सेहत के लिए भरपूर फायदेमंद है आंवला का सेवन, लेकिन सेवन से पहले फायदे के साथ नुकसान भी जान लीजिये
Amla Khane Ke Fayde : बता दे कि आयुर्वेद के अनुसार आंवला एक ऐसा फल है, जिसके कई सारे फायदे होते है, लेकिन क्या आप जानते है कि इसके कई नुक्सान भी होते है। बहरहाल आज हम आपको आंवला के फायदे और नुक्सान दोनों से रूबरू करवाना चाहते है, ताकि आप इसका सही इस्तेमाल कर सके। सबसे पहले तो आप ये जान लीजिये कि आंवला को आयुर्देव में धात्रीफल या अमृतफल भी कहा जाता है और वैदिक काल से ही इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता रहा है। जी हां पेड़ पौधों से बनी औषधि को काष्ठोषधि और धातु खनिज से बनी औषधि को रसौषधि कहते है और इन दोनों तरह की औषधियों में आंवला का इस्तेमाल किया जाता है।
Amla Khane Ke Fayde
आंवला के बारे में जानिए कुछ दिलचस्प बातें :
गौरतलब है कि आंवला वह औषधि है, जो शरीर के दोष को मल द्वारा शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है और कई जगहों पर इसे अमला नाम से भी जाना जाता है। बहरहाल आंवला का वानस्पतिक नाम अमला ही है और इसका अंग्रेजी नाम एम्बिलक मायरोबालान ट्री है। इसके इलावा दुनिया के अलग अलग देशों में आंवला को अलग अलग नामों से जाना जाता है। जैसे कि हिंदी में आंवला या आमला, उर्दू में आंवला, ओरिया में औंला, गुजराती में आमली, पंजाबी में आमला, अंग्रेजी में इंडियन गूजबेरी और ऐरबिक में आमलज्ज तथा बंगाली में आमलकी कहा जाता है। अब अगर हम आंवला के फायदों की बात करे तो इसके कई सारे फायदे है, जो इस प्रकार है।
आंवला के फायदे : Amla Khane Ke Fayde
सफेद बालों की समस्या दूर करने में सहायक : बता दे कि वर्तमान समय में सफेद बालों की समस्या से हर उम्र के लोग परेशान है, तो ऐसे में आप आंवले का पेस्ट का इस्तेमाल करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। इसके लिए तीस ग्राम सूखे आंवले, दस ग्राम बहेड़ा, पचास ग्राम आम की गुठली की गिरी और दस ग्राम लौह भस्म ले लीजिये। इन सब को रात भर लोहे की कढ़ाई में भिगो कर रखे और फिर सुबह इसका पेस्ट बना ले।
अगर आपके बाल कम उम्र में सफेद हो रहे है तो हर रोज इस लेप का इस्तेमाल करे। इसके इलावा आंवला, शिकाकाई और रीठा को मिला कर पेस्ट बना ले। फिर इसे बालों में लगाएं और सूखने के बाद बालों को धो ले। इससे बाल घने, मुलायम और लम्बे हो जायेंगे। आप चाहे तो लौह भस्म और आमला चूर्ण को गुड़हल फल के साथ पीस ले और इसे नहाने से पहले कुछ देर तक बालों में लगा कर रखे। इसके बाद इसे पानी से धो ले, इससे बाल सफेद नहीं होते।
मोतियाबिंद में भी लाभकारी है आंवला : बता दे कि कुछ लोगों को उम्र बढ़ने के साथ मोतियाबिंद की परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए आंवला के साथ रसांजन, मधु और घी मिला ले। इस मिश्रण को आँखों में लगाने से पीलापन और मोतियाबिंद में काफी फायदा मिलता है। इसके इलावा आंवला की एक दो बूंदे आँखों में डालने से आँखों के दर्द से राहत मिलती है और आंवला के बीज को घिस कर आँखों में लगाने से आँखों के रोग में काफी फायदा होता है।
बहरहाल सात ग्राम आंवला को जौ के साथ कूट कर ठंडे पानी में भिगो ले और फिर दो तीन घंटे बाद आंवला को निचोड़ कर पानी से निकाल ले। इसके बाद दूसरा आंवला इसी पानी में डाले और फिर दो तीन घंटे बाद निचोड़ कर निकाल ले। बता दे कि तीन चार बार ऐसा ही करे और आंवला के इस पानी को आँखों में डालने से आँखों की सूजन कम होती है।
कई समस्याओं में फायदेमंद है आंवला :
नाक से खून बहने की समस्या में फायदेमंद : बता दे कि नाक से खून बहने की समस्या कई कारणों से हो सकती है, तो ऐसे में आंवला काफी फायदेमंद साबित होता है। इसके लिए जामुन, आंवला तथा आम को कांजी आदि के साथ पीस ले और इसका लेप मस्तक पर लगाने से नकसीर यानि नाक से खून बहने की समस्या से निजात मिलता है।
गले की खराश में फायदेमंद है आंवला : गौरतलब है कि मौसम बदलते ही कुछ लोगों को गले में खराश की समस्या होने लगती है, तो ऐसे में अजमोदा, आंवला, हल्दी, यवक्षार और चित्रक को एक बराबर मात्रा में मिला ले तथा एक से दो ग्राम आंवला चूर्ण को दो चम्मच मधु यानि शहद और घी के साथ चाटे। इससे गले की खराश दूर होती है।
आईबीएस रोग से राहत दिलाने में सहायक : बता दे कि इस रोग को संग्रहणी रोग भी कहते है और इसमें व्यक्ति को बार बार दस्त आते है। ऐसे में मेथी दाना के साथ आंवले के पत्तों को मिला कर काढ़ा बना ले और दिन में दो बार दस से बीस मिलीलीटर इसका सेवन करे। इससे संग्रहणी रोग दूर होता है।
कब्ज की समस्या करे दूर : जो लोग कब्ज की समस्या से परेशान है, उन्हें तीन से छह ग्राम त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इससे कब्ज की समस्या दूर होती है।
बवासीर में राहत दिलाने में सहायक : बता दे कि यह कब्ज के कारण होने वाली बीमारी है और जो लोग ज्यादा मसालेदार खाना खाते है, उन्हें ये समस्या जरूर होती है। ऐसे में इस बीमारी से बचने के लिए आंवला को अच्छी तरह से पीस कर एक मिट्टी के बर्तन में अंदर की तरफ लेप कर देना चाहिए। फिर रोगी को इसी बर्तन में छाछ रख कर पीना चाहिए, इससे बवासीर की समस्या से राहत मिलती है। हालांकि अगर इस समस्या में ज्यादा रक्तस्त्राव हो तो तीस से आठ ग्राम आंवला चूर्ण का दही की मलाई के साथ सेवन कर ले और ऐसा दिन में दो बार जरूर करे। अगर हो सके तो मसालेदार खाना कम ही खाएं।
आंवला के नुक्सान : Amla Khane Ke Nuksaan
अब अगर हम आंवला के नुक्सान की बात करे तो वैसे तो सामान्य रूप से आंवला के कोई नुक्सान नहीं है, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि इसकी तासीर शीतल होती है यानि ठंडी होती है। जी हां आयुर्वेद के अनुसार इसमें लवण रस को छोड़ कर पांचों रस पाएं जाते है और यह काफी स्वादिष्ट फल होता है। मगर इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए सर्दियों में इसका सेवन करना नुक्सानदायक हो सकता है। इसका मतलब ये है कि आप गर्मी के मौसम में इसका सेवन कर सकते है, लेकिन वो भी सीमित मात्रा में करना चाहिए। तो ये है आंवला के फायदे और नुक्सान, हमें उम्मीद है कि आपको ये जानकारी जरूर पसंद आई होगी।