अध्यात्म
अध्यात्म (Spiritual) क्या है ? अध्यात्म का अर्थ है अपने भीतर के चेतन तत्व को जानना, मनना और दर्शन करना अर्थात अपने आप के बारे में जानना या आत्मप्रज्ञ होना Spiritual है।
आध्यात्मिक ज्ञान (Adhyatmik Gyan), वह ज्ञान है जिसके अंतर्गत मनुष्य अपने मस्तिष्क में छिपे हुए आत्मबल को विकसित कर सकता है।
एक माध्यम को विकसित कर सकता है| यह लिंक धीरे-धीरे विकसित होकर अंतरिक्ष की ऊंचाइयों पर पहुंचकर आध्यात्मिक उर्जा के मुख्य स्रोत से मिल जाता है।
भारतीय मनोविज्ञान के अनुसार मनुष्य की मूल प्रकृति आध्यात्मिक है। मनुष्य की इस आध्यात्मिक प्रकृति के कारण ही उसने कला संस्कृति, सदाचार और धर्म के रूप में अपने को अभिव्यक्त किया है। मनुष्य इस आध्यात्मिक प्रकृति के कारण अन्य जीवों से भिन्न ही नहीं है, वरन उसमें यह शक्ति है की वह अपने वातावरण को बदल सकता है।
आध्यात्मिक अर्थ ग्रहण करने के लिए आंतरिक विश्लेषण करना ही होगा। इसके सिवा दूसरा कोई उपाय नहीं। यह ईश्वरीय सत्ता स्थायी रूप से सभी वस्तुओं में स्थित है और इसलिए उन्हें देखने के लिए स्वयं को सूक्ष्मतम में प्रतिष्ठित करना पड़ेगा, गहरे से गहरे में जाना पड़ेगा।
मानसिक विकास के साथ साथ जब कोई खंड सुख से अखंड सुख की ओर बढ़ता है, तब उसे भौतिक सुख की अपेक्षा मानसिक सुख में ज्यादा रुचि हो जाती है। वस्तुत: यह सभी मानवीय मन की ही प्रभुत्वता का प्रमाण है। अष्टांग योग के माध्यम से देह और मन में सचेत साधक क्रमश: अपने सोई हुई मानसिक शक्ति को जगा सकते हैं और उन्नत मन की सहायता से वे परम शांति अथवा आध्यात्मिक उपलब्धि में प्रतिष्ठित हो सकते हैं। इस दशा में ही कोई प्रकृत आनन्द को प्राप्त करते हैं।