डेंगू क्या होता है, जाने लक्षण और उपचार Dengue Fever in Hindi
Indian News Room Health Desk : डेंगू क्या होता है ? Dengue Fever in Hindi डेंगू एक ऐसी बीमारी हैं जो सामान्य तौर पर एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटने से होता है। इस बीमारी में मरीज को तेज बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते बनने लग जाते हैं। जिस भी स्थान पर यह महामारी के रूप मे फैलता है उस स्थान पर अनेक प्रकार के विषाणु सक्रिय हो सकते है। डेंगू बुखार बहुत ही दर्दनाक और खतरनाक बीमारी है। इसमें रोगी के शरीर में दर्द बहुत ज्यादा होता है, इसलिए इसे हड्डी तोड़ बुखार कहना गलत नहीं होगा।
यह बीमारी सामान्य तौर पर बारिश के सीजन में होती है। क्योंकि इस मौसम में ज्यादा गंदगी होने की वजह से मछर उत्पन हो जाते हैं। विषाणु से फैलने वाले इस रोग को एंटीबायोटिक दवाइयों से ठीक नहीं किया जा सकता है। इसी कारण कई बार यह बीमारी एक भयंकर रूप भी धारण कर लेती है।
Dengue Fever in Hindi
डेंगू बुखार के कारण और प्रकार Dengue Causes & Types in Hindi :
आपको बता दे की डेंगू के वायरस चार अलग अलग प्रकार के होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इनमें से किसी एक प्रकार के वायरस का संक्रमण हो जाता है। तो समान्यत उसके पूरे जीवन में वह उस प्रकार के वायरस से सुरक्षित रहता है। हालांकि बाकी के तीन प्रकारों से वह कुछ समय के लिये ही सुरक्षित रहता है। यदि उसको इन तीन में से किसी एक प्रकार के वायरस से संक्रमण हो तो उसे गंभीर समस्याएं होने की संभावना भी अधिक होती है।
डेंगू आमतौर पर डेन1, डेन2, डेन3 और डेन4 सरोटाइप का होता है। 1 और 3 सरोटाइप के मुकाबले 2 और 4 सेरोटाइप कम खतरनाक होता है। जबकि 1 और 3 ज्यादा खतरनाक होते हैं टाइप 4 के लक्षणों में शॉक के साथ बुखार और प्लेट्लेट्स में कमी, जबकि टाइप 2 में प्लेट्लेट्स में तीव्र कमी, तेज बुखार, शरीर में दर्द और डेंगू शॉक सिंडरोम इसके प्रमुख लक्षण होते हैं।
डेंगू बुखार के लक्षण Dengue Fever Symptoms in Hindi :
अगर आपको डेंगू का मच्छर काट लेता है तो इसका इन्क्युबेशन पीरियड 3 से 13 दिनों तक रहता है। डेंगू के इन्क्युबेशन पीरियड के दौरान कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देते। इस रोग के शुरुआत में आपको तेज बुखार, सिरदर्द और पीठ में दर्द होना शुरू हो जाता है। जोड़ों में भी दर्द होना इसका एक आम लक्षण है। रोगी के शरीर का तापमान अचानक से 104 डिग्री हो जाता है। और ब्लड प्रेशर पर भी इसका असर देखने को मिलता है। आंखें लाल हो जाती हैं, स्किन का रंग गुलाबी होने लगता है। बुखार 2 से 3 दिन तक रहता है और फिर धीरे धीरे तापमान नार्मल हो जाता है। मरीज ठीक होने लगता है और फिर से तापमान बढ़ने लगता है। पूरे शरीर में दर्द होता है। हथेली और पैर भी लाल होने लगते है। तापमान बढ़ने से कई बार बेचैनी भी होने लगती है।
डेंगू से बचाव के तरीके Prevention of Dengue Fever in Hindi :
किसी भी रोग से बचने के लिए उसकी रोकथाम जरुरी है। उसी प्रकार डेंगू की रोकथाम के लिए डेंगू के मच्छरों के काटने से बचे। आपको यह तो जरूर पता होगा की एडीज इजिप्टी नामक मच्छर के काटने से डेंगू रोग फैलता है। डेंगू का मच्छर अधिकतर सुबह के समय काटता है। डेंगू के मच्छरों को कंट्रोल करने के लिए अपने घर में कहीं भी गन्दा पानी न रुकने दे। एक निश्चित समय पर अपने मटको, कूलर और अन्य चीजो में भरे हुए पानी हो बदलते रहे अगर आपको की इस जगह पर पानी भर सकता है तो वहां कीटनाशक का उपयोग करें।
घर में मच्छरदानी का उपयोग करे और पूरे बदन को ढककर रखे। आप चाहे तो क्रीम लगाकर भी अपना बचाव कर सकते है। अपने घर और आसपास साफ-सफाई रखें। क्योंकि गंदगी में डेंगू के मच्छरों के पनपने की आशंका ज्यादा होती है। जब भी आपको किसी तरह किन परेशानी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह ले और उनके द्वारा दी गयी जानकारी को उपयोग में लाये।
कैसे करें डेंगू की जांच Diagnosis of Dengue Fever in Hindi :
डेंगू बुखार में हमारे शरीर मैं मौजूद प्लेटलेट्स कम हो जाते है जोकि हमारे लिए जानलेवा साबित भो सकते है। पलेट्लेट्स के बारे में पूरी जानकारी आपको जांच के बाद ही पता चलता है। डेंगू के कई प्रकारों को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर उसके अनुसार ही रक्त जांच की सलाह देते है। डेंगू की पहचान के लिए रक्त जांच जरुरी होती है। रीयल टाइम पीसीआर (पॉलीमरेज चेन रिएक्शन) टेस्ट से भी डेंगू की जांच की जाती है। वर्तमान में डेंगू जांच के लिए रेपिड डाइग्नोस्टिक किट उपयोग में ली जाती है। हेमेगुलीटिनीशन इनहीबिशन टेस्ट तथा एलीसा सेरोलोजिकल टेस्ट से भी डेंगू विषाणुओं की पहचान की जा सकती है। इनमें एलीसा टेस्ट काराना फायदे का सौदा रहता है। क्योंकि रिजल्ट जल्दी और स्टिक आता है।
डेंगू का उपचार Dengue Treatment :
सामान्य तौर पर रोगी को हॉस्पिटल में दाखिल करवाने की जरुरत नहीं होती परन्तु अगर स्थिति ज्यादा गंभीर है तो तुरंत उसे चिकित्सक के पास लेकर जाए हालांकि डेंगू की गंभीरता न होने की स्थिति में घर पर रह कर ही उपचार किया जा सकता है। और सामान्य पीडि़त व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं होती। इस रोग में रोगी को तरल पदार्थ का सेवन कराते रहें। जैसे नींबू पानी, नारयण पानी और जूस आदि। डेंगू वाइरल इंफेक्शन है। इस रोग में कोई भी एंटीबॉयटिक देने की आवश्यकता नहीं है। बुखार आने पर रोगी को पैरासीटामॉल टैबलेट दें।
अगर आप चाहे तो जरुरत केअनुसार ठंडे पानी की पट्टी माथे पर रख सकते हैं। मान लिजिये अगर मरीज को रक्तस्राव हो रहा है तो उसे प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरुरत पड़ सकती है। सामान्य तौर पर डेंगू होने पर बुखार 3 से 5 दिन रह सकता है। जैसे ही बुखार काम होने लगता है रोगी की प्लेटलेट्स अपने आप बढ़ने लगती है। जैसे ही डेंगू के लक्षण आपको नजर आये तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे।
डेंगू का घरेलू उपचार Home Remedies for Dengue Treatment :
तुलसी की खुशबू से डेंगू फैलने वाले मच्छर दूर भागते हैं इसलिए हो सके तो तुलसी का पौधा अपने घर में जरूर लगाकर रखे घर व घर के आसपास किसी भी जगह पर पानी इकट्ठा ना होने दें। इस बात का पूरा ध्यान रखें कि डेंगू मच्छर अधिकतर साफ पानी में ही होते है इसलिए सभी चीजो को ढककर रखे ।
संतरे का जूस पीना मरीज के लिए हितकारी होता है। क्योंकि यह पाचन में मदद करता है और एंटीबॉडी को बढ़ने में भी मदद करता है
पपीता के पत्तो का रस पीने से पलटलेट्स बढ़ने लग जाती है।
गिलोय का रस मरीज को समय समय पर पिलाते रहे। यह मरीज के घटे हुए प्लेटलेट्स को बढाने में अहम भूमिका निभाता है।
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