ये होती है “सरोगेसी” जिससे शिल्पा शेट्टी माँ बनी है
आज कल हमारे भारत देश में खास करके मुंबई शहर में सरोगेसी का चलन काफी बढ़ गया है। हालांकि पहले यह तकनीक केवल टीवी सीरियल्स में ही दिखाई जाती थी, लेकिन अब बहुत से लोकप्रिय कलाकार इस तकनीक का इस्तेमाल अपनी असल जिंदगी में भी करने लगे है। मगर क्या आप जानते है कि आखिर सरोगेसी क्या होती है और क्यों बच्चा पैदा करने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। बता दे कि जब से शिल्पा शेट्टी सरोगेसी के द्वारा दूसरी बार माँ बनी है, तब से हर व्यक्ति इस तकनीक के बारे में जानना चाहता है। इसलिए आज हम आपको इसकी पूरी जानकारी देंगे। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि सिर्फ बॉलीवुड कलाकार ही नहीं बल्कि टीवी कलाकार जैसे कि कृष्णा अभिषेक और कश्मीरा शाह भी इसी तकनीक के द्वारा दो जुड़वां बच्चों के माता पिता बने है।
सरोगेसी क्या होती है, जिसकी मदद से शिल्पा शेट्टी दूसरी बार बनी माँ :
जी हां अब हम आपको बताते है कि सरोगेसी का असली मतलब क्या होता है। दरअसल सरोगेसी में कोई भी शादीशुदा कपल किसी दूसरी महिला की कोख किराये पर ले सकते है। गौरतलब है कि सरोगेसी के द्वारा बच्चा पैदा करने के कई कारण हो सकते है। जैसे कि अगर विवाहित कपल बच्चा पैदा करने में असमर्थ हो या महिला की जान को किसी तरह का खतरा हो या फिर महिला खुद बच्चा पैदा करने के लिए राजी न हो तो ऐसी स्थिति में सरोगेसी का सहारा लिया जाता है। इसके इलावा जिस औरत की कोख को किराये पर लिया जाता है और जिसके द्वारा बच्चा पैदा होता है उसे सरोगेट मदर कहा जाता है।
सरोगेट मदर और माता पिता बनने वाले कपल के बीच होता है यह एग्रीमेंट :
इस दौरान सरोगेट मदर और कपल के बीच एक एग्रीमेंट तय किया जाता है। इस एग्रीमेंट के तहत बच्चा पैदा होने के बाद क़ानूनी रूप से उस कपल का ही होता है जिसने सरोगेट मदर की कोख किराये पर ली होती है। वही दूसरी तरफ जो महिला सरोगेट मदर बनती है उसे उसकी जरूरत के अनुसार पैसे भी दिए जाते है। बता दे कि बच्चा पैदा होने तक उस सरोगेट मदर को कपल द्वारा सभी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाती है। यानि दवाईयों से लेकर डिलीवरी तक का सारा खर्च उस कपल द्वारा ही दिया जाता है, जो सरोगेसी के द्वारा बच्चा पैदा करवाते है। अब अगर हम सरोगेसी की प्रक्रिया की बात करे तो ये दो तरह की होती है। एक तो ट्रेडिशनल और दूसरी जेस्टेशनल होती है।
ट्रेडिशनल सरोगेसी.. सबसे पहले हम ट्रेडिशनल सरोगेसी की बात करते है। इस प्रक्रिया में पिता का स्पर्म उस महिला के एग्स से मैच करवाया जाता है जो सरोगेट मदर बन कर बच्चे को पैदा करने वाली होती है। अगर हम साफ शब्दों में कहे तो इस प्रक्रिया में बच्चे का जैनिटक संबंध केवल पिता से ही होता है, माता से नहीं। जब कि दूसरी प्रक्रिया में ऐसा नहीं होता।
जेस्टेशनल सरोगेसी.. इस प्रक्रिया में माता पिता के स्पर्म और एग्स का मैच टेस्ट ट्यूब के द्वारा करवाने के बाद इसे सरोगेट मदर बनने वाली महिला के यूट्रस में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। यानि इस प्रक्रिया में बच्चे का संबंध सिर्फ पिता से ही नहीं बल्कि माता से भी होता है।
सरोगेसी के लिए निश्चित किए गए है क़ानूनी नियम :
हालांकि इस तकनीक के दुरूपयोग को नजर में रखते हुए भारत देश में इस तकनीक के प्रति कुछ नियम भी लागू किए गए है। बता दे कि जो महिलाएं आर्थिक तंगी से जूझ रही होती है, ज्यादातर वही महिलाएं पैसों के लिए अपनी कोख किराये पर देती है। मगर सरकार की तरफ से इस किस्म की कॉमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगा दी गई है। गौरतलब है कि सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2019 के तहत कई क़ानूनी नियम बनाये गए थे। इन नियमों के तहत सरोगेसी का इस्तेमाल केवल तभी किया जाएगा, जब किसी विवाहित कपल को माता पिता बनने के लिए इस तकनीक की ज्यादा जरूरत हो। वही दूसरी तरफ विदेशियों, सिंगल पैरेंट, तलाकशुदा दम्पति आदि सब के लिए सरोगेसी के रास्ते बंद कर दिए गए है।
सरोगेसी की मदद से माता पिता बन चुके है ये बॉलीवुड कलाकार :
इसके साथ ही जो महिला सरोगेट मदर बनने वाली है वह पूरी तरह से स्वस्थ होनी चाहिए, तभी वह सरोगेट मदर बन सकती है। बता दे कि जो कपल सरोगेसी के द्वारा माता पिता बनने वाले होते है, उनके पास भी इस बात का सबूत होना चाहिए कि वो इनफर्टाइल है। अब यूँ तो शिल्पा शेट्टी के इलावा शाहरुख़ खान, आमिर खान, तुषार कपूर, करण जौहर, एकता कपूर और सोहेल खान आदि सब प्रसिद्ध कलाकार सरोगेसी का सहारा लेकर ही पेरेंट्स बने है। मगर इसमें कोई शक नहीं कि इस तकनीक के जरिए उन आम लोगों का सपना भी पूरा होता है जो माता पिता बनने की इच्छा रखते है और बच्चा पैदा करने में असमर्थ होते है। अब तो आप समझ गए होंगे कि सरोगेसी क्या होती है और इस तकनीक का इस्तेमाल क्यों किया जाता है।