Asthma में बस इन बातों का ध्यान रखे, आपको कभी नही होगी सांस सम्बंधित कोई बीमारी
Indian News Room Health Desk : डॉक्टर्स का कहना है कि Asthma/अस्थमा से काफी लोग ग्रसित हैं क्योंकि हमारा वातावरण बिल्कुल खराब हो चुका है. हमारी दिनचर्या भी ठीक नही है और ना ही हमारा खानपान। ऐसे में अस्थमा के प्रति हमें जागरूक होने की जरूरत है। भारत में तकरीबन 20% इसके ऐसे मरीज हैं जिनकी उम्र 14 वर्ष से कम है। अस्थमा में मरीज को सांस की नली में सूजन हो जाती है। इससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। वह ठीक से सांस नहीं ले पाता और सारा सांस मुहं के द्वारा लेता है। इसके साथ ही प्रदूषण, तापमान में बदलाव, धूल मिट्टी आदि के संपर्क में ज्यादा रहने से हमें इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
पॉल्यूशन Pollution :
आजकल तेजी से बढ़ता प्रदूषण भी अस्थमा की एक मुख्य वजह है। प्रदूषण के कारण जब दूषित हवा सांस की नली के द्वारा हमारे फेफड़ों में जाती है तो हमें सांस से संबंधित बीमारियां होने लगती है। इससे बचने के लिए हमेशा मुंह पर मास्क का प्रयोग करें। अपने मुंह को ढक कर रखें ताकि पॉल्यूशन के कण आपके फेफड़ों तक ना पहुंच पाए।
वायरल इनफेक्शन Viral Infection :
ऐसा कई बार होता है कि जब हमें सर्दी बुखार होती है तो यह समस्या पैदा हो सकती है क्योंकि सर्दी बुखार के कारण हमें एलर्जी हो जाती है। जिसके कारण सांस लेने में भी दिक्कत होती है। इसलिए वायरल इंफेक्शन से बचना बहुत जरूरी है। अपनी जीवनशैली को सही रखे और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
अस्थमा के लक्षण Sign And Symptoms Of Asthma :
अस्थमा के मरीज को छाती में तनाव आ जाता है।
सांस फूलने लगता है।
जब वह सांस लेता है तो सीटी जैसी आवाज आती है। उसके सीने में जकड़न होने लगती है. लंबे समय तक खांसी आती है। सीने में भी दर्द हो सकता है। थकावट महसूस होती है। यह सब अस्थमा के प्रमुख लक्षण है।
अस्थमा का उपचार : Asthma Treatment
जो लोग अस्थमा से ग्रसित हैं उनको जब भी जरूरत पड़े तो डॉक्टर से संपर्क करें। जिस किसी को भी सांस में किसी प्रकार की समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इसके लिए नियमित दवाइयों का प्रयोग करें जो डॉक्टर द्वारा को दी गई है। इसके अलावा इनहेलर लेना भी एक कारगर उपाय है। अस्थमा के लिए इनहेलर्स सबसे अच्छी दवा होती है। क्योंकि यह सीधा फेफड़ों तक पहुंचती है जिससे मरीजों को काफी आराम महसूस होता है। इसके अलावा टेबलेट और इंजेक्शन से भी दवा दी जाती है। लेकिन बिना डॉक्टर के सलाह भी किसी प्रकार की कोई भी दवाई मरीज को नहीं देनी चाहिए।
बचाव के उपाय : Asthma
अस्थमा मरीजों को खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
जब भी मौसम बदले तो सावधानी जरूर रखे। यदि आप डायबिटीज से पीड़ित है तो आपको अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। क्योंकि डायबिटीज से आपको अनेक समस्याएं पैदा हो सकती है। अस्थमा के मरीजों को अपने दवाओं का इस्तेमाल समय पर करना चाहिए। किसी भी दवा को बीच में न छोड़े। धुल मिट्टी से अपने आप को बचाए। केमिकल युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन ना करें। समय-समय पर डॉक्टर की सलाह ले।
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