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जाने आखिर कौन है किसानों के मुद्दे पर अपने कैबिनेट पद से इस्तीफा देने वाली महिला हरसिमरत कौर बादल

Harsimrat Kaur Badal : बता दे कि शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मंजूर कर लिया गया है। जी हां हरसिमरत कौर ने बीती शाम को मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था और उनके इस्तीफे को मंजूर भी कर लिया गया, लेकिन क्या आप जानते है कि आखिर हरसिमरत कौर बादल कौन है और राजनीती में इनकी शुरुआत कैसे हुई..? दरअसल हरसिमरत कौर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री थी और ऐसे में कृषि से जुड़े दो विधेयकों को पास करने की वजह से ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

Harsimrat Kaur Badal

हरसिमरत कौर बादल

आखिर कौन है हरसिमरत कौर बादल :

वही जो लोग हरसमिरत कौर बादल के बारे में नहीं जानते उन्हें हम बताना चाहते है कि वो अपने संसदीय क्षेत्र भठिंडा से साल 2009 से लगातार लोकसभा की सांसद है और वह गुड़गांव ट्राइडेंट होटल में अपना निजी ज्वैलरी व्यवसाय भी चलाती है। यहाँ तक कि वह एक फैशन डिज़ाइनर भी है। अब अगर हम उनके निजी जीवन की बात करे तो हरसिमरत कौर का जन्म पच्चीस जुलाई को सिक्ख परिवार में हुआ था और उन्होंने लॉरेटो कॉन्वेंट स्कूल नयी दिल्ली से पढ़ाई की है। इसके इलावा उन्होंने मैट्रिक्यूलेट और वस्त्र डिज़ाइन में डिप्लोमा भी किया है।

कैसे हुई राजनीती के सफर की शुरुआत :

गौरतलब है कि हरसिमरत कौर का विवाह सुखबीर सिंह बादल से हुआ है, जिनका राजनीती में काफी बड़ा नाम है। जी हां इनकी दो बेटियां और एक बेटा है। हालांकि हरसिमरत कौर ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत साल 2009 के भारतीय आम चुनावों से की थी और इन चुनावों में हरसिमरत कौर को जीत भी हासिल हुई। जिसके बाद वह भठिंडा विधानसभा क्षेत्र से पंद्रहवी लोकसभा सदस्य चुनी गई थी। इसके बाद हरसिमरत कौर बादल ने साल 2014 में भारतीय आम चुनावों में भठिंडा सीट से ही दोबारा जीत हासिल की और फिर वह मोदी सरकार के अंतर्गत केंद्रीय खाद्य मंत्री के पद पर नियुक्त की गई।

कई सामाजिक कार्यों का भी रह चुकी है हिस्सा :

बता दे कि हरसिमरत कौर बादल केवल राजनीतिक कार्यों में ही नहीं बल्कि सामाजिक कार्यों में भी काफी सक्रिय रहती है। जी हां आप सब को मालूम होगा कि हरसमिरत कौर बादल ने बेटियों और वृक्षों को बचाने के लिए गीत के जरिए संदेश भी दिया था। यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को रोकने के लिए और वृक्षों को बचाने के लिए जो नन्हीं छा अभियान चलाया जा रहा है, वह उसमे हिस्सेदारी देने के लिए बखूबी जानी जाती है।

बता दे कि हरसिमरत कौर बादल केवल राजनीतिक कार्यों में ही नहीं बल्कि सामाजिक कार्यों में भी काफी सक्रिय रहती है। जी हां आप सब को मालूम होगा कि हरसमिरत कौर बादल ने बेटियों और वृक्षों को बचाने के लिए गीत के जरिए संदेश भी दिया था। यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को रोकने के लिए और वृक्षों को बचाने के लिए जो नन्हीं छा अभियान चलाया जा रहा है, वह उसमे हिस्सेदारी देने के लिए बखूबी जानी जाती है।

महिलाओं और वृक्षों को बचाने के लिए चला रही है ये अभियान :

इस अभियान में कन्या भ्रूण हत्या, कैंसर से निपटने, कृषि किसानों की समस्याएं, पर्यायवरण संबंधी समस्याएं और लगातार कम हो रहे जंगलों को लेकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है। केवल इतना ही नहीं इसके इलावा पंजाब के गांव में 75 सिलाई केंद्र भी खोले गए और इन केंद्रों में सैंकड़ों महिलाएं काम करके अपना रोजगार चलाती है। बहरहाल अब तो आपको पता चल गया होगा कि किसानों के मुद्दे पर इस्तीफा देने वाली हरसिमरत कौर बादल आखिर कौन है और उन्होंने राजनीती में कैसे नाम कमाया।

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