स्वास्थ्य

बहुत गर्म चाय पीने से 90 परसेंट बढ़ जाता है कैं,सर का खतरा, अगर आप भी बहुत गर्म चाय पीने के शौकीन हैं, तो जान ले ये बात

चाय अक्‍सर गर्म ही पी जाती है और इसमें कोई दो राय नहीं है क‍ि गर्मागर्म चाय पीने का अपना ही मजा होता है। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो जायके तक तो ठीक है लेकिन सेहत के लिहाज से ये सही नहीं है। चाय के कप में आने के कम से कम चार से पांच मिनट बाद इसे पीना सेहत के लि‍ए सही माना जाता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में भी ये बात सामने आ चुकी है कि ज्यादा गर्म चाय पीने से खाने की नली का या गले का कैं,सर होने का खतरा आठ गुना तक बढ़ जाता है।

दरअसल, ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में भी यह बात सामने आ चुकी है कि बहुत ज्यादा गर्म चाय या कॉफी पीने से हमारे भोजन की नली में या फिर गले में कैं,सर होने का खतरा आठ गुना तक बढ़ जाता है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि तेज गर्म चाय गले के टिशूज को नुकसान पहुंचाती है। चाय को आंच से उतारने के 2 मिनट के भीतर ही इसे पीने वालों को कैं,सर का खतरा उन लोगों से 5 गुना बढ़ जाता है, जो 4 से 5 मिनट के बाद इसे पीते हैं।

इस बात की तस्दीक इससे भी की जा सकती है कि ईरान में चाय बहुत अधिक पी जाती है, जबकि वहां के लोग सिग-रेट और तंबा,कू का सेवन भी नहीं करते थे, लेकिन उनमें इसोफे-गल कैं,सर की शिकायत बहुत पाई गई। इसके पीछे कारण तेज गर्म चाय थी जो गले के टिशूज को नुकसान पहुंचाती है। चाय को आंच से उतारने के दो मिनट के भीतर पीने वालों को कैं,सर का खतरा उन लोगों से पांच गुना बढ़ जाता है, जो चार या पांच मिनट के बाद पीते हैं।

अगर आप भी बहुत गर्म चाय पीने के शौकीन हैं, तो संभल जाएं। एक ताजा शोध के मुताबिक, ऐसा करने वालों को इसो-फेगल यानी खाने की नली का कैं,सर होने का खतरा बढ़ जाता है। नियमित तौर पर 75 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा तापमान तक गर्म चाय पीने वालों में इसो-फेगल कैं,सर का खतरा दोगुने से भी ज्यादा होता है।

 

इसमें पाया गया कि रोजाना 60 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा तापमान वाली 700 मिलीलीटर से ज्यादा चाय-कॉफी पीने वालों को इसोफे-गल कैं,सर का खतरा 90 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. याद रखिए गर्म चाय पीने से एसि-डीटी, अ,ल्सर, और पेट से जुड़ी तमाम बीमा-रियां हो सकती हैं। केवल गर्म चाय ही नहीं, कोई चीज हो इतनी गर्म हो जो पेट की शेल्षा झिल्ली- को प्रभावित करती है और उससे पेट से जुड़ी तमाम बीमा-रियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए याद रखें क‍ि चीजें इतनी ही गर्म खानी चाहिए जिससे मुंह और गला ही नहीं, पेट भी न जले।

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