बॉम्बे हाई कोर्ट ने फेसबुक पर जुर्माना क्यों लगा दिया इतने रूपये का जुर्माना, जानिए आखिर क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने फेसबुक पर करीब पच्चीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने फेसबुक पर जुर्माना क्यों लगाया ये शायद कोई नहीं जानता। जी हां आज हम आपको बताना चाहते है कि आखिर पूरा मामला क्या है। दरअसल एक शिकायतकर्ता ने ये दावा किया है कि उसने फेसबुक पर एक विज्ञापन देख कर जूते ऑर्डर किए थे और पेमेंट भी कर दी थी। मगर वह जूते उसे मिले ही नहीं और ऐसे में कोर्ट ने फेसबुक को इसका जुर्माना देने का निर्देश दिया है।
फेसबुक पर जुर्माना क्यों लगाया बॉम्बे हाई कोर्ट ने :
बता दे कि बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने फेसबुक पर पच्चीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है और कंपनी को ये पैसा एक शख्स को देना है, क्योंकि फेसबुक ने एक फर्जी विज्ञापन के जरिए उस शख्स को ठगा है, जिसने जूते ऑर्डर किए थे। जी हां त्रिभुवन भोंगड़े नाम के एक शख्स ने फेसबुक पर जूतों का विज्ञापन देखा था। बहरहाल उस शख्स से ये कहा गया था कि 599 रुपए में नाइक के जूते मिलेंगे।
यहां गौर करने वाली बात ये है कि ये जूते उस शख्स ने मारिया स्टूडियो नाम की कंपनी से खरीदे थे, लेकिन ऑनलाइन पेमेंट करने के बावजूद भी उन्हें ये जूते नहीं मिले। फिर जब कंपनी को फोन लगाया गया तो इस शख्स को 7568 रूपए का चूना और लग गया। ऐसे में त्रिभुवन जी ने शिकायत दर्ज की और फिर ये मामला कोर्ट तक पहुंच गया। जी हां सबसे पहले डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन ने इस मामले को लेकर फेसबुक को 599 रूपए का रिफंड और फिर उस शख्स को मानसिक उत्पीड़न पहुंचाने के लिए पच्चीस हजार रूपए देने के निर्देश दिए थे।
फेसबुक ने दी कोर्ट के फैसले को चुनौती :
हालांकि फेसबुक ने इस फैसले को चुनौती देते हुए ये तर्क दिया है कि अगर एक्शन लेना भी है तो उस कंपनी के खिलाफ लिया जाएं जिसने जूते डिलीवर नहीं किए। इसके लिए फेसबुक के खिलाफ कार्रवाई करना सही नहीं है। इसके साथ ही ये भी कहा गया है कि फेसबुक का ट्रांजेक्शन वाले मामले में कोई रोल नहीं रहता और इसी वजह से ऐसे मामलों में उन्हें इम्यूनिटी मिलती है।
बहरहाल यहां ये भी साफ किया गया है कि उन्हें शिकायतकर्ता भोंगडे की तरफ से कोई पेमेंट नहीं मिली है, लेकिन फिर भी बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनने के बाद डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन के फैसले को नहीं बदला और इसका मतलब ये है कि फेसबुक को शिकायतकर्ता को पच्चीस हजार 999 रूपए देने ही होंगे। जी हां इसमें 599 रुपए वो है जो उस शख्स ने जूते खरीदने के लिए खर्च किए थे। बहरहाल अब तो आपको पता चल ही गया होगा कि आखिर फेसबुक पर जुर्माना क्यों लगाया गया और इसके पीछे की वजह क्या है, लेकिन दोस्तों हम आपकी राय जानना चाहते है कि आखिर इस मामले में गलती किसकी है।