किसी अप्सरा से कम नहीं है दिलीप कुमार की पोती, साउथ से लेकर बॉलीवुड एक्ट्रेसेज को दे रही हैं मात
बॉलीवुड में कई ऐसे सुपरहिट स्टार है जिनके परिवार वाले भी इंडस्ट्री से जुड़े हुए है। पहले के समय से लेकर आज तक स्टार्स के परिवारजन इस इंडस्ट्री में अपनी दिलचस्पी दिखाते आ रहे है। हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार से हम सब वाकिफ है। उनकी अदाकारी हम सब सब कभी नहीं भूल सकते है। वे लोगो के बीच आज भी बहुत लोकप्रिय है। आज हम अभिनेता दिलीप कुमार के है एक परिवार के सदस्य के बारे में आपको बताने जा रहे है। वो कोई और नहीं बल्कि दिलीप कुमार की नातिन सायशा है।
बता दे की सायशा ने ‘शिवाय’ मूवी से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। दरअसल सायशा को बॉलीवुड के सुपरस्टार अजय देवगन ने लॉन्च किया था। शिवाय 28 अक्टूबर 2016 को दिवाली के अवसर पर पर्दे पर रिलीज किया गया था। आज इस मूवी को रिलीज हुए 5 साल होने वाले है मगर इस मूवी को आज तक लोग पसंद करते है। पांचवीं कक्षा तक इंग्लैंड में पढ़ीं सायशा ने 12वीं कक्षा मुंबई के एक स्कूल से पास की है। शायसा की मां शाहीन बानो दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो की भतीजी हैं।
दरअसल सायशा के पिता का नाम सुमित सहगल और मां का नाम शाहीन बानो हैं। सायशा के पिता सुमित और मां शाहीन का साल 2000 में तलाक हो गया था। उसके बाद सुमीत ने बॉलीवुड एक्ट्रेस फराह नाज से शादी कर ली थी। सायशा को म्यूजिक और डांस बहुत पसंद है। सायशा एक ट्रेन डांसर भी है। बता दे की सायशा ने लंदन से डांस की ट्रेनिंग हासिल की है। डांस में शुरू से ही दिलचस्पी होने के कारण उन्होंने लंदन मे 10 की उम्र में ही लेटिन-अमेरिकन स्टाइल का डांस सीखना शुरू कर दिया था। वहीं सायशा ने रियो डे जनेरियो और साउथ अफ्रीका में भी डांस की ट्रेनिंग हासिल की है। सायशा ने ओडिशी, कथक, बेली डांस और हिप हॉप की ट्रेनिंग भी ली है।
हालांकि सायेशा सहगल ने जयम रवि के साथ फिल्म वनमगन से अपनी करियर की शुरुआत की थी मगर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। उन्होंने फिर 2015 में अखिल फिल्म को की तेलुगु में थी से शुरुआत की और 2016 में अजय देवगन की बड़ी फिल्म बॉलीवुड में रिलीज की गई। सायशा सहगल फिलहाल में एक एनीमेशन फिल्म में काम कर रही हैं, जो व्हेल्स फिल्म और प्रभुदेवा स्टूडियो के सहयोग से बनाई गई है। फिल्म की शूटिंग का नाम ‘किजाकू अफ्रीकेविल राजू’ रखा गया है, जो वास्तव में एमजीआर के ‘उलगाम सुट्ट्रम वलीबन’ का दूसरा भाग है।