च्युइंगम खाते-खाते गलती से अगर पेट में चली जाए तो क्या होता है, बड़े काम की है ये जानकारी
च्युइंगम खाने की आदत कई लोगों को होती है। कुछ लोग मुंह को बिज़ी रखने के लिए तो कुछ जॉ लाइन के लिए इसे खाना पसंद करते हैं। हालांकि कई बार जाने-अनजाने में लोग इसे निगल जाते हैं। शायद आपने भी कई बार गलती से या जानबूझकर इसे निगल लिया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि च्युइंगम को निगलने के बाद क्या होता है और आपके स्वास्थ्य पर ये कैसे प्रभाव डालता है, आइए जानते हैं।
वैसे तो च्युइंगम को निगलने के बाद कोई स्वास्थ्य परिणाम देखने को नहीं मिलता, क्योंकि अक्सर ये मल त्याग के दौरान निकल जाता है। लेकिन अगर बार-बार च्युइंगम को निगला जाता है तो यह स्वास्थ्य को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है, जिसका अंदाजा भी शायद आपको नहीं होगा। अगर आप नियमित रूप से च्युइंगम निगलते हैं तो इस बात की संभावना ज्यादा है कि इसकी वजह से आपको आंत्र से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
आंतों में रुकावट पैदा कर सकता है :
च्यूइंगम लचीली और चिपचिपी होती है। आप इन्हें आराम से घंटों तक चबा सकते हैं। हालांकि ये चबाने के बावजूद ठोस बनी रहती है। इनकी बनावट में कोई बदलाव नहीं दिखता। इसी वजह से यह माना जाता है कि कई बार च्यूइंगम पेट की परत में रह जाता है और आंत के कार्यों में रुकावट भी पैदा करता है। सच्चाई तो यह है कि हमारा शरीर च्युइंगम को डाइजेस्ट नहीं कर सकता। सब्जियों और बीजों में पाए जाने वाले फाइबर की तरह ही च्यूइंगम भी अघुलनशील होता है।
इनडाइजेस्टिबल होता है च्युइंगम :
हम सभी ने कभी न कभी यह कहानी जरूर सुनी होगी कि अगर च्युइंगम को निगल लिया जाता है तो यह सात साल तक पेट में मौजूद रहती है। यह बात वैसे तो सच नहीं है, लेकिन इसने कई लोगों को ज्यादा च्युइंगम खाने से रोका जरूर है। च्युइंगम में मौजूद चीजों को आपका डाइजेस्टिव सिस्टम आसानी से तोड़ सकता है। हालांकि ये गम होता है, इसलिए इसे इनडाइजेस्टिबल माना जाता है।
दूसरे अघुलनशील चीजों की तरह च्यूइंगम भी मल के जरिए बाहर निकल जाती है। लेकिन यदि यह किसी वजह से ये आंत में चिपक गई तो ये ब्लॉकेज का कारण बन सकती है. इसलिए अगर ऐसा होता है तो डॉक्टरी परामर्श लेना बेहद जरूरी है। बता दें कि, च्यूइंगम अगर काफी देर तक पेट में रहे तो उल्टी, जी मिचलाना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। च्यूइंगम निगलने के मामले बच्चों के ही नहीं बड़ों के भी देखे जाते हैं इसलिए बेहतर होगा कि इसका कम से कम सेवन किया जाए।