ये तो सब जानते है कि बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर दिलीप कुमार हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह कर जा चुके है, लेकिन उनकी यादें हमेशा उनके फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगी। हालांकि आज हम आपको दिलीप कुमार के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों से रूबरू करवाना चाहते है। जैसे कि दिलीप कुमार सायरा बानो की लव स्टोरी आने वाली पीढ़ी के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है। जी हां दिलीप कुमार ने ये बखूबी साबित किया था कि मोहब्बत में उम्र नहीं देखी जाती सिर्फ प्यार देखा जाता है। तो चलिए अब आपको दिलीप कुमार से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में विस्तार से बताते है।
दिलीप कुमार सायरा बानो का प्यार है एक मिसाल :
बता दे कि ग्यारह दिसंबर 1922 को पेशावर पाकिस्तान में जन्म लेने वाले दिलीप कुमार करियर बनाने के लिए मुंबई आएं और अभिनय से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। यहां तक कि अपने करियर की शुरुआत में ही उन्हें काफी गंभीर और संजीदा किरदार निभाने को मिले। बहरहाल दिलीप कुमार की पहली फिल्म ज्वार भाटा थी और अगर हम इनके फिल्मी करियर की बात करे तो इन्होंने नया दौर, त्रिशूल देवदास, मुगल ए आजम और सौदागर जैसी नाजाने कितनी ही बेहतरीन फिल्मों में काम किया था। यहां तक कि संजय लीला भंसाली ने तो उनकी फिल्म देवदास से प्रेरणा लेकर दोबारा देवदास फिल्म बना दी, जिसमें शाहरुख खान ने मुख्य किरदार के रूप में काम किया है।
अब अगर हम दिलीप कुमार के निजी जीवन की बात करे तो एक इंटरव्यू के दौरान सायरा बानो ने यह कहा था कि उनका दिल दिलीप कुमार पर आ गया था, लेकिन उन दोनों की उम्र के बीच बीस साल से ज्यादा का फासला था तो इस वजह से वह दिलीप कुमार जी से बात करने में काफी हिचकिचा रही थी। मगर दिलीप कुमार शायद सायरा बानो के दिल की बात समझ गए थे और ऐसे में उन्होंने सायरा बानो को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया था।
दिलीप कुमार ने मजाक में कही थी ये बात :
हालांकि एक इंटरव्यू के दौरान सायरा बानो ने यह भी बताया था कि जब उन्होंने दिलीप कुमार को अपने दिल की बात कही थी तब दिलीप साहब ने उनसे मजाक करते हुए कहा था कि तुम्हें मेरे सफेद बाल नहीं दिखाई दे रहे, लेकिन सायरा बानो के मन में तो दिलीप कुमार बस चुके थे और ये बात दिलीप कुमार जी भी समझ गए थे। बता दे कि जब दोनों की शादी हुई तब दिलीप साहब 44 साल के और सायरा बानो बाइस साल की थी, लेकिन फिर भी शादी के बाद दोनों ने हर मुश्किल का मिल कर सामना किया। इनके निजी जीवन में जो उतार चढ़ाव आए थे उनके बारे में दिलीप साहब की ऑटोबायोग्राफी द सबस्टांस एंड द शैडो में लिखा है कि एक बार सायरा बानो प्रेगनेंट थी।
मगर अफसोस कि उनका मिसकैरेज हो गया और इस हादसे के बाद वे दोनों काफी उदास हो गए थे। फिर भी दोनों एक दूसरे का हौंसला बन कर आगे बढ़ते चले गए और जिंदगी का इतना मुश्किल सफर तय कर ही लिया। यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो बात चाहे मोहब्बत की हो या पाकिस्तान में पुरस्कार लेने की, लेकिन दिलीप कुमार साहब ने हर मामले को बड़ी गंभीरता से हैंडल किया था, तो ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि दिलीप साहब सच में एक बेमिसाल इंसान थे।