अंकिता ने खुद बताया कि क्यों उन्होंने अब तक नहीं लिखा कि सुशांत की आत्मा को शांति मिले
जब सुशांत सिंह राजपूत की आकस्मिक मौ’त हुई तब इस बात को समझ पाना कि ऐसा क्यों हुआ हर फैंस के लिए अच्छा नहीं था। फैन्स अपने आप को यह बता नहीं पा रहे थे कि उनकी मौत हो गई है। उनकी मौ’त के बाद उनकी पूर्व प्रेमिका अंकिता लोखंडे ने बहुत सारी बातें की परंतु अपने किसी भी बात में उन्होंने कभी भी सुशांत सिंह राजपूत के लिए यह नहीं बोला कि भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। इस पर हाल ही में अंकिता लोखंडे ने एक बयान दिया है वह इंटरव्यू आजकल काफी सुर्खियों में है।
अंकिता ने खुल कर रहा अपना पक्ष :
सुशांत सिंह राजपूत और उनकी प्रेमिका पूर्व प्रेमिका अंकिता लोखंडे की जोड़ी रील लाइफ में हीं नहीं बल्कि रियल लाइफ में भी लोगों के द्वारा काफी पसंद की जाती थी। दोनों एक दूसरे के साथ 6 साल से रिलेशनशिप में है। इसलिए शायद जितना सुशांत सिंह राजपूत को अंकिता जानती हैं उतना ही कोई और पार्टनर उन्हें जानता होगा हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने यह बताया कि उन्होंने क्यों अभी तक सुशांत सिंह राजपूत के किसी भी फोटो पर उनकी आत्मा को शांति मिले जैसा कोई बात नहीं लिखा।
RIP लिखने की हिम्मत नहीं होती
जब पिछले साल जून में सुशांत सिंह राजपूत की अचानक मौ’त हो गई थी और उनका शरीर उनके रूम में मृत पाया गया था तब उनके फैंस उनके चाहने वाले और उनके घर वालों को काफी सदमा लगा था। अंकिता भी उन्हीं लोगों में से एक थे जिनको सुशांत के जाने का विश्वास नहीं हो रहा था और वह गहरे सदमे में चली गई थी। अंकिता के अनुसार सुशांत को जिंदगी में कभी नहीं भूल पाएंगे। अंकिता में इंटरव्यू में यह भी बताया कि जब भी सुशांत की कोई तस्वीर या वीडियो वह साझा करती है तो उस पर RIP लिखने की हिम्मत उनकी नहीं होती।
विश्वास नहीं हुआ कि वह चले गए :
एक निजी वेबसाइट को दिए गए इंटरव्यू में अंकिता ने यह बताया कि जब उनको यह समाचार प्राप्त हुआ कि सुशांत सिंह राजपूत नहीं रहे तब यह समाचार सुनकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। अंकिता यह कभी विश्वास नहीं कर पाई कि सुशांत सिंह राजपूत अब नहीं रहे। जब भी वह सुशांत के किसी तस्वीर को देखती हैं या उसे साझा करती हैं तो उस तस्वीर पर भगवान उनकी आत्मा को शांति दें ऐसा लिखने की हिम्मत में नहीं होती।
आगे अंकिता कहती हैं कि उस वक्त जब मैंने ऐसा कुछ नहीं लिखा था तो लोगों ने मुझ पर उंगलियां उठाई क्योंकि मैं उस दिन कोई सुशांत की तस्वीर साझा नहीं की थी जिस दिन सुशांत चले गए थे। जब कोई प्रिय गुजर जाता है तो उसकी तस्वीर ताजा करना इतना अहम होता है मुझे नहीं लगता। मैं कभी यह नहीं कहा पाऊंगी की सुशांत की आत्मा को शांति मिले क्योंकि मेरे लिए ऐसा लिखना संभव नहीं है क्योंकि मुझे ऐसे लिखने की हिम्मत नहीं होती।