सामान्य ज्ञान

मानहानि केस क्या होता है, कब और किस पर हो सकता है, जानिए इसके बारे में पूरी जानकारी

Manhani Case In Hindi : मानहानि केस के बारे आपने अपने अच्छी तरह सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते है यह किस तरह हमारे लिए फायदेमंद होता है। मानहानि का केस हमारे हितो की रक्षा के लिए काफी मददगार साबित होता है। जब हमारे साथ गलत घटता है तो हम इसका प्रयोग कर अपने हितो की रक्षा कर सकते है। जब किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति पर आधार हीन आरोप, आलोचना, और उसके बारे में गलत धारणा बिना किसी पुख्ता सबूत के समाज मे पेश किया जाता है। जिसके कारण उस व्यक्ति की छवि पर समाज मे बुरा असर पड़ता है। जब भी आपके साथ कुछ गलत होता है या आप पर कुछ गलत दोष लगाया जाता है तो आप अपने खोये हुए सम्मान को पाने के लिए इसका उपयोग कर सकते है।

आजकल हम अखबारों, न्यूज़ चैनल और इंटरनेट पर मानहानि के बारे में पढ़ते रहते हैं कि कोर्ट में किसी के खिलाफ मानहानि केस आईपीसी ऐक्ट 499-500 का केस दर्ज कराया। अगर हम आसान शब्दो मे कहे तो मानहानि वह प्रभाव है जिसमें बहुत से लोग बिना कुछ सोचे समझे किसी के बारे में कुछ भी बोल देते हैं और बाद में उनके वही शब्द उनके लिए मुसीबत बन जाते हैं। तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते है

Manhani Case In Hindi

जाति या समुदाय से संबंधित :

Discrimination Law

अगर हम इसको आसान सब्दो में समझे तो यु मान लीजिये अगर आप किसी को उसकी जाति से पुकारते है ( जैसे – तुम भंगी हो, चमार हो , शुद्र हो, धानक हो, नीच जाति के हो इत्यादि) तब उसे जातिगत या समुदायिक मानहानि की श्रेणी में रखा जाता है। इसका सीधा मतलब उसको नीचा दिखने से होता है किसी व्यक्ति को नीचा दिखाने की मंशा से उसकी जाति, समुदाय और उसके धर्म के बारे में अपशब्दों का उपयोग करता है। यह मानहानि के अंतर्गत आता है साथ ही यदि कोई व्यक्ति किसी को उसके व्यवसाय को लेकर गाली देता है। तो उसे भी इस श्रेणी में सम्मिलित किया जाता है। जो वयक्ति किसी के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग करता है तो उसके खिलाफ करवाई हो सकती है साबित होने पर कोर्ट द्वारा ऐसे व्यक्ति को सजा भी दी जा सकती है।

योग्यता और साख गिराना : Manhani Case In Hindi

अगर कोई व्यक्ति किसी के तथ्यों, ज्ञान, उसकी योग्यता, अनुभव आदि को झूठा साबित करने की कोशिश करता है या साबित करने के लिए गलत शब्दो का प्रयोग करता है तो यह मानहानि के अंतर्गत आता है। इसी तरह कोई किसी के बारे में कोई झूठी जानकारी भी नहीं फैला सकता जोकि कानूनी गलत है। अगर वह अन्य व्यक्ति को चोर, बेईमान, अपराधी या इससे सम्बंधित कहकर सम्बोधित करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इसके साथ ही किसी को अपमानित करने के लिए उसे चरित्रहीन ,पापी, नाजायज सन्तान और किसी के शारीरिक स्थिति देखकर उसे लगड़ा लूला, बदसूरत, पागल अंधा इत्यादि कहना भी मानहानि की श्रेणी में आते है।

साइबर मानहानि कानून :

Manhani Case Law

आजकल हमारा रंग ढंग काफी बदल चुका है लोग डिजिटल होते जा रहे हैं और इस डिजिटल युग में अपराध करने के तरीके भी काफी हद तक बदल गए हैं। आजकल हर कोई फेसबुक टि्वटर और युटुब जैसे सोशल साइट का प्रयोग करता है। अगर हम किसी व्यक्ति या समाज को सोशल मीडिया के जरिए कुछ ऐसे अपशब्द बोलते हैं या कमेंट करते हैं तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66 ए के तहत कोई भी व्यक्ति किसी कंप्यूटर मोबाइल इंटरनेट की मदद से किसी सोशल साइट पर किसी जाति विशेष या व्यक्ति के बारे में अपमानजनक शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकता ऐसा करना दंडनीय अपराध है। अगर ऐसी स्थिति में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, और ऐसे मामले में सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।

यह नहीं आता मानहानि के अंतर्गत : Manhani Case In Hindi

अगर हम किसी व्यक्ति को सामान्य रूप से चिड़चिड़ा, पिछड़ा या अनाड़ी जैसे शब्दों का प्रयोग करके बुलाते हैं तो यह मानहानि के अंतर्गत नहीं आता। लेकिन फिर भी आप ऐसे शब्दों का प्रयोग ना करें तो अच्छा रहेगा। अगर कोई व्यक्ति अपने समाज को किसी अपराधी, चोर या ठग से आगाह करता है तो भी यह मानहानि के अंतर्गत नहीं आता। समाज की भलाई के लिए लगाए गए आरोप भी काफी हद तक सटीक बताए गए हैं। लेकिन उसके लिए आपको यह साबित करना होगा कि उसकी आपने यह कार्य है अपने समाज की भलाई के लिए किया है।

भारतीय संविधान में मानहानि जैसे अपराध के लिए सजा का प्रावधान किया गया है । इस अपराध के लिए भारतीय कानून में दो धाराएं हैं । जो इसके लिए बनाई गई है। आइपीसी यानी इंडियन पैनल कोर्ट के अनुसार धारा 499 धारा 500 के अनुसार मानहानि के अपराध में दोषी पाए जाने वाले अपराधी को दंडित किया जाता है ।

Manhani Case

  • आइपीसी धारा 500 – धारा 500 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे अन्य व्यक्ति की मानहानि करता है । तो उसे धारा 500 के तहत 2 साल की कैद और आर्थिक जुर्माना दिया जाता है। अपराध की गंभीरता को देखते हुए अपराधी को कैद की सजा और जुर्माना दोनों भी दी जा सकती है।
  • आइपीसी धारा 501 – इस धारा के अंतर्गत जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी व्यक्ति विशेष की मानहानि करता है । तो उसे धारा 501 के तहत 2 साल की सजा और आर्थिक जुर्माना द्वारा दंडित किया जाता है। या फिर जुर्माना और सजा दोनों दी जाती है।
  • आइपीसी धारा 502 – धारा के अंतर्गत जब कोई व्यक्ति किसी को आर्थिक उद्देश्य से किसी व्यक्ति विशेष की मानहानि करता है । तो उसे धारा 502 के तहत 2 साल कैद की सजा या जुर्माना या सजा और जुर्माना दोनों दंड प्रदान किए जाते हैं।
  • आइपीसी धारा 505 – इस धारा के अंतर्गत किसी खबर, रिपोर्ट को इस तरह से पेश करना जिससे भारतीय जल, स्थल, वायु सेना का कोई भी सैनिक और अधिकारी विद्रोह या बगावत करने के लिए तैयार हो जाए। इसके साथ ही कोई भी ऐसी भ्रामक जानकारी जिससे समाज या समुदाय में डर और भय का माहौल उत्पन्न हो जाए और लोग सरकार के खिलाफ हो जाये । इस दौरान आरोपित व्यक्ति को धारा 505 अंतर्गत 2 साल की कैद या जुर्माना या फिर दोनों सजाएं दी जा सकती है।

मानहानि होने पर मिलने वाला जुर्माना : Manhani Case In Hindi

अगर किस ब्यक्ति को मानहानि से आर्थिक नुकसान हुआ है या उसका उसके परिवार पर असर पड़ा है तो वो व्यक्ति आर्थिक सहायता के लिए कोर्ट से मुआवजे की अपील कर सकता है। लेकिन इसके लिए उसको कोर्ट में वे सभी साक्ष्य पेश करने होंगे जो उन तथ्यों को सही साबित करे इसके बाद ही आगे की करवाई अमल में लायी जा सकती है।

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