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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने पेश किया बजट, हेल्थ और इंफ्रास्ट्रक्टर पर खूब बरसे पैसे, मिडिल और टैक्सपेयर्स दोनों की स्तिथि निराशाजनक

Budget 2021 Highlights In Hindi : बता दे कि भारत देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने बजट सब के सामने पेश कर दिया है और इस साल का नया बजट लोगों को कितना रास आता है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल तो हम आपको ये बताना चाहते है कि इस साल पेश किए गए बजट में कौन कौन सी चीजों के दाम कम हुए और कौन सी चीजों के दाम बढ़े है। बहरहाल अपने तीसरे बजट में वित्त मंत्री सीतारमण जी ने स्वास्थ्य क्षेत्र को काफी बड़ा तोहफा दिया है। जी हां उन्होंने स्वास्थ्य बजट में एक सौ सैंतीस प्रतिशत का इजाफा करने की घोषणा की है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को सही दिशा में लाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को भी चारों तरफ से बूस्ट करने के प्रावधान किये गए है।

Budget 2021 Highlights In Hindi

इस साल का नया बजट

इस साल का नया बजट कुछ इस तरह से किया गया है तैयार :

जहाँ एक तरफ वेतनभोगी वर्ग को इस बजट से निराशा हुई है, वही दूसरी तरफ फ्लैट खरीददारों को थोड़ी राहत जरूर दी गई है। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि लोन पर किफायती घर खरीदने के लिए डेढ़ लाख रूपये तक की छूट की अवधि को एक साल तक बढ़ा कर इकतीस मार्च 2022 तक कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रवासी कामगारों के लिए सस्ती दरों पर किराये के मकान उपलब्ध करवाने की योजना का एलान किया गया है। अब अगर हम टैक्स सिस्टम की बात करे तो टैक्स सिस्टम पारदर्शी का समय आ चुका है। जी हां इसका मतलब ये है कि निवेश को आकर्षित करने के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटा दिया गया है और डिविडेंड टैक्स को हटा दिया गया है। यहाँ तक कि फेसलेस असेस्मेंट भी शुरू किया गया है, जिसे आगे बढ़ाया जायेगा।

वही जो छोटे टैक्स पेयर्स है उनके लिए डिसीप्यूट रेजॉल्यूशन कमेटी बनेगी और जो पचास लाख तक की आय वाले लोग है, वो इस कमेटी के पास जा सकते है। बता दे कि सभी मामलों को इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से निपटाया जायेगा और अगर जरूरत पड़ी तो वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के द्वारा बात भी की जाएगी। वही बुजुर्गों को आजादी के 75 वें साल में प्रणाम करते हुए सीतारमण जी ने कहा कि जो 75 साल या इससे बड़े है, उन्हें इनकम टैक्स फ़ाइल करने से छूट देने का प्रस्ताव दिया गया है। दरअसल असेस्मेंट के लिए छह साल पुराना और सीरियस केस में दस साल पुराना खाता बही निकालना पड़ता है।

तो ऐसे में इस समय को घटा कर तीन साल कर दिया गया है और सीरियस मामलों में भी इसे दस साल की अवधि तभी दी जाएगी, जब पचास लाख सालाना से ज्यादा की चोरी हुई हो। फिलहाल टैक्स से जुड़े केस कम करने के लिए विवाद स्वरूप विश्वास स्कीम जारी है। बता दे कि डिजिटल इंडिया पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि नेशनल कमीशन फॉर अलायड प्रफेशनल एक्ट लाया जायेगा और नेशनल नर्सिंग तथा मिड्वाफरी बिल भी लाया जायेगा। वही डिजिटल इंडिया के लिए सैंतीस सौ करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इसके इलावा गोवा डायमंड जुबली मना रहा है, तो तीन सौ करोड़ रुपए इसके लिए दिए जायेंगे। इसके साथ ही हजार करोड़ रुपए टी वर्कर के लिए असम और पश्चिम बंगाल में दिए जायेंगे।

हाउसिंग से लेकर शिक्षा तक इतने रूपये किये जायेंगे खर्च :

गौरतलब है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को दिल से स्वीकार किया गया है और इसके तहत सौ नए सैनिक स्कूल बनेंगे। जिसके लिए प्राइवेट सेक्टर की मदद भी ली जाएगी और हायर एजुकेशन कमीशन बनेगा। इसके लिए कानून में संशोधन किया जाएगा। वही लद्दाख के लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी और आदिवासी इलाकों में भी सात सौ अठावन एकलव्य स्कूल बनाएं जायेंगे। इसके मुताबिक एक स्कूल पर अठतीस करोड़ रूपये खर्च होंगे। इसके साथ ही अनुसूचित जातियों के लिए पैंतीस हजार करोड़ रूपये के स्कॉलरशिप दिए गए है और इससे चार करोड़ स्टूडेंट्स को फायदा होगा। बता दे कि नेशनल लैंग्वेज ट्रांसलेशन मिशन के तहत सरकारी कामकाज से भारतीय भाषाओँ में अनुवाद के द्वारा लोगों को अवगत करवाया जायेगा। यहाँ तक कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन पर पचास हजार करोड़ रूपये खर्च होंगे।

अगर हम अनुसूचितजाति और जनजाति की बात करे तो मार्जित मनी की जरूरत पच्चीस परसेंट से घटा कर पंद्रह परसेंट कर दी गई है। वही किसानों को खुश करने के लिए ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के तहत बाइस जल्दी नष्ट होने वाली सब्जियां शामिल होंगी और ई नाम के तहत हजार मंडियां जुड़ेंगी। इसके साथ ही एग्रीकल्चर इंफ्रा एंड एपीएमसी के लिए उपलब्ध होगा और रूरल इंफ्र फंड में चालीस हजार करोड़ रूपये तथा देश में पांच बड़े फिशिंग हब बनेंगे। जी हां वित्त मंत्री का कहना है कि हम किसानों के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे और इसी के तहत उनकी आमदनी दोगुनी करने के टारगेट पर वे कायम है।

बता दे कि अनाज की खरीद बढ़ी है और पिछले सालों से इसकी खरीददारी बढ़ कर 75 हजार करोड़ रूपये हो गई है। ऐसे में करीब 43 लाख किसानों को इसका फायदा मिलेगा। यहाँ तक कि धान की खरीददारी को बढ़ा कर भी एक लाख पैंतालीस हजार करोड़ रूपये कर दिया गया है। जी हां इस साल ये आंकड़ा 72 हजार करोड़ रूपये तक पहुँच सकता है। इसका मतलब ये है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल डेढ़ करोड़ किसानो को फायदा होगा। वही इस साल दाल में दस हजार पांच सौ करोड़ रूपये की खरीददारी करेंगे और इसमें चालीस गुना इजाफा भी हुआ है। इसका इलावा इस साल स्वामित्व स्कीम शुरू किया गया है, जिसके तहत १.८ लाख लोगों को कार्ड मिला है और इस साल सभी राज्यों को इसके दायरे में लाया जायेगा।

इस साल का नया बजट

किसानों को खुश करने के किये गए पूरे प्रयास:

गौरतलब है कि पंद्रहवीं वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्रीय योजनाओं को कम किया जायेगा और राज्यों की सहायता की जाएगी। इसके साथ ही ईज ऑफ डॉइंग बिज़नेस के लिए उपाय किये जायेंगे। बता दे कि वित्त मंत्री का कहना है कि कोरोना वायरस के बावजूद हम रणनीतिक विनिवेश पर काम करते रहे और बीपीसीएल, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड जैसी कंपनियों का विनिवेश अगले साल तक हो जायेगा। जी हां इस दौरान रणनीतिक और गैर रणनीतिक दोनों क्षेत्रों की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का विनिवेश किया जायेगा। ऐसे में सरकार ने चार तरह की कंपनियों की पहचान रणनीतिक क्षेत्र के दायरे में की है और सरकार को विनिवेश से १.७५ लाख करोड़ रुपए प्राप्त होंगे।

आपको जान कर ख़ुशी होगी कि एक सौ उन्तालीस गीगाबाइट की जो क्षमता जोड़ी गई है, उसके तहत अब कस्टमर को ये सुविधा होगी कि वे अपनी पसंद का बिजली डिस्ट्रीब्यूटर चुन सके। दरअसल डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनके लिए स्कीम लाई जा रही जिससे उन्हें काफी मदद दी जाएगी। बता दे कि कोरोना के समय भी पेट्रोलियम सप्लाई करने में कोई बाधा नहीं आई थी और उज्ज्वला स्कीम से करीब आठ करोड़ परिवारों को फायदा हुआ था। अब इसमें एक करोड़ परिवार और जुड़ेंगे तथा सौ नए शहर सिटी गैस वितरण में जोड़े जायेंगे। वही अगर हम मेट्रो लाइन की बात करे तो सात सौ दो लम्बी मेट्रो लाइन बन चुकी है और एक हजार सोलह किलोमीटर बन रही है।

इसके साथ ही सताईस शहरों में काम हो रहा है और मेट्रो लाइट, मेट्रो नियो नाम से दो नयी तकनीक का इस्तेमाल भी अब किया जायेगा। जी हां कोच्चि मेट्रो फेज २ में ग्यारह किलोमीटर लम्बी लाइन, चेन्नई मेट्रो के तहत सौ किलोमीटर लम्बी लाइन बनेगी और बेंगलुरु मेट्रो प्रोजेक्ट का भी विस्तार होगा। यहाँ तक कि नागपुर और नासिक मेट्रो प्रोजेक्ट को भी केंद्र की मदद मिलेगी। गौरतलब है कि नेशनल रेल प्लान दो हजार तीस तैयार है और फ्यूचर रेडी रेल सिस्टम बनाना लक्ष्य है। इसके इलावा मेक इन इंडिया पर भी पूरा फोकस है और वेस्टर्न तथा ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर जून दो हजार बाइस तक तैयार हो जायेगा।

कई राज्यों में मेट्रो लाइन बनवाने को लेकर निर्धारित किया गया इतना खर्च :

बता दे कि सोन नगर गोमो सेक्शन पीपीपी मोड़ पर बनेगा और ईस्ट कोस्ट कॉरिडोर खड़गपुर विजयवाड़ा, इटारसी विजयवाड़ा कॉरिडोर बनाया जायेगा। इसके साथ ही एलएचबी कोच टूरिस्ट रूट पर दिया जायेगा, जो काफी आरामदायक है। वही हाई डेंसिटी नेटवर्क में स्वदेशी तकनीक से बना रेल प्रोटेक्शन सिस्टम भी लगाया जायेगा और ऐसे में एक लाख दस हजार करोड़ रूपये रेलवे के लिए प्रावधान किया गया है। बता दे कि देश में डेवलपमेंट फाइनेंसियल इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा और रेलवे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, एनएचएआई के टोल रोड और एयरपोर्ट जैसे संसाधनों को असेट मोनेटाइजेशन मैनेजमेंट के दायरे में लाया जायेगा। इस बार कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए ४.३९ लाख करोड़ रूपये खर्च होंगे और अगले साल ५.५४ लाख करोड़ रूपये का प्रावधान है।

वही भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा लम्बी सड़कें बन चुकी है और आठ हजार किलोमीटर तक का कॉन्ट्रैक्ट मार्च तक दिया जाएगा। फ़िलहाल रोड इंफ्रा और इकॉनोमिक कॉरिडोर पर काम चल रहा है और पैंतीस सौ किलोमीटर लम्बी सड़क तमिलनाडु में बन रही है। जिसमें मदुरई कोल्ल्म कॉरिडोर शामिल है। इसके साथ ही ग्यारह सौ किलोमीटर लम्बी नेशनल हाइवे वर्क्स केरल में बन रही है और इस पर पैंसठ हजार करोड़ रूपये खर्च होंगे। जी हां मुंबई कन्याकुमारी कॉरिडोर इसका हिस्सा होगा। इसके इलावा पैंसठ सौ किलोमीटर हाइवे बंगाल में बन रही है और इस पर पच्चीस हजार करोड़ रूपये खर्च होंगे। इसमें कोलकाता सिल्लीगुड़ी रोड का रिपेयर शामिल है।

बता दे कि एक लाख अठारह हजार करोड़ रूपये रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के लिए दिया जाएगा। गौरतलब है कि पांच खरब डॉलर की इकॉनमी बनने के लिए मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करना जरूरी है और ग्लोबल सप्लाई चेन में शामिल करना हमारा लक्ष्य है, ताकि ग्लोबल चैंपियन बन सके। ऐसे में सरकार ने इसके लिए करीब १.५ लाख करोड़ रूपये का एलान किया था। इसमें पैंतीस हजार करोड़ वैक्सीन के लिए आवंटित किया गया है और अगर जरूरत हुई तो और भी फंड दिया जाएगा। यानि कुल स्वास्थ्य बजट दो लाख बत्तीस हजार करोड़ रूपये का होगा। इसका मतलब ये है कि इस साल स्वास्थ्य बजट में बढ़ोतरी की गई है।बता दे कि वायु प्रदूषण से छुटकारा पाने के लिए पुरानी कारों को स्क्रैप किया जायेगा और तेल आयात बिल भी कम होगा।

इस साल का नया बजट

बजट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का भी रखा गया है पूरा ध्यान :

इसके साथ ही ऑटोमेटेड फिटनेस सेण्टर बनाएं जायेंगे और प्राइवेट वीइकल्स करीब बीस साल बाद इन सेण्टर में ले जाने होंगे। वही पोषण को लेकर इस बार एक सौ बारह आकांक्षी जिलों पर खास ध्यान दिया जाएगा। जी हां जल जीवन मिशन लॉन्च किया जाएगा और सभी शहरी निकायों के साथ मिल कर इस पर काम किया जाएगा। इसके इलावा पांच सौ अमृत शहरों में सैनिटाइजेशन पर काम किया जायेगा। जिस पर दो लाख अस्सी हजार करोड़ रूपये खर्च होंगे और स्वच्छ भारत का संकल्प भी जारी है। गौरतलब है कि शहरी स्वच्छ भारत मिशन २.0 पर अगले पांच सालों में एक लाख इकतालीस हजार करोड़ रूपये खर्च होंगे।

बता दे कि वित्त मंत्री जी ने आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का भी एलान किया है और इस योजना के लिए अगले छह साल तक चौसठ हजार एक सौ अस्सी करोड़ रूपये का बजट निर्धारित किया है। इस बारे में सीतारमण जी का कहना है कि यह बजट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगा और इसके तहत गांव से लेकर शहरों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। जी हां प्राइमरी से लेकर उच्च स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा। इसके साथ ही नयी बीमारियों पर फोकस किया जाएगा और ऐसे में पचहत्तर हजार ग्रामीण हेल्थ सेण्टर, सभी जिलों में जाँच केंद्र, क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक छह सौ दो जिलों में, नेशनल सेण्टर फॉर डिजीज कण्ट्रोल और इंटिग्रेटेड हेल्थ इन्फो पोर्टल को मजबूत बनाया जाएगा।

इस साल का नया बजट

ये है पहला कागज रहित बजट : Budget 2021 Highlights In Hindi

इसके साथ ही सतरह नए पब्लिक हेल्थ यूनिट को शुरू किया जाएगा। यहाँ तक कि बत्तीस एयरपोर्ट भी बनेगे और नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ वर्ल्ड हेल्थ बनेगा। इसके इलावा नौ बायो लैब और चार नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरॉलजी बनेंगे। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि ये इस दशक का पहला डिजिटल बजट है और कोरोना महामारी के कारण ही बजट को इस तरह से तैयार किया गया है। बता दे कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वित्त मंत्री सीतारमण जी को बजट पेश करने की अनुमति दी और फिर सदन में विपक्षी सांसदों ने नारे लगाने शुरू कर दिए। वही स्पीकर ने नारे लगा रहे सांसदों को बजट के उनकी बात रखने का विश्वास दिलाया।

इसके बाद निर्मला सीतारमण जी ने बजट पढ़ना शुरू किया और शुरुआत में कोरोना वायरस के दौरान आई चुनौतियों का बखूबी जिक्र किया। बहरहाल इस बार बजट की खास बात ये है कि ये पहला कागजरहित बजट है। जिसमें पहली बार कागज की जगह टैब का इस्तेमाल किया गया है। दरअसल वित्त मंत्री ने बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी और इस दौरान उनके साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर तथा वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। यानि इस डिजिटल प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति ने बजट को अपना अनुमोदन दे दिया था। जिसके बाद ग्यारह बजे से संसद में बजट प्रावधानों को पढ़ने की प्रक्रिया शुरू हुई।

वैसे दोस्तों इस साल का नया बजट आपको कैसा लगा इस बारे में हमें अपनी राय जरूर दीजिएगा।

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