ऐसी सरकारी स्किम जिसमें लड़कियों को मिलते हैं 36000 रुपए, आप भी उठाएं फायदा
Delhi Ladli Scheme : हमारे देश भारत में लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए बहुत सारी स्कीम बनाई जाती है। भारत देश में लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए हमेशा सरकार तत्पर पर दिखती है। लड़कियों को पढ़ाने के लिए हमेशा ऐसी परियोजनाएं लाई जाती है जिसके लोभ में आकर लड़कियां पढ़ें। ऐसी ही एक परियोजना राजधानी दिल्ली में भी बेटियों के लिए लाई गई है जिस स्कीम का नाम है लाडली योजना। इस योजना के तहत बेटियों की परवरिश के साथ-साथ उसकी पढ़ाई लिखाई तक आर्थिक मदद का प्रावधान है।
चलिए जानते हैं लाडली योजना के बारे में :
इस योजना के अंतर्गत दिल्ली में जो भी लड़कियां पैदा होगी उससे लाभ होगा। इस योजना का सबसे खास मकसद यह है कि लड़कियों के पढ़ाई लिखाई में किसी तरह की भी बाधा ना आए। क्योंकि लड़कियां अगर पड़ेगी लिखेगा तो अपने पैरों पर खड़ा हो सकेगी और उसे किसी की जरूरत नहीं होगी। इस योजना के अंतर्गत लड़कियों के पैदा होने के बाद पढ़ाई करने तक कई मकसद के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। आर्थिक मदद करने का महत्वपूर्ण मकसद यह है की लड़कियां अपने पैरों पर खड़ा हो जिससे कि भ्रूण हत्या पर लगाम लगाया जा सके।
लाडली योजना के तहत कैसे मिलता है लाभ :
- अगर कोई बच्ची राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में किसी अस्पताल नर्सिंग होम में पैदा होती है तो उसे ₹11000 का लाभ मिलता है।
- यदि कोई लड़की घर या किसी अन्य इलाके के अस्पताल में पैदा होती है वह तो लाडली के तहत उसे ₹10000 लाभ पाने का मौका मिलेगा।
- लाडली योजना में ₹5000 की सहायता कक्षा 1, कक्षा 6,कक्षा 9,कक्षा 10 और कक्षा 12 में बच्चों के नामांकन के साथ मिलती है।
लाडली योजना के लिए योग्यता :
- आवेदक दिल्ली का निवासी होना चाहिए।
- बच्ची के परिवार की सालाना आय ₹100000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- लाडली योजना का लाभ परिवार में दो लड़कियों के होने पर ही मिल सकता है।
- बच्चे की स्कूल में पढ़ती है वह स्कूल दिल्ली सरकार से मान्यता प्राप्त होना चाहिए।
लाडली योजना में लगने वाले डॉक्यूमेंट
- दिल्ली का निवास प्रमाण पत्र 3 साल का और राशन कार्ड।
- आय प्रमाण पत्र (माता-पिता)।
- जन्म प्रमाण पत्र (बालिका)।
- पूरे परिवार की तस्वीर।
- जाति प्रमाण पत्र (आवेदक)।
- आधार कार्ड (बच्चे एवं माता पिता)।
कहां करें योजना के लिए संपर्क :
- आप भारतीय स्टेट बैंक से संपर्क कर सकते हैं।
- सरकारी या मान्यता प्राप्त स्कूल से संपर्क करें।
- सामाजिक कल्याण विभाग के कार्यालय में संपर्क करें।