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अब यूनिक ID के रूप में होगी आपके स्वास्थ्य की कुंडली, जानिए क्या है डिजिटल हेल्थ मिशन

National Digital Health Mission : कोरोना संकट के बीच देश 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर डिजिटल हेल्थ मिशन का एलान किया। उन्होंने कहा कि लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में इस मिशन से बड़ी मदद मिलेगी और लोगो को काफी हद तक राहत भी मिलेगी। अभी तक आप यूनिक ID के रूप में आधार कार्ड प्रयोग करते आ रहें थे उसी तरह अब डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत यूनिक ID प्रदान की जाएगी। अब हर व्यक्ति की एक हेल्थ आईडी बनेगी, इसके लिए सरकार एक एप बनाएगी जिसके द्वारा आपको अनेक सुविधाएँ मिलेंगी। तो चलिए जानते हैं क्या है डिजिटल हेल्थ मिशन।

National Digital Health Mission

National Digital Health Mission 

आसान भाषा में :

अगर हम सरल शब्दो में कहें तो नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत एक यूनिक कार्ड जारी किया जाएगा जो हूबहू आपके आधार कार्ड की तरह ही होगा। इस यूनिक कार्ड की मदद से आपके स्वास्थ्य सम्बंधित डाटा लिया जायेगा। उदाहरण के तौर पर आपको बताएं तो यूँ समझ लीजिये अगर आप किसी निजी अस्पताल में जांच या इलाज कराने जाते है, लेकिन बाद में आपको इलाज के लिए दिल्ली जाना पड़ा तो अब इस कार्ड के जरिये दिल्ली के डॉ को पता लग जायेगा की आपका अभी तक क्या क्या टेस्ट हुए है और इससे सम्बंधित क्या ट्रीटमेंट दिया गया है। आपको पर्ची और टेस्ट रिपोर्ट ले जाने की जरुरत नहीं पड़ेंगी।

यह कार्ड काम कैसे करेगा :

Doctor Meeting

सरकार इसके लिए एक एप बनाएगी। उसके बाद हर व्यक्ति इस पर अपनी हेल्थ आईडी बना सकेगा। इस पर रजिस्ट्रेशन करना स्वैच्छिक होगा। इसमें ट्रिटमेंट और टेस्ट की पूरी जानकारी डिजिटली सेव करनी होगी ताकि इसका रिकॉर्ड रखा जा सके। हर व्यक्ति के मेडिकल रिकॉर्ड का बैकअप बनाया जायेगा। अब इस हेल्थ आईडी की मदद से व्यक्ति के मेडिकल रिकॉर्ड को कहीं से भी आसानी से देखा जा सकेगा। इसमें मरीज के बीमारी से लेकर जांच,दवाइयों और ट्रीटमेंट तक का जिक्र होगा। मरीज का मेडिकल डेटा रखने के लिए अस्पताल, क्लिनिक, डॉक्टर एक सेंट्रल सर्वर से लिंक रहेंगे।

अभी अनिवार्य नहीं :

Doctor And Patient

आपको बता दें की यह अभी अनिवार्य नहीं है। इस पर रजिस्ट्रेशन करना स्वैच्छिक होगा। यह आप पर निर्भर है की आप इससे जुड़ना चाहते है या नहीं। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इसे अनिवार्य कर दिया जाएगा।

इस योजना को लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा। इससे पहले सरकार देश के गरीब लोगों को 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दे चुकी है। आयुष्मान भारत नाम की यह स्कीम निजी अस्पतालों में भी मान्य है। सरकार का मानना है कि टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कम खर्च में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं लोगों तक पहुंचाई जा सकती हैं।

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