस्या नहीं होती, जब कि पुरुषों में बढ़ती उम्र के साथ ये समस्या देखी जा सकती है। इसके इलावा भी गंजेपन के कई कारण है जिसके बारे में हम आपको यहां विस्तार से बताते है। गौरतलब है कि शरीर पर बालों का उगना और चले जाने दोनों की वजह हार्मोनल बदलाव होते है। जी हां गंजेपन पर रिसर्च कर रहे नॉर्वे की बर्गेन यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञानी पेर जैकबसन इन सब के लिए टेस्टोस्टेरॉन नाम के यौन हार्मोन को जिम्मेदार मानते है।
बता दे कि ये पुरुषों में स्त्रावित होने वाले एंड्रोजन समूह का स्टेरॉयड हार्मोन है और पुरुषों में बालों के गिरने की समस्या इन हार्मोंस के कारण ही होती है। दरअसल मनुष्य के शरीर के कुछ ऐसे एंजाइम होते है जो टेस्टोस्टेरॉन को डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरॉन में बदल देते है और ये बालों को पतला तथा कमजोर करने के लिए जिम्मेदार होता है। यहां गौर करने वाली बात है है कि कई बार ये एंजाइम मनुष्य को जींस में मिलते है और यही वजह है कि गंजापन अक्सर आनुवंशिक भी होता है। वही अगर हम महिलाओं की बात करे तो उनमें एस्ट्रोजन नाम के हार्मोन का स्त्राव भी होता है और यही वजह है कि महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरॉन के डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन के बदलने की प्रक्रिया भी कम होती है।
इन वजहों से महिलाओं से ज्यादा झड़ते है पुरुषों के बाल :
हालांकि कभी कभी गर्भावस्था और मीनोपॉज के दौरान यह प्रक्रिया तेज हो जाती है और तब महिलाओं के बाल भी तेजी से झड़ने लगते है। मगर फिर भी महिलाओं में गंजेपन की समस्या कम ही देखने को मिलती है। वैसे अगर हम पुरुषों की बात करे तो तीस वर्ष की उम्र तक उनके बाल झड़ने शुरू हो जाते है और पचास वर्ष की उम्र आते आते उनके बाल पचास प्रतिशत तक झड़ जाते है। हालांकि ऐसा नहीं है कि एक निश्चित उम्र के बाद ही आपके बाल झड़ने लगते है, बल्कि टेस्टोस्टेरॉन का डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन में बदल जाना तो एक लंबी प्रक्रिया है, जो आप पर तब तक असर नहीं डाल सकती, जब तक आप प्रौढ़ अर्थात् अधिक उम्र के नहीं हो जाते। बता दे कि बालों के इस तरह गिरने को ही वैज्ञानिक भाषा में एंड्रोजेनिक एलोपीसिया कहा जाता है।
हालांकि ये अफसोस की बात है कि वर्तमान समय में ज्यादातर लोग कम उम्र में ही गंजेपन का शिकार हो जाते है और ऐसा उन्हें विरासत में मिले एंजाइम तथा त्वचा के अलग प्रकार होने के कारण होता है। जी हां जैसे कि कुछ लोगों के सिर की त्वचा इन एंजाइम्स को बढ़ाने के लिए संग्राहक का काम करती है और ऐसी स्थिति में उन लोगों को गंजेपन की समस्या समय से पहले होने लगती है। बहरहाल अब तो आप समझ गए होंगे कि आखिर गंजेपन की समस्या सिर्फ पुरुषों में क्यों होती है और क्यों महिलाओं में ये समय कम पाई जाती है। दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी, इस बारे में हमें अपनी राय जरूर दीजियेगा।