बियर की बोतल अक्सर हरी या भूरे रंग की ही होती है, क्या आप जानते हैं इसके पीछे का कारण
बेवरेज या अल्कोहल के तौर पर दुनिया भर में अगर सबसे पसंदीदा ड्रिंक है तो वह बेशक बीयर ही है। बीयर पीने में हल्की तो होती ही है साथ ही यह स्वास्थ्य पर अन्य अल्कोहल के मुकाबले हानिकारक मात्रा कम होती है। बहुत लोग बीयर इसलिए भी पीते है क्योंकि यह ताजगी का अनुभव देता है। ऐसा समझा जा सकता है कि पानी और चाय के बाद लोग सबसे अधिक इसे ही पीते हैं। यानी कि बीयर दुनिया की तीसरी सबसे मशहूर ड्रिंक है। बीयर के दीवाने दुनिया के किसी भी कोने में पाए जा सकते है। आपको बता दे कि बीयर इस दुनिया की सबसे पुरानी अल्कोहोलिक ड्रिंक है। कहा जाता है कि सबसे पहले प्राचीन मिस्र में सबसे पहले बीयर बनाने वाली कंपनी बनी थी। आइए जाने बीयर से जुड़ी एक खास बात।
बियर की बोतल का रंग हरा और भूरा ही क्यों :
हालांकि बीयर लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है मगर कई लोग यह नहीं जानते कि भारत से लेकर अमेरिका तक बीयर या तो भूरे रंग की बोतल में दी जाती है या तो हरे रंग की बोतल में। आपको बता दे की दुनिया का कोई भी देश आप चले जाए आपको बीयर इन्हीं दो रंगो के बोतल में सर्वे की हुई दिखेगी। इसके पीछे भी एक खास वजह है की आज दुनिया भर में बीयर भूरे और हरे रंग के बोतल में ही मिलती है। आइए जाने आखिर इसके पीछे की साइंस क्या है।
जानिए इसके पीछे की साइंस :
दरअसल पहले बीयर साफ कांच की बोतलों में ही बेची जाती थी। मगर समय के साथ यह देखा गया कि सूरज की किरणों से निकलने वाली हानिकारक UV किरणों से बीयर को नुकसान हो रहा है। लंबे समय में धूप में रहने की वजह से उसमें बदबू आने लगी थी। सूर्य की इन किरणों की वजह से बीयर का स्वाद और रंग दोनों बदल जाता था। इस समस्या का हल निकालने के लिए ही भूरे रंग की कांच की बोतलों का इस्तेमाल होने लगा। वहीं भूरे रंग की बोतलों से बीयर को कोई नुकसान नहीं हो रहा था।
बहरहाल विश्व युद्ध 2 के दौरान प्रोडक्शन थम गई थी और भूरे रंग के कांच की कमी होने लगी। ऐसे में बहुत दिमाग लगाया गया कि अब क्या किया जाए जिससे बीयर का स्वाद भी ना खराब हो और दोबारा साफ कांच की बोतल भी ना इस्तेमाल करनी पड़े। बहुत सोचने विचार करने के बाद मार्केट में हरे रंग की कांच की बोतलों में बीयर बिकने लगी। अब यह हरी बोतल मार्केट में ‘प्रीमियम’ क्वालिटी के तौर पर जाना जाता है।