सामान्य ज्ञान

भारत के टॉप ऐतिहासिक स्मारक, जिनकी सालाना कमाई करोड़ों में है

भारत के सभी ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण की ज़िम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पास होती है। इनके रख रखाव से लेकर टिकटों की बिक्री का काम भी ASI ही देखती है। देश में 100 से अधिक स्मारक हैं जो ASI के अंतर्गत आते हैं। भारत में सैकड़ों ऐतिहासिक इमारतें हैं जिनकी सैर करने प्रत्येक वर्ष लाखों देशी-विदेशी सैलानी आते हैं। इनमें से ऐसे भी ऐतिहासिक किले और इमारतें हैं जिनको देखने के लिए सरकार ने टिकट लगा रखा है। इन टिकटों से हर साल भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय को बहुत ज्यादा आमदनी होती है। इनकी लोकप्रियता इतनी है कि देश और विदेश से लोग इनको देखने की चाहत में प्रवेश शुल्क देने से पीछे नहीं हटते। पर्यटकों की इसी दीवानगी के कारण पर्यटन मंत्रालय हर साल करोड़ों रुपए की कमाई करता है। क्या आप इन इमारतों के नाम जानते हैं। आपको हम ऐसी सबसे अधिक राजस्व देने वाली ऐतिहासिक स्मारकों के बारे में बताएंगे।

ताजमहल :

Taj Mahal

ताजमहल की खूबसूरती के कारण इसे दुनिया के सात अजूबों में से एक अजूबे की उपाधि मिली है। आगरा स्थित ताजमहल बहुत खूबसूरती से बनाई गई ऐतिहासिक इमारत है। यह सफेद संगमरमर से बना है जिसे बनने में 22 वर्ष का समय लगा था। शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में इसे बनवाया था। ताजमहल में मुमताज और शाहजहां की कब्र हैं। इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है। विदेशी सैलानियों में ताजमहल की दीवानगी देखते ही बनती है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने फाइनेंशियल ईयर 2019-2020 में ताज महल की कमाई का खुलासा किया था। इस दौरान ताज महल ने कुल 97.5 करोड़ रुपये की कमाई की थी। जबकि 2021-22 की कमाई 26.61 करोड़ रुपये थी।

हुमायूंं का मकबरा :

दूसरे मुगल बादशाह हुमायूँ की इस आखिरी आरामगाह को 1570 ई. में बनवाया गया था। इस स्मारक ने ताज महल के निर्माण में भी प्रेरणा का काम किया। इस खूबसूरत इमारत के चारों तरह एक बड़ा ही मनमोहक गार्डन भी है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019-20 में दिल्ली के सबसे खूबसूरत किलों में से एक ‘हुमायूं का मकबरा’ ने 14.26 करोड़ रुपये की कमाई की थी। साल 2019-20 में करीब 16 लाख पर्यटकों ने हुमायूं टॉम्ब का दीदार किया था।

क़ुतुब मीनार :

प्रारंभिक इंडो-इस्लामिक वास्तुकला शैली में बनी यह मीनार ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। ऐसा माना जाता है कि दिल्ली सल्तनत के संस्थापक क़ुतब-उद-दीन ऐबक ने इसकी नींव रखी थी। इसका निर्माण कार्य इलुत्मिश द्वारा पूरा कराया गया था। यह मीनार दिल्ली के महरौली इलाक़े में स्थित है।

फतेहपुर सीकरी :

एक समय था जब फतेहपुर सीकरी मुग़ल बादशाह अकबर के समय सबसे महत्वपूर्ण शहर था। फतेहपुर सीकरी का बुलंद दरवाजा सैलानियों को बहुत आकर्षित करता है। आगरा से करीब 40 किलोमीटर दूर इस शहर को देखने भी लाखों सैलानी आते हैं।

सूर्य मंदिर, कोणार्क :

तेरहवीं सदी में कलिंग वास्तुकला के तौर पर निर्मित कोणार्क मंदिर सबसे बेहतर सूर्य मंदिर है और यहाँ सैलानी भी बड़ी तादाद में आते हैं। मंदिर में सात घोड़ों द्वारा संचालित एक विशेष रथ के आकार की इमारत है, जिस पर भगवान सूर्य या सूर्य के पुत्र अरुण को सवार देखा जा सकता है।

लाल किला :

नई दिल्ली स्थित लाल किला प्रसिद्ध मुगल सम्राट शाहजहां के द्वारा 1648 में 17वीं शताब्दी के दौरान निर्मित कराया गया था। यह लाल बलुआ पत्थरों का प्रयोग करके निर्मित किया गया है। इसे यूनेस्को द्वारा 2007 में विश्व विरासत स्थल के तहत लिया गया है। हर साल 15 अगस्त को, प्रधानमंत्री के द्वारा एक भारतीय ध्वज, इसके मुख्य द्वार पर देश के प्रतिष्ठित प्रतीक के रुप में फहराया जाता है। इसमें एक संग्रहालय, रंग महल, मोती महल, दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास जैसी सुन्दर संरचनाएं हैं। आम लोगों के लिए हमेशा खुला ही रहता है सालभर में लाखों की संख्या में लोग इस ऐतिहासिक किले को देखने आते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019-20 में लाल किले ने 16.23 करोड़ रुपये की कमाई की थी। इस दौरान भारतीय पर्यटकों से 8.75 करोड़ रुपये, विदेशी पर्यटकों से 5.75 करोड़ रुपये और संग्रहालय टिकटों से 1.20 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।  इसके अलावा पार्किंग फीस के तौर पर सालाना क़रीब 4-5 करोड़ रुपये की थी।

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