बिल गेट्स का वो अनोखा फैसला, जिसने हर माता पिता को दी बड़ी सीख
बता दे कि दुनिया की सबसे अमीर और बेहतरीन हस्तियों में बिल गेट्स का नाम भी शामिल है। जी हां बिल गेट्स एक ऐसे शख्स है जिनके पास दौलत की कमी नहीं है, लेकिन फिर भी उन्हें जमीन से जुड़े रहना काफी पसंद है। यहाँ तक कि बिल गेट्स लोगों की मदद करने के लिए दिल खोल कर चैरिटी भी करते है और इसमें उनकी पत्नी मेलिंडा भी उनका साथ देती है। गौरतलब है कि बिल गेट्स का वो अनोखा फैसला जिसने सब को हैरान कर दिया, आज हम आपको उस फैसले के बारे में बताने जा रहे है। दरअसल बात ये है कि बिल गेट्स और उनकी पत्नी सादगी भरा जीवन जीना पसंद करते है और उन्होंने अपने बच्चों को भी यही परवरिश दी है. बहरहाल इसी परवरिश के चलते बिल गेट्स ने एक बड़ा फैसला लिया।
बिल गेट्स और उनकी पत्नी ने ऐसे निभाई पेरेंट्स होने की जिम्मेदारी :
आपको जान कर हैरानी होगी कि एक तरफ जहाँ सभी माता पिता अपनी संपत्ति अपने बच्चों के नाम कर देते है। वही दूसरी तरफ बिल गेट्स और उनकी पत्नी ने अपनी दोनों बेटियों और बेटे को अपनी संपत्ति न देने का फैसला किया है। बता दे कि बिल गेट्स बिलियन डॉलर्स के मालिक है और इनमें से उन्होंने अपने बच्चों को दस दस मिलियन यानि करीब 77 करोड़ रूपये देने का फैसला किया है। जो मुसीबत के समय उनके बच्चों के काम आएंगे। इसके इलावा उनकी पूरी संपत्ति चैरिटी या किसी एनजीओ में दान कर दी जाएगी. हालांकि एक आम व्यक्ति के लिए 77 करोड़ की रकम भी काफी बड़ी होती है, लेकिन वह व्यक्ति जो बिलियन डॉलर्स का मालिक हो, उसके बच्चों के लिए यह रकम उतनी बड़ी नहीं है।
बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए उठाया ये कदम :
ये फैसला लेते हुए बिल गेट्स और उनकी पत्नी ने कहा था कि उनके पास भले ही बहुत ज्यादा दौलत हो, लेकिन दुनिया में ऐसे बहुत से लोग है जिनके पास गुजारा करने तक के पैसे नहीं है। यानि अगर वे दूसरों की मदद करने में सक्षम है तो उन्हें दान और चैरिटी करने में कोई हर्ज नहीं है। इसी वजह से उन्होंने अपनी ज्यादातर संपत्ति को दान में देने का फैसला किया है। इसके इलावा बिल गेट्स और उनकी पत्नी मेलिंडा का मानना है कि बच्चों को केवल उतनी ही आर्थिक मदद देनी चाहिए, जितनी मुश्किल समय में उनके काम आ सके क्यूकि बहुत ज्यादा पैसे विरासत में मिलने से बच्चे आलसी हो जाते है और खुद के पैरों पर कभी खड़े नहीं हो पाते. वे दोनों नहीं चाहते थे कि उनके बच्चे ऐसे बने, इसलिए उन्होंने ये फैसला लिया है।
बच्चों को सीखाना चाहिए पैसों का महत्व :
बता दे कि बाकी माता पिता को भी यही करना चाहिए और खास करके भारतीय समाज में जहाँ पैसे केवल बच्चों के लिए ही जोड़े जाते है। अब जाहिर सी बात है कि अगर बच्चों को पहले ही सभी सहूलतें मिल जाएँगी तो उन्हें कभी पैसो और मेहनत की कदर नहीं होगी। इसलिए अपने बच्चों का सही भविष्य बनाने के लिए हर माता पिता को यह सीख लेनी चाहिए कि उनका कौन सा फैसला उनके बच्चों के भविष्य को बनाएगा या बर्बाद करेगा। हालांकि इसमें कोई शक नहीं कि मेलिंडा गेट्स अपने बच्चों से बेहद प्यार करती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वह उनकी हर जायज और नाजायज जिद्द को पूरा करती है। आपको जान कर हैरानी होगी कि उन्होंने अपने बच्चों को तब तक मोबाइल नहीं दिए थे, जब तक वह चौदह साल के नहीं हो गए थे।
बच्चों को सही और गलत का फर्क समझाना भी जरूरी है :
यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो उन्होंने अपने बच्चों को छोटी उम्र से ही जरूरत के अनुसार रूपये खर्च करने की सीख दी है। जब कि आज के समय में ज्यादातर माता पिता अपने बच्चों की हर जरूरत और जिद्द को आसानी से मान लेते है और उनकी हर इच्छा को पूरा करने के चक्कर में उन्हें बिगाड़ देते है। हम ये नहीं कह रहे कि बच्चों की जरूरतें पूरी करना गलत है, लेकिन उनकी कौन सी डिमांड सही है और कौन सी डिमांड गलत, ये सोच कर ही उनकी जरूरत को पूरा करना चाहिए।
इसके साथ ही मेलिंडा ने एक इंटरव्यू में भी यह भी कहा था कि वे अपने बच्चों पर गुस्सा करने की बजाय उनसे सवाल करते है और उन्हें इमोशंस पर काबू रखना सीखाते है। जी हां उन्होंने अपने बच्चों को दयालु होने के साथ साथ धैर्य रखने की सीख भी दी है। बहरहाल बिल गेट्स और उनकी पत्नी मेलिंडा ने जो कुछ भी अपने बच्चों के लिए किया है उससे हर माता पिता को सीख जरूर लेनी चाहिए। फिलहाल तो बिल गेट्स का वो अनोखा फैसला जिसने हर किसी को हैरान कर दिया था, वो सच में तारीफ के काबिल है।