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बारिश के साथ-साथ आसमान से क्यों गिरती है आकाशीय बिजली, जानिए इसके पीछे की वजह क्या है

आपने अक्सर देखा होगा कि जब बहुत ज्यादा तेज बारिश होती है और मौसम जरूरत से ज्यादा खराब हो जाता है, तो ऐसे में कभी कभी बारिश और ओले पड़ने के साथ साथ बिजली भी गिरती है। इस दौरान कई लोगों के मन में यह सवाल आता है, कि आखिर बारिश के साथ क्यों गिरती है बिजली और इसके पीछे की वजह क्या है। बहरहाल आज हम आपको इसकी वजह से रूबरू करवाना चाहते है। सबसे पहले तो हम आपको ये बता दे कि आकाश से गिरने वाली बिजली इंसान के सिर, गले और कंधों को ज्यादा नुकसान पहुंचाती है।

बारिश के साथ क्यों गिरती है बिजली, जानिए वजह :

दरअसल आकाशीय बिजली का तापमान सूर्य की ऊपरी सतह से अधिक होता है और ऐसे में यह बिजली मिली सेकंड से भी कम समय के लिए रूकती है। शायद यही वजह है कि बारिश के मौसम में दोपहर के समय बिजली गिरने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। यहां आपको जान कर हैरानी होगी कि आसमानी बिजली कई तरह से हमला कर सकती है। बता दे कि डायरेक्टर स्ट्राइक भले ही उतनी ज्यादा नहीं होती, लेकिन फिर भी यह काफी जानलेवा होती है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति पर सीधे तौर पर बिजली गिर जाएं तो वह डिस्चार्ज चैनल का हिस्सा माना जाता है।

हालांकि ज्यादातर डायरेक्टर स्ट्राइक खुले इलाकों में होता है और पेड़ के नीचे शरण लेने वाले लोगों के ऊपर बिजली गिरने का खतरा ज्यादा होता है। इस घटना को साइड फ्लैश भी कहा जाता है और ऐसी स्थिति तब होती है जब बिजली पीड़ित मनुष्य के नज़दीक की किसी लंबी चीज़ पर गिरती है और इस दौरान करंट का एक हिस्सा लंबी चीज़ से होते हुए पीड़ित व्यक्ति तक पहुंच जाती है। यही वजह है कि भारत में ज्यादातर मौतें पेड़ के नीचे या उसके आस पास खड़े लोगों की होती है। अब यूं तो आसमान से बिजली गिरना एक गंभीर घटना है, जो जानलेवा भी हो सकती है, लेकिन अगर पीड़ित व्यक्ति का सही समय पर इलाज हो जाएं तो व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।

बचाव के लिए रखे इन बातों का ध्यान :

गौरतलब है कि बिजली से बचाव के लिए ऊंची जगहों, पहाड़, ब्रिज आदि सबसे नीचे उतर जाएं और घर में ही रहे। इसके इलावा किसी बड़े पत्थर के नीचे खड़े न हो। इसके साथ ही इस दौरान घर में टीवी, रेडियो, फ्रिज या बिजली से संबंधित सभी चीजों का प्लग निकाल दे। इस दौरान अगर आप कार में है तो वही रहे और बाइक से दूर रहे, क्योंकि उसमें पैर जमीन पर रहते है।

यहां तक कि बारिश के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल न करे और तालाब तथा स्विमिंग पूल आदि से दूर रहे। बता दे कि नंगे पैर फर्श पर न खड़े हो और खुद को किसी इमारत के नीचे छिपा ले, इससे भी आप बिजली के प्रकोप से बच सकते है। आपको जान कर हैरानी होगी कि बिजली गिरने के बाद व्यक्ति को हार्ट अटैक भी आ सकता है, इसलिए सबसे पहले ये चेक करना चाहिए कि पीड़ित की सांसे या धड़कन चल रही है या नहीं।

ऐसे बचा सकते है मरीज की जान :

इस दौरान अगर व्यक्ति की सांसें चल रही हो तो उसे अपने मुंह से सीपीआर दे और धड़कन रुक जाने पर सीपीआर के साथ साथ छाती भी जोर जोर से दबाएं। बता दे कि अक्सर एक ही जगह पर दो बार बिजली गिर सकती है तो ऐसे में अगर आप ऐसी किसी जगह पर है, जहां वज्रपात होने का खतरा ज्यादा है तो वहां से मरीज को फौरन हटा ले।

इसके इलावा बिजली गिरने पर व्यक्ति की हड्डियां भी टूट सकती है या फिर व्यक्ति के दिखने या सुनने की शक्ति भी जा सकती है, तो ऐसे में इन सभी चीजों की अच्छी तरह से जांच करवा ले, ताकि बाद में कोई दिक्कत न हो। इसके साथ ही मरीज को तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। वैसे अब तो आपको पता चल गया होगा कि आखिर बारिश के साथ क्यों गिरती है बिजली और इसके पीछे की वजह क्या है।

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