आपकी इन्हीं गलतियों की वजह से जल्दी खराब हो जाते हैं ईयरबड्स, रखें इन बातों का खास ध्यान
ईयरबड्स आज के इस डिजीटल युग में अहम हिस्सा बन गया है। म्यूजिक सुनना हो, ऑनलाइन क्लास करने हों या फिर फोन पर किस से बात करनी हो, हर सूरत में ईयरबड्स का इस्तेमा करना आम हो गया है। ऐसे में, इसका बेहतर कंडिशन में रहना भी जरूरी होता है और इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप अपने ईयरबड्स की लाइफ बढ़ा सकते हैं। दरअसल, इसकी सही देखभाल और सावधानी से इस्तेमाल न करने के कारण ही यह खराब होने लगते हैं। हालांकि, ईयरबड्स को लंबे समय तक चलाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
नमी से दूर रखें :
ईयरबड्स वैसे तो अब वाटरप्रूफ आने लगे हैं, लेकिन फिर भी इनको पानी या नमी वाले जगहों से दूर ही रखना चाहिए। खासकर नहाते समय या बारिश के समय ईयरबड्स का इस्तेमाल करने से आपको बचना चाहिए। इसके अलावा, पानी या पसीने से भी इसके इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को नुकसान पहुंच सकता है। आपकी इस गलती से ईयरबड्स काम करना बंद कर सकते हैं।
ईयरबड्स को उसके केस में रखना :
ईयरबड्स को इस्तेमाल के बाद उसे केस में रखने के बजाय उन्हें इधर-उधर फेंकने की गलती करने से आपको बचना चाहिए। ऐसे में, आपके इयरपीस को नुकसान हो सकता है। हमेशा ईयरबड्स को उनके चार्जिंग केस या बैग में ही रखें, ताकि वो सेफ रहें और लंबे समय तक चलें।
बहुत ज्यादा वॉल्यूम करके यूज करना :
ईयरबड्स का इस्तेमाल बहुत ऊंची वॉल्यूम पर नहीं करना चाहिए। इससे उनके स्पीकर्स को नुकसान पहुंच सकता है और साउंड क्वालिटी घट सकती है। यही नहीं आपकी इस गलती के कारण ईयरबड्स जल्दी खराब हो सकते हैं।
ओवर चार्ज करने की आदत :
ईयरबड्स को लगातार चार्जिंग पर लगाकर रखने से उसके बैटरी को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा, बैटरी को पूरी तरह से डिस्चार्ज होने के बाद उसे चार्ज में लगाना भी इसके लाइफसाइकल को घटा सकता है। ऐसे में, हमेशा कोशिश ये रहनी चाहिए कि ईयरबड्स की बैटरी 20-80% के बीच हो और इसे ओवरचार्जिंग से बचाएं।
ईयरबड्स को झटका लगना या गिरना :
ईयरबड्स को बार-बार झटका लगना या फिर जमीन पर गिर जाना, उनके इंटरनल सर्किट्स को डैमेज कर सकता है। ये छोटे और नाजुक डिवाइस होते हैं। ऐसे में, उन्हें बेहद संभालकर रखना जरूरी है।
मल्टी-डिवाइस के साथ पेयरिंग करने की गलती :
कई डिवाइस के साथ एक बार में ईयरबड्स को पेयर और अनपेयर करना इसे नुकसान पहुंचा सकता है। इससे सॉफ्टवेयर इशू हो सकता है। साथ ही, कनेक्टिविटी में दिक्कतें आ सकती हैं।